एक आइडिया किसी भी व्यक्ति के जीवन को रातों-रात बदल सकता है, लेकिन अगर उस विचार या आइडिया को इनवेस्टमेंट की जरूरत है तो उसे हकीकत में बदलने के लिए व्यक्ति को एक अच्छे इनवेस्टर की भी जरूरत होगी. यहाँ एक आइडिया कोई स्टार्टअप बिजनेस हो सकता है और इनवेस्टमेंट उस स्टार्टअप बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए फंड हो सकता है. ऐसा जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति के पास एक अच्छे बिजनेस आइडिया होने के साथ ही अच्छा फंड भी हो. बहुत बार व्यापारी को इनवेस्टर्स की जरूरत होती है ताकि वह अपने व्यापार को विस्तार दे सके और उसे बड़ा बिजनेस बना सके. इसीलिए स्टार्टअप बिजनेस, फंडिंग को अपनी राह बनाता है. कई बार बिजनेस में फंडिंग के लिए बिजनेस ट्रेनर (Best Corporate Trainer in India) भी आपका बेहतर मार्गदर्शन कर सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिजनेस में फंडिंग के लिए किस प्रोसेस को अपनाया जाता है? चलिए आज आपके इसी सवाल का जवाब देते हैं और जानते हैं कि स्टार्टअप बिजनेस में फंडिंग का कौन सा प्रोसेस अपनाया जाता है और कौन सा प्रोसेस फंडिंग के लिए सही माना जाता है.

अपने बिजनेस में इनवेस्टर्स से फंड पाने के लिए किस तरह के प्रोसेस को फोलो करना होता है, उसकी अधिक जानकारी के लिए आप इस वीडियो को भी देख सकते हैं.

1. लीगल स्ट्रक्चर को करें बेहतर (Make Your Legal Structure Good)

किसी भी स्टार्टअप बिजनेस में इनवेस्टर्स निवेश करने से पहले बहुत सी बातों की पड़ताल करता है. इसी कड़ी में इनवेस्टर सबसे पहले आपके बिजनेस के लीगल स्ट्रक्चर पर नज़र ड़ालता है. अगर आप किसी वेंचर कैपिटल या प्राइवेट इक्विटी से फंड लेना चाहते हैं तो आपको यहाँ इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि आपकी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की लिस्ट में शामिल हो. अगर आपकी कंपनी प्रोप्राइट्री, पार्टनरशिप कंपनी या फिर लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप कंपनी में आती है तो आपको फंड रेजिंग में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी कंपनियों में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्म्स इनवेस्ट नहीं करती हैं. इसलिए फंड रेजिंग से पहले आपको अपने लीगल स्ट्रक्चर को भी समझना होगा और उसे बेहतर करने के लिए काम करना होगा.

2. मार्केट रिसर्च को भी करें स्टड़ी (Study Market Research Well)

फंड रेजिंग से पहले महत्वपूर्ण स्टेप रिसर्च का भी है. आपको रिसर्च करनी होगी कि मार्केट पर आपकी पकड़ कैसी है. कितनी मार्केट को आप कवर करते हैं और आपके कस्टमर्स कितने हैं. जब आप फंड रेजिंग के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको अपना मार्केट साइज, कस्टमर्स के नंबर भी इनवेस्टर्स के साथ साझा करने होते हैं. इसलिए पहले ही रिसर्च कर लें. इसके साथ ही कस्टमर की कौन सी परेशानी को आपका प्रोडक्ट या सर्विस दूर कर रही है. अपने बिजनेस से जुड़ी इन सभी बातों की रिसर्च को आपको पहले ही इक्ट्ठा करना होगा. ये सभी बातें आपकी फंड रेजिंग में काफी मदद करेंगी.

3. बजट शीट करेगी फंडिंग में ज्यादा मदद (Make Your Budget Sheet)

स्टार्टअप बिजनेस में जरूरी नहीं है कि हर प्रोसेस किसी बड़ी कंपनी के जैसा ही हो, लेकिन फंडिंग पाने के लिए आपको अपने बिजनेस में बजट शीट का निर्माण शुरू से ही करना होगा. बजट शीट में आपको बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए पड़ने वाले बजट को पूरे विस्तार से बताना होगा. कितने फंड की आपको आवश्यकता है, उस फंड को आप किस तरह से खर्च करेंगे और किस तरह से फंड को रिकवर करेंगे. इन बातों की पूरी जानकारी आपको पहले ही एक बजट शीट में शामिल करनी होगी. तभी आप अपने बिजनेस के लिए अच्छी फंडिंग कर पाएंगे और इनवेस्टर को अपने बिजनेस में शामिल कर पाएंगे.

स्टार्टअप बिजनेस को बड़े बिजनेस के रूप में बदलने के लिए हर आंत्रप्रेन्योर को एक अच्छे इनवेस्टर की जरूरत होती है. इनवेस्टमेंट पाने में आपकी मदद एक बिजनेस कोच (Best Business Coach in India) या बिजनेस गुरु भी कर सकते हैं, लेकिन फंडिंग पाने के लिए आपको इन प्रोसेस के बारे में अच्छी तरह से जरूर जान लेना चाहिए. इन टिप्स के माध्यम से ही आप अपने बिजनेस में अच्छी फंडिंग पा सकते हैं.

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में किन्ही जटिल और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आप चाहते हैं कि बिजनेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिजनेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Business Coaching Program का चुनाव जरूर करना चाहिए. इसके लिए आप अपने बिजनेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिजनेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं.