कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ा नुकसान हुआ है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के दायरे को और बढ़ा दिया है. भारत की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को PLI से मिलेगा बड़ा फायदा, यहां जानिए सबकुछ

वित्त मंत्रालय द्वारा घोषणा की गई है कि ईसीएलजीएस 4.0 के तहत, 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी. इन ऋणों के लिये ब्याज दर की सीमा 7.5 प्रतिशत तय की गई है. यानी बैंक इस सीमा से कम दर पर कर्ज दे सकते हैं. इनके द्वारा हेल्थकेयर सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये तक के बिजनेस लोन की पेशकश की जाएगी ताकि हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स के विनिर्माण केंद्र को स्थापित किया जा सके.

ऋण लेने वाले, जो 5 मई 2021 के आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार पुनर्गठन के लिए पात्र हैं और जिन्होंने चार साल के समग्र कार्यकाल के ईसीएलजीएस 1.0 के तहत ऋण लिया था जिसमें पहले 12 महीनों के दौरान केवल ब्याज चुकाने के साथ बाद के 36 महीनों में मूलधन और ब्याज चुकाने का प्रावधान शामिल था, वे अब अपने ईसीएलजीएस ऋण के लिए पांच वर्ष की अवधि का लाभ उठाने में सक्षम होंगे अर्थात पहले 24 महीनों के लिए केवल ब्याज चुकाने के साथ बाद के 36 महीनों में मूलधन और ब्याज की अदायगी होगी.

दिशानिर्देशों के अनुसार पुनर्गठन के साथ, ईसीएलजीएस 1.0 के तहत कवर किए गए ऋण लेने वालों को 29 फरवरी, 2020 तक के बकाये के 10 प्रतिशत तक की राशि के बराबर की अतिरिक्त ईसीएलजीएस सहायता प्रदान की जाएगी.

ईसीएलजीएस 3.0 के तहत पात्रता के लिए 500 करोड़ रुपये के ऋण बकाये की वर्तमान सीमा को हटाया जाएगा, बशर्ते प्रत्येक उधार लेने वाले को अधिकतम अतिरिक्त ईसीएलजीएस सहायता 40 प्रतिशत या 200 करोड़ रुपये (इनमें से जो भी कम हो) तक सीमित होनी चाहिए.

वहीं, ईसीएलजीएस 3.0 के तहत नागरिक उड्डयन क्षेत्र पात्र होगा. जबकि ईसीएलजीएस की वैधता 30 सितंबर 2021 तक या 3 लाख करोड़ रुपये की गारंटी जारी होने तक बढ़ा दी गई है. इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2021 तक ऋण संवितरण (Disbursement) की अनुमति है.

उल्लेखनीय है कि ईसीएलजीएस में किए गए ये संशोधन एमएसएमई सेक्टर को अतिरिक्त सहायता प्रदान करते हुए लाखों आजीविका को सुरक्षित करेंगे और व्यवसायिक गतिविधियों को निर्बाध रूप से दोबारा शुरू करते हुए ईसीएलजीएस की उपयोगिता और प्रभाव को मजबूत करेंगे. इन बदलावों से उचित शर्तों पर संस्थागत ऋण के प्रवाह में और सुविधा होगी. संचालन संबंधी विस्तृत दिशानिर्देश राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) द्वारा अलग से जारी किए जा रहे हैं.