सफलता उन्हीं को मिलती है जो रिस्क लेने से पीछे नहीं हटते। जो कोशिश करते हैं वो हर बाज़ी जीत ही लेते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं एथनिक वियर ब्रांड 'मान्यवर' के फाउंडर और एमडी रवि मोदी। जो हाल ही में जारी हुए IIFL हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2022 में सबसे तेज रफ्तार से कमाई करने वाले बिजनेसमैन बनकर उभरे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रवि मोदी की संपत्ति में एक साल में 376 फीसदी की उछाल आयी है। लेकिन उनकी यह संपत्ति रातों-रात नहीं बनी है। इसके पीछे उनका कड़ा संघर्ष और रिस्क लेने की क्षमता छिपी है। कभी दस हजार की लागत से शुरू करने वाले बिज़नेस की सफलता की बदौलत आज मोदी रिच लिस्ट में 205 पायदान ऊपर चढ़कर 41वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
फर्श से अर्श तक पहुंचने का यह सफर रवि मोदी के लिए आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरक सफर।
बचपन से ही पढ़ाई में थे तेज़
कोलकाता के एक सामान्य परिवार में जन्में रवि मोदी बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थे। माता-पिता के इकलौते बेटे मोदी गणित में अच्छे थे। उनके पिता कोलकाता के एक मार्केट में रिटेल स्टोर चलाया करते थे जहां मोदी पढ़ाई के बीच अपने पिता की भी मदद किया करते थे। रवि मोदी जब कक्षा 2 में थे तो उनके मैथ्स में 100 में से 100 अंक आए। उनकी मां ने उनके लिए पार्टी आयोजित की। लेकिन फिर जब वो दोबारा 100 अंक लेकर आए तो परिवार में माहौल सामान्य था। उन्हें तभी समझ में आ गया कि एक जैसी सक्सेस को कोई भी इंजॉय नहीं करना चाहता और उन्होंने कुछ अलग करने की ठान ली।
पिता के साथ सीखा काम
रवि मोदी जब 13 साल के थे तभी से वो पिता के साथ रिटेल की दुकान में काम करने लगे थे। वो पिता के साथ शर्ट, पैंट से लेकर जींस तक बेचा करते थे। उनका पूरा बचपन ऐसे ही बीत गया। सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से कॉमर्स में स्नातक करने के बाद उन्होंने एमबीए करने पर विचार किया, लेकिन उनके पिता ने कहा कि ‘असली एमबीए 13 से 22 साल के उन नौ सालों में उन्होंने कर लिया है।’ इसलिए उन्होंने अपनी ही दुकान में सेल्समैन के रूप में काम किया। उन्होंने स्टोर में ग्राहकों को लुभाने में अहम भूमिका अदा की। मात्र 22 साल की उम्र में वो एक बच्चे के पिता बन गए।
अपने सपनों को छोड़ शुरू किया कारोबार
रवि मोदी को मर्सिडीज़ कार का बहुत शौक था। उनका सपना था कि वो यह कार ले पाते लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे। उन्होंने अपनी मां से 10,000 रुपये लिए और भारतीय परिधानों की मैनुफेक्चरिंग शुरू की। तैयार कपड़ो को वो उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में बेचा करते थे। धीरे-धीरे उनके द्वारा बनाए गए कपड़े लोगों को पसंद आने लगे। इसी बीच एक एजेंसी ने उन्हें एक ब्रांड के नाम के साथ बाजार में उतरने को कहा। जिसे मानते हुए उन्होंने ‘मान्यवर’ नाम का अपना ब्रांड बाजार में उतारा। साथ ही बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता स्थित विशाल मेगा मार्ट के साथ अपना स्टॉक बेचने लगे।
शुरुआत में हुआ नुकसान
शुरुआत में रवि मोदी को अपना सामान बेचने के लिए थोड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। मान्यवर के कपड़े शुरुआती दिनों में कश्मीर वस्त्रालय संग्रह और कला मंदिर जैसे आउटलेट्स पर बेचे जाते थे। 2005-06 तक, मोदी ने फ्यूचर ग्रुप से लेकर शॉपर्स स्टॉप और वेस्टसाइड तक बड़े फॉर्मेट स्टोर्स में अपने उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी थी और पूरे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। अपने पिता की सलाह मानते हुए उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वह कर्ज न लें और इसके बजाय अधिकांश पैसा बिज़नेस में लगा दें। धीरे-धीरे उनकी कंपनी तेज़ी से आगे बढ़ने लगी।
विराट कोहली को बनाया ब्रांड एंबेसडर
2016 में, कंपनी ने तत्कालीन भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली को ब्रांड एंबेसडर के रूप में उतारकर एक तरह का तख्तापलट कर दिया। इससे मान्यवर का ब्रांड और तेज़ी से आगे बढ़ा। रवि मोदी ने फरवरी 2022 में अपनी कंपनी का आईपीओ लॉन्च किया था। फोर्ब्स के अनुसार, 25 सितंबर तक उनकी कुल संपत्ति 317 अरब डालर (30,170 करोड़ रुपये) थी। फोर्ब्स की तरफ से जारी 2022 की अरबपतियों की सूची में, उन्हें 1,238वां स्थान दिया गया था। आज उनकी कंपनी के देशभर में करीब 600 से अधिक स्टोर और 11 आउटलेट विदेशों में हैं।
रवि मोदी काफी सादगी पसंद बिजनेसमैन हैं। वे मेट्रो सिटी की हलचल से दूर कोलकाता के बाहरी इलाके में एक सोसाइटी में रहते हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से सफलता की कहानी लिखी है। आज वो मार्केट में खास पहचान बनाए हुए हैं और लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।