"कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों" दुष्यंत कुमार की यह लाइन झारखंड की रागिनी कच्छप पर बिलकुल सटीक बैठती है।

रागिनी का पूरा जीवन संघर्षमय रहा, लेकिन हर परिस्थिति का सामना किया, उन्होंने गरीबी को सहा और उसी गरीबी ने रागिनी को आगे चलकर सफलता की राह दिखाई।

रागिनी ने अमृतसर में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पावर लिफ्टिंग में 3 गोल्ड जीते और उन्हें स्ट्रांग गर्ल का टैग मिला। आप भी रागिनी कच्छप की संघर्ष की कहानी जानें और उनसे सीखें कि यदि हम ठान लें, तो राह में आने वाली सभी मुश्किलों का सामना करके भी हम जीवन में सफल हो सकते हैं।

कौन है रागिनी कच्छप?

रागिनी कच्छप का जन्म झारखंड के रांची में एक गरीब परिवार में हुआ। रागिनी के पिता एक इलेक्ट्रॉनिक शॉप के गोदाम में काम करते हैं और माता आसपास के घरों में बर्तन मांजने के काम करती हैं। यही कारण है कि रागिनी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। रागिनी का एक छोटा भाई भी है, जो कि दिव्यांग है। रागिनी के माता पिता को रागिनी के करियर की और उनके भाई के भविष्य की चिंता सताती है।

ऐसे हुई जिम की शुरुआत

रागिनी अच्छे अंकों के साथ 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन में पास हुई। ग्रेजुएशन के साथ ही वे सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रही थी। उस समय घर पर रहकर पढ़ाई करने के कारण उनका वजन बढ़ने लगा। जब उनके जान पहचान वाले उन्हें उनके वजन को लेकर ताना मारने लगे, तब उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू किया। कुछ ही समय बाद झारखंड स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप जीती।

कोरोना काल में उनके पिता की नौकरी चली गयी, तब परिवार की हालत और ज्यादा ख़राब होने लगी। अपने परिवार को सहायता करने के लिए उन्होंने जिम में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की। जिम में कोच संदीप तिवारी ने उन्हें गाइड करना शुरू किया। पावर लिफ्टिंग में हर इंसान को एक स्पेशल डाइट लेनी पड़ती है, लेकिन रागिनी के पास सप्लीमेंट खरीदने के भी पैसे नहीं थे। ऐसे में उनके कोच ने उन्हें घर का बना खाना खाने की सलाह दी।

नेशनल चैंपियनशिप में जीते 3 गोल्ड

दिसंबर 2022 में अमृतसर में हुई पावर लिफ्टिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए भी रागिनी के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उनकी माँ ने उनके लिए महिला समूह से 3 हजार रुपये उधार लिए। इस प्रतियोगिता में रागिनी ने पावर लिफ्टिंग, बेंच प्रेस और डेड लिफ्ट प्रतियोगिता में 3 गोल्ड मैडल जीते। अब रागिनी का लक्ष्य पावर लिफ्टिंग की एशियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

अगर हमारे जीवन में कई सारी समस्याएं हैं, तो हम किस प्रकार से इन समस्याओं का सामना करते हैं, इसी से हमारा भविष्य तय होता है। रागिनी के सामने कई सारी समस्याएं आयीं, लेकिन उन्होंने अपनी हर समस्या से कुछ ना कुछ सीख ली और स्ट्रॉंगेस्ट वुमेन ऑफ इंडिया का टैग जीता।


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