कोरोना वायरस महामारी के बावजूद मई में भारत का व्यापार प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी अधिकारिक आकड़ों के मुताबिक भारत में बीते महीने व्यापारिक निर्यात के अनंतिम आंकड़ों में मई 2020 के स्तर पर 67.39 प्रतिशत और मई 2019 के स्तर पर 7.93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है. अच्छी खबर! तेजी से पटरी पर लौट रही भारतीय अर्थव्यवस्था, अप्रैल में तीन गुना बढ़ा निर्यात
मीडिया से बात करते हुए वाणिज्य सचिव डॉ अनूप वधावन ने कहा कि भारत का निर्यात प्रदर्शन प्रभावशाली बना हुआ है. उन्होंने कहा कि पीओएल और रत्न और आभूषण को छोड़कर व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात के क्षेत्र मेंमई 2021 में 2020-21 की समान अवधि के मुकाबले 45.96 प्रतिशत और 2019-20 की समान अवधि के मुकाबले 11.51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है.
मई 2021 के दौरान, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में, व्यापारिक वस्तुओं के आयात में 68.54 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. जबकि मई 2019 की तुलना में मई 2021 के दौरान आयात में (-) 17.47 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मई 2021 में अनुमानित सेवा निर्यात 17.85 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जिसमें मई 2020 की तुलना में 6.44 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है. मई 2020 की तुलना में मई में सेवाओं के आयात का अनुमानित मूल्य 0.30 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज करते हुए 9.97 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा जबकि, मई के लिए सेवाओं के निर्यात का अनुमानित मूल्य 7.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें मई 2020 की तुलना में 15.39 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज होने की संभावना है.
जिन वस्तुओं और वस्तु समूहों ने मई 2021 और मई 2020 के दौरान सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है, वे हैं अनाज (823.83 प्रतिशत), जूट एमएफजी, फ्लोर कवरिंग समेत (255.77 प्रतिशत), पेट्रोलियम उत्पाद (199.85 प्रतिशत), हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित कालीन समेत (192.05 प्रतिशत), रत्न और आभूषण (179.16 प्रतिशत), चमड़ा और चमड़ा निर्माता (155.06 प्रतिशत), मानव निर्मित यार्न/फैब्रिक/मेड-अप आदि (146.35 प्रतिशत), मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद (146.19 प्रतिशत), सूती धागे/फैब्रिक/मेड-अप, हथकरघा उत्पाद आदि (137.92 प्रतिशत), सभी वस्त्रों का आरएमजी (114.15 प्रतिशत), कालीन (107.97 प्रतिशत), इलेक्ट्रॉनिक सामान (90.8 प्रतिशत), सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने पदार्थ (81.39 प्रतिशत), अभ्रक, कोयला और अन्य अयस्क, प्रसंस्कृत खनिजों सहित खनिज (74.95 प्रतिशत), भुना अनाज और विविध प्रसंस्कृत वस्तुएं (53.66 प्रतिशत), इंजीनियरिंग सामान (53.14 प्रतिशत), काजू (38.4 प्रतिशत), समुद्री उत्पाद (33.59 प्रतिशत), लौह अयस्क (25.68 प्रतिशत), प्लास्टिक और लिनोलियम (20.44 प्रतिशत), कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन (20.11 प्रतिशत), तंबाकू (15.06 प्रतिशत), चावल (12.22 प्रतिशत), तिलहन की खली (8.28 प्रतिशत), मसाले (1.37 प्रतिशत) और कॉफी (1.07) प्रतिशत).
वहीं, लौह अयस्क का निर्यात 2020-2021 के दौरान और 2021-22 के पहले दो महीनों में लगातार बढा है. चावल का निर्यात 2020-2021, अप्रैल 2021 और मई 2021 के दौरान अप्रैल 2020 के महीने को छोड़कर लगातार बढ़ रहा है. भुने अनाज और विविध प्रसंस्कृत वस्तुएं, अन्य अनाज और तिलहन की खली का निर्यात जून 2020 से लगातार बढ़ रहा है. फ्लोर कवरिंग सहित जूट एमएफजी और कालीन का निर्यात जुलाई 2020 से लगातार बढ़ रहा है. हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित कालीन, सूती धागे/फैब्रिक/मेड-अप, हथकरघा उत्पाद आदि, सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने पदार्थ, मसाले और 'अन्य' श्रेणियों का निर्यात सितंबर 2020 से लगातार बढ़ रहा है. अभ्रक, कोयला और अन्य अयस्क, प्रसंस्कृत खनिजों सहित खनिज निर्यात अक्टूबर 2020 से लगातार बढ़ रहा है.
इसके आलावा, चमड़ा और चमड़े के उत्पाद, मानव निर्मित यार्न / फैब्रिक / मेड-अप आदि और समुद्री उत्पाद जैसे क्षेत्रों में, जो महामारी (2020-2021) के दौरान नकारात्मक वृद्धि का प्रदर्शन कर रहे थे, मार्च 2021 से तेजी आई है.