ज़िन्दगी सभी को आगे बढ़ने और सफल होने के कई अवसर प्रदान करती है, लेकिन यह हम पर है कि हम इस अवसर को भुना पाते हैं या नहीं। MDH के धर्मपाल गुलाटी जी के जीवन से हम यह सीख सकते हैं।

कौन थे धर्मपाल गुलाटी

धर्मपाल गुलाटी जी का जन्म 1923 में सियालकोट (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है) में हुआ था। 5वीं के बाद पढ़ाई छोड़कर वे पिता के काम में हाथ बंटाने लगे। 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ, तो उनका परिवार सभी परेशानियों को झेलते हुए रिफ्यूजी बनकर भारत आया।

पहले उन्होंने दिल्ली में तांगा चलाया, लेकिन उन्हें यह काम रास नहीं आया। बाद में उन्होंने दिल्ली के करोल बाग में एक छोटी सी दुकान लेकर उसमें मसाला बेचना शुरू किया। इसका नाम उन्होंने महाशियन दी हट्टी रखा, आज यही कंपनी MDH के नाम से देश के हर घर में अपनी पहुँच बनाये हुए है। धर्मपाल गुलाटी जी की मौत 3 दिसंबर 2020 को दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के माता चनन देवी अस्पताल में हुई।

आज के इस आर्टिकल में जानिये उन सूत्रों के बारे में, जिन्हें अपनाकर धर्मपाल गुलाटी ने तय किया फर्श से अर्श तक का सफर –

समय हमेशा एक सा नहीं रहता:

विभाजन के बाद दंगों से बचते हुए भारत आये और यहाँ भी परेशानियों का सामना किया। दिल्ली में उन्होंने तांगा चलाया। कुछ ही दिनों बाद यह काम बंद कर दिया और मसालों की छोटी सी दुकान शुरू की। मेहनत करते हुए इसी दुकान को उन्होंने एक बड़ी मसाला कंपनी MDH में बदल दिया। धर्मपाल जी ने ज़िन्दगी में आई सभी परेशानियों का डटकर सामना किया। उनका मानना था कि समय कभी भी एक सा नहीं रहता। यदि आज दुःख है, तो हम कड़ी मेहनत से उसे सुख में बदल सकते हैं।

शुरुआत करना ज़रूरी:

यदि हम अपनी परेशानियों के बारे में ही सोचते रहेंगे, तो कभी भी शुरुआत नहीं कर पाएंगे। धर्मपाल जी ने जीवन की सभी चुनौतियों का सामना करते हुए मसालों के रूप में नई शुरुआत की। आज उनकी कंपनी MDH के बारे में सभी जानते हैं। हम जब भी कुछ शुरुआत करने की सोचते हैं, तो उसे तुरंत शुरू कर देना चाहिए। यदि उसमें हम निरंतर मेहनत करते हैं, तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी।

कुछ नया करने का जज़्बा:

जब MDH का ब्रांड एम्बेसडर चुनने की बात आयी, तब धर्मपाल जी स्वयं इसके ब्रांड एम्बेसडर बने। उनका कहना था कि ब्रांड एम्बेसडर का काम प्रोडक्ट का प्रचार करना है और MDH के बारे में मुझसे अच्छा कौन बता पायेगा। हम जब भी कोई नया काम करने की सोचते हैं, तो हम उसके बारे में पहले विचार करते हैं। लेकिन हमें कुछ नया करने से कभी नहीं घबराना चाहिए।

प्रोडक्ट की क्वालिटी से समझौता नहीं :

पहले उन्होंने एक छोटी सी दुकान से शुरुआत की। इसमें वे खुद मसाले पीसते और अपनी दुकान पर बेचते थे। उनके मसालों का स्वाद जल्द ही कई लोगों को भा गया। धीरे धीरे वे सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे और MDH एक बहुत बड़ी कंपनी बन गयी। लेकिन उन्होंने कभी भी अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी से कभी भी समझौता नहीं किया।

हमेशा एक्टिव बने रहें:

धर्मपाल जी अपने आखिरी समय तक भी एक्टिव बने रहे। वे हमेशा MDH की सभी फैक्ट्रियों में जाकर कर्मचारियों से बात करते थे और उनका मनोबल बढ़ाते थे। जब एक व्यक्ति हमेशा एक्टिव बना रहता है, तब उसके सफल होने के चान्सेस ज्यादा हो जाते हैं।

जीवन में अधूरी पढ़ाई, विभाजन के बाद के दंगे जैसी सभी समस्याओं का सामना करते हुए धर्मपाल जी ने अपनी कड़ी मेहनत के द्वारा MDH को एक बहुत बड़ी कंपनी में बदल दिया। उनके जीवन के सार को समझकर कोई भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।


आशा है कि आज का यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा। इसके बारे में अपने विचार हमें कमेंट करके अवश्य बताएं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Anybody Can Earn का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।