नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2021-22 (Budget 2021) पेश किया, जो इस नये दशक का पहला बजट है और कोविड संकट के मद्देनजर एक डिजिटल बजट भी है. आत्‍मनिर्भर भारत का विजन प्रस्‍तुत करते हुए उन्‍होंने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र, एमएसएमई और कई और क्षेत्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं की घोषणा की. वित्त मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए बजट में 15700 करोड़ रुपये की व्‍यवस्‍था की गई है, जोकि इस वर्ष के बजट अनुमान का दोगुना है. जबकि एमएसएमई को पुनर्जीवित करने के लिए कई इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क घटाया गया है. MSME और छोटे कारोबारियों पर 1% कैश जीएसटी भुगतान नियम का नहीं पड़ेगा प्रभाव

बजट में एमएसएमई को लाभांवित करने के लिए कुछ बदलाव लाने का प्रस्ताव रखा गया जिसमें स्टील स्क्रू, प्लास्टिक बिल्डर वेयर पर शुल्क को 15 प्रतिशत करने का ऐलान किया गया. साथ ही परिधान, चमड़ा और हस्तशिल्प के निर्यातकों को प्रोस्ताहित करने के लिए शुल्क मुक्त वस्तुओं के निर्माण पर छूट युक्तिसंगत बनाए जाने का ऐलान किया गया. कुछ विशेष प्रकार के चमड़े के आयात पर छूट को वापस लेने की भी घोषणा की गई. क्योंकि उनका अधिकांश एमएसएमई में बहुतायत मात्रा एवं गुणवत्ता में उत्पादन किया जाता है ताकि उनके घरेलू प्रसंस्करण को प्रोत्साहित किया जा सके.

एमएसएमई को कोविड-19 महामारी से हुए आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए कुछ इस्पात उत्पादों पर एंटी डंपिंग शुल्क (एडीडी) और प्रतिकारी शुल्क (सीवीडब्ल्यू) को भी रद्द कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने बजट भाषण में कहा ‘‘हाल में लोहे और इस्पात की कीमतों में हुई तेज बढ़ोतरी से एमएसएमई और अन्य उद्योग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. इसलिए हम गैर-मिश्र धातु, मिश्र धातु और स्टेनलेस इस्पात के उत्पादों पर सीमा शुल्क को समान रूप से घटा कर 7.5 प्रतिशत कर रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘धातुओं का कच्चे माल के लिए इस्तेमाल करने वालों, जिनमें से ज्यादातर एमएसएमई हैं, के लिए मैं इस्पात के कबाड़ (स्टील स्क्रैप) पर 31 मार्च 2022 तक सीमा शुल्क को खत्म कर रही हूं. मैं कई इस्पात उत्पादों पर एडीडी और सीवीडी को भी खत्म कर रही हूं. तांबे का पुनर्चक्रण (Recycling) करने वालों के लिए भी मैं तांबे के कबाड़ पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर रही हूं.’’