अगर आप खेती करना चाहते हैं तो जरूरी नहीं कि आपके पास कई बीघा खेत हो। आप नई तकनीकों को प्रयोग कर खेती कर सकते हैं। बदलते दौर में खेती की तकनीकों में भी काफी बदलाव आया है। इसी बदलती खेती में एक नया नाम जुड़ा है मिलिट्री मशरूम का। मिलिट्री मशरुम की खेती करने  के लिए ना आपको ज्यादा पूंजी की जरूरत है, ना ज्यादा जगह की। आप कम जगह और पैसों में इस खेती को करके लाखों की कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे आप मिलिट्री मशरूम की खेती कर सकते हैं।

मिलिट्री मशरूम क्या है?

मिलिट्री मशरूम एक मेडिसिनल प्रोडक्ट है। यह पहाड़ी इलाकों में नैचुरली पाया जाता है। चीन, भूटान, तिब्बत, थाईलैंड जैसे देशों में इसकी खेती होती है। इसे 'कीड़ा जड़ी' भी बोला जाता है क्योंकि यह एक खास तरह के कीड़ा Cordyceps से तैयार होता है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) ने इसे रेड लिस्ट में डाल रखा है। इसलिए अब बड़े लेवल पर इसे लैब में तैयार किया जा रहा है।

कैसे होता है मिलिट्री मशरूम का उत्पादन

मिलिट्री मशरूम को उगाने के लिए ऑटो क्ले, लेमिनार फ्लो, रोटरी शैकर जैसे उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है। सबसे पहले प्लास्टिक या कांच के जार, ब्राउन राइस आदि को ऑटो क्ले में 122 डिग्री ताप बैक्टीरिया फ्री किया जाता है। इसके बाद आलू के पल्प को उबालकर इसे फिल्टर करने के बाद इसमें एस्ट्रोड, पैक्टॉन जैसे पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। इसके बाद 40 मिलीलीटर ब्राउन राइस, 40 मिलीलीटर लिक्विड कल्चर डाला जाता है। इसकेे बाद, लैब में बॉक्स को सात दिनों के लिए पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाता है। मिलिट्री मशरूम को तैयार होने में करीब 110 दिन लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कमरे का तापमान 18-22 डिग्री रहना चाहिए। उत्पाद तैयार होने के बाद इसे डिहाडड्रेटर में ड्राय किया जाता है। एक बोतल में करीब 5-7 ग्राम सूखा मशरूम तैयार होता है और सामान्य ताप पर इसे 3-4 वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

मिलिट्री मशरूम के यह हैं फायदे

मिलिट्री मशरूम हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह हाई एनर्जेटिक होता है। एथलीट्स और जिम करने वाले लोग बड़े लेवल पर इसका इस्तेमाल करते हैं। यह हमारे शरीर के लिए एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) प्रोडक्शन का भी बड़ा सोर्स है। डायबिटीज, थायराइड, अस्थमा, ट्यूमर जैसी कई बीमारियों के इलाज में भी यह फायदेमंद होता है। इसमें पाए जाने वाले कॉर्डीसेपीन और एडिनोसिन एलिमेंट्स हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

कैसे करें इसका सेवन

हर दिन करीब 1 ग्राम मिलिट्री मशरूम का सेवन करना ही पर्याप्त है। इसे हर दिन सुबह के समय खाना चाहिए। पर ध्यान रहे इसके सेवन से पहले इसे एक कप गर्म पानी में भिगोना चाहिए, ताकि यह पूरी तरह से स्वच्छ हो जाए। इसे शहद के साथ सेवन करना भी काफी लाभकारी होता है।

कहां से ले इसकी ट्रेनिंग?

देश में कई ऐसे संस्थान हैं जहां मिलिट्री मशरूम की खेती की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा लेवल का कोर्स होता है। इसके साथ ही कई किसान व्यक्तिगत लेवल पर भी इसकी ट्रेनिंग देते हैं। कई लोग इंटरनेट के जरिए भी जानकारी हासिल करते हैं। हालांकि लैब तैयार करने के लिए एक्सपर्ट की जरूरत होती है। एक किलो मशरूम तैयार करने में 70 हजार रुपए तक खर्च होते हैं। जबकि इसे दो लाख रुपए के दर पर बेचा जा सकता है। यानी प्रति किलो मशरूम पर सवा लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है। अगर आप हर साल 8 से 10 किलो मशरूम तैयार करते हैं तो 10 से 12 लाख रुपए का मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं।