केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने आज खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की. एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व मेंहम एमएसएमई को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगतिका इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. गडकरी ने कहा कि संशोधित दिशानिर्देशों से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा. एमएसएमई से जुड़ी संपूर्ण जानकारी, जिसे आपको जरूर जाननी चाहिए
उन्होंने कहा कि खुदरा और थोक व्यापार को अभी तक एमएसएमई के दायरे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब संशोधित दिशानिर्देशों के तहतखुदरा और थोक व्यापार को भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण प्राप्त करने का लाभ मिलेगा.
संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ अब खुदरा और थोक व्यापारियों को उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अनुमति होगी. केंद्र सरकार के इस कदम का व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है. कैट ने कहा कि इस फैसले से व्यपारियों को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण के तहत जरूरी वित्तपोषण (Financing) जुटाने में मदद मिलेगी.
हाल ही में एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने क्षेत्र के लिए एक रेटिंग प्रणाली बनाने का आह्वान किया है. इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न योजनाओं की निगरानी के लिए डैशबोर्ड बनाने की बात कही है. उन्होंने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को रेटिंग्स देने के लिए आसान और पारदर्शी तरीका इस्तेमाल किया जाना चाहिए. अच्छे कारोबार तथा बेहतर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिकॉर्ड वाले एमएसमएई को रेटिंग से उन्हें बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी. उन्होंने सिडबी से तीन महीने में फैसला करने और क्षेत्र को समर्थन उपलब्ध कराने को कहा.
उल्लेखनीय है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई का हिस्सा करीब 30 प्रतिशत है. इस क्षेत्र में 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है. यह कृषि के बाद रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है.