J-K की नई औद्योगिक विकास योजना से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को होगा बड़ा फायदा, जानिए प्रमुख विशेषताएं
श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए नई औद्योगिक विकास योजना को मोदी सरकार की हरी झंडी मिल चुकी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रस्ताव पर विचार किया और इसकी स्वीकृति दी. योजना 28,400 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ वर्ष 2037 तक स्वीकृत की गई है. MSME और छोटे कारोबारियों पर 1% कैश जीएसटी भुगतान नियम का नहीं पड़ेगा प्रभाव
भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र क्षेत्र की योजना के रूप में जम्मू-कश्मीर के लिए नई औद्योगिक विकास योजना (जेएंडकेआईडीएस, 2021) तैयार की है. योजना का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में रोजगार सृजन, कौशल विकास और नए निवेश आकर्षित करके तथा वर्तमान उद्योगों को विकसित करके उद्योग और सेवा क्षेत्र को और मजबूत करना है.
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
पूंजी निवेश प्रोत्साहन: संयंत्र और मशीनरी (मैन्युफैक्चरिंग में) निवेश या भवन निर्माण अन्य सभी स्थायी भौतिक परिसंपत्तियों (सेवा क्षेत्र में) निवेश पर जोन-ए में 30 प्रतिशत तथा जोन-बी में 50 प्रतिशत की दर पर पूंजी निवेश प्रोत्साहन उपलब्ध है. 50 करोड़ रुपये तक निवेश करने वाली इकाइयां इस प्रोत्साहन का लाभ उठाने की पात्र होंगी. जोन-ए तथा जोन-बी में प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा क्रमशः 5 करोड़ रुपये तथा 7.5 करोड़ रुपये है.
पूंजी ब्याज सहायता: संयंत्र और मशीनरी (मैन्युफैक्चरिंग में) या भवन निर्माण तथा अन्य सभी स्थायी भौतिक परिसंपत्तियों (सेवा क्षेत्र में) निवेश के लिए 500 करोड़ रूपये तक की ऋण राशि पर अधिकतम 7 वर्षों के लिए 6 प्रतिशत वार्षित दर से पूंजी ब्याज सहायता.
GST से जुड़ा प्रोत्साहन:10 वर्ष के लिएसंयंत्र और मशीनरी (मैन्युफैक्चरिंग में) या भवन निर्माण तथा अन्य सभी स्थायी भौतिक परिसंपत्तियों (सेवा क्षेत्र में) में वास्तविक निवेश के 300 प्रतिशत पात्र मूल्य तक प्रोत्साहन एक वित्तीय वर्ष में प्रोत्साहन राशि प्रोत्साहन की कुल पात्र राशि से एक दहाई से अधिक नहीं होगी.
कार्यशील पूंजी ब्याज सहायता: सभी वर्तमान इकाइयों को अधिकतम 5 वर्षों के लिए 5 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये है.
उल्लेखनीय है कि योजना छोटी और बड़ी दोनों तरह की इकाइयों के लिए आकर्षक बनायी गई है. संयंत्र और मशीनरी में 50 करोड़ रुपये तक निवेश करने वाली छोटी इकाइयों को 7.5 करोड़ रुपये तक पूंजी प्रोत्साहन मिलेगा और अधिकतम 7 वर्षों के लिए पूंजी ब्याज सहायता 6 प्रतिशत की दर से मिलेगी. वहीं, जीएसटी से जुड़े प्रोत्साहन को शामिल करके योजना को व्यापार-सुगमता के अनुरूप सहज बनाया गया है. जीएसटी से जुड़ा प्रोत्साहन पारदर्शिता से समझौता किये बिना अनुपालन बोझ को कम करना सुनिश्चित करेगा. योजना के पंजीकरण और क्रियान्वयन में केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर की बड़ी भूमिका निर्धारित की गई है.