नई दिल्ली: कभी कोरोना वायरस के बेतहाशा बढ़ते मामलों के कारण सुर्खियों में रहने वाली राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, आने वाले समय में स्टार्टअप हब बन सकती है. दिल्ली में स्टार्टअप को बढ़ावा देने और युवा उद्यमियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण देने के लिए केजरीवाल सरकार खास नीति तैयार कर रही है. जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.

कुछ दिन पहले ही दिल्ली में स्टार्टअप की नई नीति बनाने के लिए परामर्श प्रक्रिया शुरू की गई. इसके जरिए दिल्ली को एक अग्रणी स्टार्टअप का विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके के लिए युवा उद्यमियों के साथ दिल्ली सरकार ने शनिवार को एक अहम बैठक भी की. दिल्ली सरकार जल्द ही एक स्टार्टअप नीति का मसौदा भी जारी करने वाली है.

स्टार्टअप पॉलिसी पर आम जनता की राय जानने के लिए ऑनलाइन फोरम बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में सितंबर 2019 की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया था कि इस क्षेत्र से 7000 से अधिक स्टार्टअप के साथ दिल्ली देश में सक्रिय स्टार्टअप की संख्या में सबसे आगे है. दिल्ली स्टार्टअप का मूल्यांकन 50 बिलियन डॉलर का है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मानना है कि भारतीय दुनिया के सबसे होशियार उद्यमी हैं और उन्हें सही अवसर और सही परिस्थितियों की जरूरत है. उन्होंने बताया कि स्टार्टअप नीति से दिल्ली को वर्ल्ड टॉप-5 की रेस में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर 12,000 स्टार्टअप के साथ वर्ष 2025 तक लगभग 150 बिलियन डॉलर के संचयी मूल्यांकन के साथ शीर्ष पांच वैश्विक स्टार्ट-अप हब में से एक बन सकता है. दिल्ली सरकार के मुताबिक स्टार्टअप नीति से उद्यमियों का समर्थन किया जाएगा और एक मजबूत आर्थिक और बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा. इसके कारण रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.