उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रहे हैं. अब इन्होंने इसी दिशा में सबसे प्रमुख कदम अपने ही ग्रह जनपद गोरखुर से उठाया है. दरअसल योगी आदित्यनाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र गोरखपुर को एक जिला-एक उत्पाद (ओपीडी) योजना में शामिल किया है और अब योजना है कि राज्य के इस पूर्वांचल क्षेत्र को रेडिमेड गारमेंट्स के लिए भी आगे रखा जाएगा. इसके बाद से ही इस क्षेत्र के स्थानीय उद्यमियों के साथ ही बाहरी उद्यमियों में भी यहाँ पर यूनिट लगाने के लिए दिलचस्पी दिखने लगी है.

दरअसर चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज गोरखपुर से कई बाहरी उद्यमियों ने सम्पर्क कर यूनिट लगाने की इच्छा जताई है. इसकी जानकारी चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी को गोरखपुर में दी, तो उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार गोरखपुर को केंद्र बनाकर पूर्वांचल को रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का हब बनाने के लिए काम किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने देगी.

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कैसे बनेगा गोरखपुर रेडीमेड का हब

योगी आदित्यनाथ प्रदेश के विकास पर लगातार काम कर रहे हैं. अब उसी कड़ी में गोरखपुर को रेडिमेड का हब बनाने की बात कही गई है. दरअसल मुख्यमंत्री योगी ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को गोरखपुर के एक जिला-एक उत्पाद योजना में शामिल किया है. शामिल किए जाने के बाद से ही इस सेक्टर में उद्यमियों का रुझान तेजी से बढ़ा भी है. इसका पहला उदाहरण तभी देखने के लिए मिल गया था जब मार्च में टाउनहॉल मैदान में रेडिमेड गारमेंट्स की एक्जिबिशन का आयोजन किया गया था. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस प्रदर्शनी में शामिल भी हुए थे और व्यापारियों की हिम्मत भी बढ़ायी थी. तभी से इस क्षेत्र में गारमेंट्स इंडस्ट्री को लेकर कमाल की दीवानगी देखी जा रही है.

व्यापारियों का बढ़ रहा है मनोबल

जिले में बढ़ती गारमेंट्स इंडस्ट्री की चहलकदमी के कारण ही जिले के लोगों का भी मनोबल बढ़ा हुआ है और व्यापारियों को भी हिम्मत मिली हुई है. कोरोना के बाद से ही सभी के व्यापारों में ताले पड़े हैं लेकिन इस क्षेत्र में खुशखबरी ने सभी को मनोबल देने का काम किया है. व्यापारी पहले से कहीं ज्यादा उत्साही हैं और काम करने के लिए तैयार हैं. योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति ने उद्यमियों को साहस देने का काम ज्यादा किया है. इससे गारमेंट्स इंडस्ट्री के प्रति मंत्री जी की गंभीरता का भी सिगनल मिला है.

रोजगार के अवसर तैयार करेगी यह इंडस्ट्री

बढ़ती बेरोजगारी सभी के लिए सबसे बड़ी समस्या है. इस दिशा में भी इस तरह के कदम सकारात्मकता लाने का काम कर रहे हैं. एक अनुमान की अगर माने तो गोरखपुर में 350 करोड़ रुपये की पूंजी से करीब 15 हजार लोगों को रेडीमेड सेक्टर में रोजगार मिला है. सरकार का मानना है कि इतने कम निवेश पर अन्य क्षेत्र में इतना रोजगार मिलना सम्भव नहीं है. इसे देखते हुए एमएसएमई के जरिए रेडीमेड गारमेंट के परंपरागत उद्यम से सरकार 50 हजार लोगों को रोजगार दिलाने की तैयारी में है. कोरोना की दूसरी लहर के पहले तक गोरखपुर में 500 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट्स की खपत यहीं तैयार कपड़ों से हो रही थी. तब बाजार में 2000 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट बाहर के उद्यमी कर रहे थे. इस तरह से अगर देखा जाए तो यह बेरोजगारी पर सरकार का सबसे बड़ा हथियार साबित होने की दिशा में अच्छा कदम है.