बैंक ऑफ महाराष्ट्र एमएसएमई सेक्टर को आगे बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले बैंकों की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया है. दरअसल बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने इस वित्तीय वर्ष में एमएसएमई सेक्टर को ज्यादा लोन देने की श्रेणी में सबसे आगे आ पहुंचा है. पुणे के इस बैंक ने 2020-21 में एमएसएमई लोन में 35 फीसदी की भारी वृद्धि दर्शायी है. बैंक ने एमएसएमई सेक्टर की यूनिट्स के लिए इस वर्ष में 23,133 करोड़ रुपये के लोन दिए हैं.
इसके अलावा चेन्नई का इंडियन बैंक दूसरे स्थान पर रहा है. उसने 15.22 फीसदी की वृद्धि के साथ एमएमएमई सेक्टर को कुल 70,180 करोड़ रुपए का लोन उपलब्ध कराया है. खुदरा क्षेत्र के कर्ज के मामले में बीओएम ने करीब 25.61 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जो देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक से भी ज्यादा है. एसबीआई ने इस खंड में 16.47 फीसदी की वृद्धि पायी है.
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जिस तरह से इस बैंक ने एमएसएमई सेक्टर को आगे बढ़ने के लिए वित्तीय सेवा उपलब्ध करायी है, उससे देश के लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम में तेजी की रफ्तार भी आएगी और वही रफ्तार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम भी करेगी. देश में उपस्थित एमएसएमई सेक्टर से ही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने का काम किया जा सकता है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से किया गया काम इस क्षेत्र में एक अच्छी पहल है.