देश में कोरोना ने कॉर्पोरेट सेक्टर को काफी हानी पहुंचायी है. दूसरी लहर ने भी बिजनेस को कई स्तर तक नीचे पहुंचाने का काम भले ही किया हो लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर के बाद कॉर्पोरेट सेक्टर को ऊपर उठकर तेजी से आगे बढ़ने और आर्थिक सुधार की उम्मीद बनी हुई है. 119 कॉर्पोरेट प्रमुखों के एक सीआईआई सीईओ पोल ने बताया कि लगभग 59 प्रतिशत सीईओ ने अपनी कंपनियों के लिए पहली लहर की तुलना में बिक्री में सुधार की उम्मीद की है, जबकि उनमें से 46 प्रतिशत ने अपने संबंधित उद्योग क्षेत्रों के लिए समान प्रवृत्ति व्यक्त की है.
सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "घातक दूसरी लहर ने आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा प्रभावित नहीं किया है क्योंकि लॉकडाउन को बड़े पैमाने पर सामाजिक सभा को सीमित करने के लिए डिजाइन किया गया था और इससे आर्थिक विकास पर दूसरी लहर के प्रभाव को सीमित करने में मदद मिली है."
साथ ही बताया कि टीकाकरण आर्थिक गतिविधियों पर दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने और उपभोक्ता भावना को बढ़ावा देने की कुंजी है, भारतीय व्यवसायी अपने कर्मचारियों को लगातार टीका लगाने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं और साथ ही उन्हें टीकाकरण के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं. एक सर्वेक्षण के परिणामों से पता चला है कि मतदान करने वाली फर्मों के 55 प्रतिशत कर्मचारियों को कम से कम टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है. अपने क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता मांग का आकलन करते हुए, 49 प्रतिशत सीईओ को उम्मीद है कि यह 2019-20 की समान अवधि की तुलना में 2021-22 की पहली छमाही में बेहतर होगा. इसी तरह, 72 फीसदी सीईओ को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 2019-20 की इसी अवधि की तुलना में निजी निवेश बेहतर होगा.
ये भी पढ़े : MSME Update: RBI ने खुदरा, थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की अधिसूचना की जारी
यहाँ पर महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग 62 प्रतिशत कॉर्पोरेट लीडर्स इस बात की पुष्टी कर चुके हैं कि उनकी ऑर्गेनाइजेशन को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संचालन को कम करने के लिए मजबूर किया गया था. परिचालन के वापस स्केलिंग के कारण, फर्मो के लाभप्रदता मानकों पर प्रतिकूल प्रभाव भी स्पष्ट है. आपको यह भी बता दें कि दूसरी लहर के दौरान स्थानीयकृत रोकथाम उपायों का आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने पर सीमित प्रभाव पड़ा था, जो रोजगार की स्थिति के अनुकूल था. जिससे व्यापार को चलाने में दिक्कतों का ज्यादा सामना नहीं करना पड़ा था और बिना रोक टोक व्यापार सुचारू रूप से चलता रहा.
अब देखने वाली बात यह होगी यह खबर आने वाले समय में कितनी कारगर साबित होगी. कोरोना से आगे भी व्यापार को बचा कर आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखना किसी बड़ी चुनौतियों से कम नहीं होने वाला है.