नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से पूरी दुनिया कोरोना वायरस का कहर झेल रही है. महामारी के कारण उद्योग-व्यापार सब चौपट हो गया है. परिणामस्वरूप बेरोजगारी अपने चरम को छू रही है. वैश्विक महामारी ने रत्नों और आभूषणों का कारोबार भी घाटे में पहुंचा दिया है. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बताया कि कोविड-19 की वजह से जुलाई महीने में रत्नों, आभूषणों का निर्यात 38 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया है. हालांकि 2020-21 के पहले चार महीनों के दौरान चांदी के आभूषणों का निर्यात बढ़कर 51.08 करोड़ डॉलर हो गया, जो सालभर पहले की समान अवधि में 25.26 करोड़ डॉलर था.
जीजेईपीसी के मुताबिक कोविड-19 महामारी के चलते घटी वैश्विक मांग के कारण जुलाई महीने में देश से रत्नों और आभूषणों का निर्यात 38.10 प्रतिशत कम होकर 1.35 अरब डॉलर (लगभग 10,185 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है. जबकि साल भर पहले जुलाई में यह निर्यात 2.2 अरब डॉलर यानी लगभग 15,112 करोड़ रुपये था.
जीजेईपीसी के अध्यक्ष कोलिन शाह के मुताबिक निर्यात में लगातार गिरावट की वजह वैश्विक आर्थिक मंदी और कई देशों में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिये लागू प्रतिबंध है. परिणामस्वरूप मांग में भारी कमी आई है. बताया जाता है कि यह सेक्टर देश के कुल निर्यात में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान देती है.
इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान निर्यात 50.36 प्रतिशत घटकर 4.11 अरब डॉलर पर गया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 8.27 अरब डॉलर था. निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से सोने के आभूषण और रंगीन रत्नों के निर्यात में कमी आने के कारण है. आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 के पहले चार महीनों के दौरान सोने के आभूषणों का निर्यात 73.62 प्रतिशत घटकर 49.49 करोड़ डॉलर रहा. इसी तरह, रंगीन रत्नों का निर्यात इस अवधि के दौरान 69 प्रतिशत कम हो गया. भारत के रत्न और आभूषण मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन में निर्यात होते है, जो कि महामारी का कहर झेल रहे है.