अपने बच्चे को मुसीबत से बचाने के लिए एक मां जमीन-आसमान एक कर देती हैं, ये बात हम हमेशा से सुनते और देखते आए हैं। इसी बात को एक और बार साबित किया (Mamaearth) मामाअर्थ कंपनी को बनाने वाली ग़ज़ल अलघ ने, जिन्होंने अपने बच्चे की बीमारी का इलाज़ खोजते-खोजते हजारों करोड़ की कम्पनी खड़ी कर दी।

क्या है ये पूरी कहानी, चलिए जानते हैं!

मामाअर्थ, आज एक जाना-माना नाम बन चुका है लेकिन इसको शुरू करने की कहानी बहुत ही खास है। ग़ज़ल अलघ गुड़गांव की रहने वाली हैं, उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से बीसीए किया हैं, बाद में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट से इंटेंसिव कोर्स भी किया है। पढ़ाई के बाद उन्होंने आईटी सेक्टर में एक कॉरपोरेट ट्रेनर के तौर पर काम भी किया।

पड़ोसी से की शादी, बाद में बने बिजनेस पार्टनर

गुड़गांव में ग़ज़ल के घर के पास ही वरुण रहते थे, जिनके साथ ही ग़ज़ल ने आगे चलकर शादी की। वरुण अपने घर के बालकनी से उन्हें देखा करते थे, जहां से दोनों की लव स्टोरी शुरू हुई। कुछ साल डेट करने बाद दोनों ने 2011 में शादी कर ली, दोनों ही अपनी-अपनी जॉब से खुश थे। साल 2014 में ग़ज़ल ने अपने बेटे अगस्त्य को जन्म दिया। अगस्त्य को एग्ज़मा नाम की एक स्किन प्रॉब्लम की वजह से अगस्त्य को स्किन में जलन होती है और स्किन ड्राई भी रहती है।

इस बीमारी के इलाज़ के लिए ग़ज़ल और वरुण ने जो स्किन प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करना शुरू किया वो प्रोडक्ट्स टॉक्सिन से भरे थे। इन टॉक्सिन भरे प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से उनके बेटे की समस्या पहले से भी ज्यादा बढ़ने लगी। जिसके कारण ग़ज़ल को अपने बेटे के लिए यूएस से स्किन प्रोडक्ट्स मंगवाने पड़े लेकिन इसमें उन्हें कई प्रॉब्लमस का सामना करना पड़ा। इस दौरान ग़ज़ल ने देखा कि इस प्रॉब्लम से जूझने वाली वो अकेली नहीं हैं बहुत से लोग हैं जो टॉक्सिन भरे प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से परेशान थे।

शुरू की भारत में टॉक्सिन फ्री प्रोडक्ट्स बनाने की मुहिम

अब ग़ज़ल ने मामाअर्थ कंपनी को शुरू करने का सोचा जहां उन्होंने टॉक्सिन फ्री स्किन प्रोडक्ट्स बनाने की मुहिम को शुरू किया। साल 2016 में उन्होंने अपने पति वरुण के साथ होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड के अंदर मामाअर्थ ब्रांड को शुरू किया। इस ब्रांड के तहत उन्होंने नैचुरल प्रोडक्ट्स को बनाना शुरू किया और आगे चलकर ग़ज़ल के पति ने भी अपनी जॉब छोड़ दी और ग़ज़ल के साथ फुल टाइम काम करने लगे।

आज मामाअर्थ एक यूनिकॉर्न कंपनी बन चुकी हैं भारत का एक जाना-माना ब्रांड बन चुका है। अपने बेटे का इलाज़ ढूंढने निकली ग़ज़ल अलघ, आज लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

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