1947 में जब भारत आज़ाद हुआ तो आज़ादी के साथ साथ बहुत सा संघर्ष भी मिला। बंटवारे के समय लाखों लोगों को भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत अपना घर बार छोड़कर आना जाना पड़ा। इसी बंटवारे में सिंधी समाज को भी पाकिस्तान में अपना सबकुछ छोड़कर भारत आना पड़ा।

भारत आकर सिंधी समाज के लोग राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के रिफ्यूजी कैंप में रहे। लेकिन अपना सबकुछ पाकिस्तान में छोड़ देने के बाद भी सिंधियों ने हार नहीं मानी और अपने बिजनेस स्किल्स से ना सिर्फ खुद को संभाला बल्कि देश को भी आर्थिक बल प्रदान किया।

सिंधियों की सफलता के पांच सीक्रेट्स

हमेशा बिजनेस माइंडेड सोच रखना

सिंधी लोगों को भले ही पैसा खर्च करने के मामले में कंजूस और कमाने के मामले में बहुत ज्यादा बिजनेस माइंडेड क्यों ना कहा जाता हो, लेकिन सच्चाई ये है कि वो पैसा कमाना और बचाना बखूबी जानते हैं। वो एक-एक पैसे की कीमत को समझते हैं और उसे कमाने के लिए हरसंभव प्रयास भी करते हैं। जैसे एक सिंधी दुकानदार 50 किलो की चीनी की बोरी को खरीदता था और जिस दाम पर चीनी खरीदता था उसी दाम पर बेच देता था। लोगों ने पूछा इसमें तुम्हारा क्या फायदा तो उस व्यक्ति ने कहा कि मैं पैसा चीनी से नहीं कमाता उसके साथ जो बोरी मुफ़्त आती है उसे बेचकर हर बोरी से 50 पैसे कमा लेता हूं।

कभी भी हार नहीं मानते

सिंधी लोगों में कभी भी हार ना मानने का हुनर भी मौजूद है। अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए वो ना सिर्फ लगातार मेहनत और दौड़भाग करते हैं बल्कि खुद की गलतियों को दोबारा कभी नहीं दोहराते। अपनी पिछली नाकामयाबियों को अपने आने वाले काम पर हावी नहीं होने देते। यही कारण है कि आज़ादी के बाद सिंधियो ने खराब परिस्थियों से ना सिर्फ सीखा बल्कि उन गलतियों को करने से खुद को बचाया और आगे बढ़ते गए।

ज़मीनों को किराए पर लेना नहीं बल्कि खरीदना पसंद करते हैं सिंधी

ये एक बहुत बड़ा तथ्य है कि सिंधी समुदाय के लोग जमीनों और दुकानों को किराए पर लेना नहीं बल्कि उन्हें खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। यही कारण है कि आज बहुत से सिंधी परिवार काफी ज्यादा अमीर हैं। अपने पूर्वजों से सीखे गए इस गुण के कारण आज सिंधी समाज पैसा कमाने और बिजनेस को ज्यादा तेजी से आगे बढ़ाने में सक्षम रहे हैं।

आत्मविश्वास और मेहनत पर करते हैं भरोसा

सिंधी व्यक्ति ने चाहे बिजनेस की पढ़ाई ना की हो लेकिन उन्हें अपना बिजनेस बनाना और उसे बढ़ाना दोनों ही अच्छी तरह आता है क्योंकि वो अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ हमेशा ही आगे बढ़ता रहता है।

अपने नियम खुद बनाते हैं

सिंधी समाज के लोग अपने नियम खुद बनाकर उनके हिसाब से चलना पसंद करते हैं और अपने कहे शब्दों पर हमेशा टिके रहते हैं।

सिंधी समुदाय के लोगों ने ना सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था में अपना एक बड़ा योगदान दिया है बल्कि राजनीति, फिल्म और कानूनी क्षेत्रों में भी सहयोग किया है। आज सिंधी समाज हमारे देश की 20% जीडीपी में सहयोग करता है, 24% इनकम टैक्स करता है। इतना ही नहीं देश में की जाने वाली चैरिटी में भी इनका 62% हिस्सा शामिल है।

बात अगर अन्य क्षेत्रों की करें तो लालकृष्ण आडवाणी और जेबी कृपलानी जैसे बड़े सिंधी नेता हमारे देश को बेहतर करने में अपना योगदान दे चुके हैं। तरुण ताहिलयानी आज फैशन और फिल्म इंडस्ट्री में अपने डिजाइनर कपड़ों को लेकर फेमस हैं। हर क्षेत्र में सिंधी समुदाय के लोगों ने अपने हुनर का परचम लहराया है।

LFP Plus by Dr Vivek Bindra

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