भारत में एमएसएमई सेक्टर यानि कि सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम वर्गीय व्यापार की आंत्रप्रेन्योर युवाओं के बीच अच्छी खासी चर्चा है. इसकी दो वजह है, पहली भारत सरकार एमएसएमई सेक्टर को लगातार बढ़ावा दे रही है और दूसरी वजह है कि भारतीय युवा अपने स्टार्टअप बिज़नेस की ओर ज्यादा ध्यान दे रहा है. आंत्रप्रेन्योर के पास अपना खुद का एक अच्छा एमएसएमई बिज़नेस प्लान (MSME Business Plan) मौजूद है, जिसे आगे बढ़ाने के लिए व्यापारी एमएसएमई मंत्रालय से हर संभव मदद या लाभ भी पाता है.

हर साल 27 जून को अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के तौर पर मनाया जाता है, चलिए इस अवसर पर हम आपको एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी उपलब्ध कराने जा रहे हैं. अगर आप एक व्यापारी हैं या व्यापार करने का विचार कर रहे हैं तो इन बातों की जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए.

क्या होता है एमएसएमई बिज़नेस (MSME Startup in India)

व्यापार हर किस्म के होते हैं. कुछ व्यापार ऐसे होते हैं, जिन्हें शुरू करने के लिए कम पूंजी की आवश्यकता होती है तो कुछ व्यापार ऐसे होते हैं, जिनकी शुरुआत के लिए ज्यादा फंड की जरूरत होती है. दरअसल एमएसएमई वह उद्योग होता है, जिसकी शुरुआत स्थानीय स्तर पर की जाती है. इस तरह के व्यवसाय को कम लोगों के साथ कम जगह पर भी किया जा सकता है. इसमें मुख्यता दो तरह के व्यापार होते हैं, मैन्यूफैक्चरिंग बिज़नेस और सर्विस आधारित व्यापार. मैन्यूफैक्चरिंग बिज़नेस में किसी प्रोडक्ट का निर्माण किया जाता है और सर्विस आधारित व्यापार में किसी भी तरह की सर्विस को उपभोक्ताओ को उपलब्ध कराया जाता है.

इसमें बजट का अंतर भी होता है. अगर किसी व्यापार में लगने वाली लागत 25 लाख रुपये तक है तो उसे सूक्ष्म स्तर का व्यापार कहा जाता है. बिज़नेस में लगने वाली पूंजी अगर 50 लाख तक है तो उसे लघु व्यापार की श्रेणी में रखा जाता है वहीं अगर कारोबार को शुरू करने में 5 करोड़ तक की पूंजी लगती है तो इसे मध्यम स्तर का व्यवसाय कहा जाता है.

कैसे शुरू करें एमएसएमई बिज़नेस (How to Start MSME Business)

एमएसएमई उद्योग वह सेक्टर बन चुका है, जिसका संबंध सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था से है. एमएसएमई सेक्टर से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है, इसी वजह से भारतीय सरकार समय-समय पर एमएसएमई सेक्टर के लिए कुछ नए नियमों और योजनाओं को लेकर आती है. युवाओं में भी स्टार्टअप बिज़नेस को लेकर एक अलग किस्म का उत्साह है और यही उत्साह एमएसएमई व्यापार की नींव रखता है.

एमएसएमई बिज़नेस को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको यह निर्णय लेना होगा कि आपको मैन्यूफैक्चरिंग बिज़नेस शुरू करना है या फिर सर्विस आधारित व्यवसाय की शुरुआत करनी है. इसके बाद आपको एमएसएमई स्टार्टअप नियमों के आधार पर अपने व्यापार को रजिस्टर कराने के लिए आवेदन देना होगा. आवेदन आप एमएसएमई पोर्टल या फिर एमएसएमई मंत्रालय की साइट पर निर्देशित नियमों के आधार पर कर सकते हैं. एमएसएमई स्टार्टअप बिज़नेस के लिए लोन (MSME Loan for Startup Business) की व्यवस्था भी उपलब्ध है, जिसका लाभ पाकर आप स्टार्टअप बिज़नेस शुरू कर सकते हैं.

स्टार्टअप बिज़नेस के लिए कुछ प्रमुख एमएसएमई स्कीमें (MSME Scheme for Startup Business)

व्यापार छोटा हो या फिर बड़ा उसे शुरू करने के लिए आपके पास सबसे पहले एक अच्छा बिज़नेस आइडिया और दृढ़ निश्चय होना चाहिए. व्यापार में फंड अगर पाना है तो इसके लिए आप सरकार द्वारा उपलब्ध एमएसएमई स्कीमों का फायदा ले सकते हैं. कुछ स्कीमें ऐसी हैं, जिनका उपयोग आप अपने व्यापार को शुरू करने में कर सकते हैं. चलिए आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बताते हैं, जिसे स्टार्टअप बिज़नेस के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है.   

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana)

स्टार्टअप बिज़नेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई किस्म की स्कीमों की शुरुआत कर चुकी है, जिनमें से एक है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना. एमएसएमई बिज़नेस प्लान के लिए यह सरकारी स्कीम बेहद अच्छी स्कीमों में से एक हैं. जिसकी मदद से स्टार्ट-अप बिज़नेस को शुरू किया जा सकता है और ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है. मुद्रा स्कीम के माध्यम से दस लाख तक की राशि लोन के जरिए बिज़नेस को शुरू करने के लिए जुटायी जा सकती है. इस योजना को शिशु, किशोर और तरुण,  तीन नाम देकर तीन चरणों में बांटा गया है.

  1. शिशुः- शिशु कैटेगिरी के जरिए बिज़नेस को शुरू करने के लिए 50 हजार तक की रकम लोन लेकर जुटायी जा सकती है.
  2. किशोरः- इस कैटेगिरी में किसी चालू बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख तक का लोन लिया जा सकता है.
  3. तरुणः- इस कैटेगिरी में उन व्यापारियों को रखा गया है, जिनका बिज़नेस अच्छी अवस्था में है और उन्हें अपने फील्ड की अच्छी जानकारी भी है, लेकिन बिज़नेस को विस्तार देने के लिए फंड की मदद चाहते हैं. इस कैटेगिरी के तहत 10 लाख तक का लोन लिया जा सकता है.

इस स्कीम का लाभ छोटे स्तर पर किसी प्रोडक्ट का निर्माण करने वाले व्यापारी, रिटेलर्स और थोक विक्रेता (Wholesalers) उठा सकते हैं. इस स्कीम का लाभ लेकर व्यापारी अपने कारोबार को शुरू करने का काम लगातार कर रहे हैं.

स्टार्टअप बिज़नेस का शुभारंभ करने वाले हर व्यापारी को एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी इन खास जानकारियाँ को जरूर जानना चाहिए.

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप अगर बिज़नेस को शुरुआत से समझने के लिए किसी बिज़नेस कोर्स की मदद चाहते हैं तो आपको Entrepreneurship Course का चयन जरूर करना चाहिए. जहाँ पर आपको बिज़नेस इंडस्ट्री से जुड़े बड़े उद्यमियों से बिज़नेस की बारीकियों को सीखने का अवसर मिलता है.