भारत-रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को भला आज कौन नहीं जानता। वो न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे बल्कि वो एक कवि और महान प्रेरणास्त्रोत भी थे।
25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक संभ्रांत शिक्षक परिवार में जन्में अटल जी शुरू से ही बाकी लोगों से अलग थे। वो तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वाजपेयी जी को सन् 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राजनेता होने के साथ ही वे एक कोमल हृदय के कवि भी थे। वह जब संसद में बोलने के लिए उठते थे तो विरोधी भी बड़ी शांति के साथ उन्हें सुनते थे। 31 मई 1996 को संसद में दिया गया उनका भाषण भारतीय लोकतंत्र में हमेशा याद किया जाता है।
31 मई 1996 को संसद में विश्वास मत के दौरान अटल जी ने कहा था, "सरकारें आएंगी-जाएंगी मगर ये देश और उसका लोकतंत्र रहना चाहिए।" उनकी यह बात भारतीय लोकतंत्र में हमेशा गूंजती रहेगी।
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने विचारों के जरिए हमेशा समाज के लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। वो अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जो तमाम वैचारिक मतभेदों के बावजूद सभी दलों के नेताओं के साथ परस्पर अच्छा संबंध रखते थे। 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया। लेकिन उनके विचार आज भी हमारे बीच जीवित हैं।
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इसलिए आज हम आपको उनके कुछ विचार बताएंगे जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
- मानव जीवन अनमोल है, इसे केवल अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी जीएं।
- अपना जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है। इन दोनों में समन्वय आवश्यक है।
- छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता।
- निराशा की अमावस में हम अपना मस्तक आत्म-गौरव के साथ तनिक ऊँचा उठाकर देखें।
- हम अहिंसा में विश्वास रखते हैं, और चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो।
- मुझे अपने हिंदुत्व पर अभिमान है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं मुस्लिम विरोधी हूं।
- सूर्य एक सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता, लेकिन ओस की बूंद भी तो एक सच्चाई है।
- ईश्वर भी आकर कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे ईश्वर को मानने को तैयार नहीं।
- आज मानव और मानव के बीच में जो भेद की दीवार खड़ी है, उसे हटाना होगा। इसके लिए राष्ट्रीय अभियान की आवश्यकता हैं।
- भारत, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं।
- जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए।
- सेवा-कार्यों की उम्मीद सरकार से नहीं की जा सकती। उसके लिए समाज-सेवी संस्थाओं को ही आगे उगना पड़ेगा।
- आप दोस्तों को बदल सकते हो, लेकिन पड़ोसियों को नहीं।
- यदि आपको किसी विशेष पुस्तक में कुछ भी पसंद नहीं है, तो बैठकर चर्चा करें। पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना कोई हल नहीं है। हमें इसे वैचारिक रूप से निपटना होगा।
- जब मैं बोलना चाहता हूं तो लोग सुनते नहीं, जब लोग चाहते हैं, की मैं बोलूं तो मेरे पास बोलने को कुछ नहीं होता।
अटल जी के प्रधानमंत्री रहते देश के सामने कई बड़ी चुनौतियां आई लेकिन हर बार अटल जी ने देश को मुश्किलों से उबारने में कामयाबी हासिल की।
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वाजपेयी जी ने हमेशा एक मजबूत भारत का सपना देखा था। वाजपेयी जी के व्यक्तित्व से हम चाहे तो काफी कुछ सीख कर अपने अपने क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप मोटिवेशनल कोच डॉ विवेक बिंद्रा का ये वीडियो देख सकते हैं:
यह उनके व्यक्तित्व का ही प्रभाव था कि समाज के सभी तबकों में वे लोकप्रिय रहे। वे अपने विरोधी दलों के नेताओं की अच्छी बातों की सराहना करने से नहीं चूकते थे। आप भी उनके इन विचारों की मदद से खुद को प्रेरित रख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी के यह विचार आपको हमेशा प्रेरित रखेंगे।
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