उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने और प्रदेश को सबसे आगे रखने के लिए हर रोज नई योजनाओं को लाने और उन्हें लागू करने पर लगातार विचार कर रही है. इस बार बारी टेक्सटाइल की है. उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में काम करने में जुट चुकी है. इसके तहत यमुना प्राधिकरण ने नोएडा में अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (टेक्सटाइल पार्क) की स्थापना के लिए 150 एकड़ भूमि आवंटित भी कर दी है. सरकार के इस फैसले से अब उत्तर प्रदेश का पहला टेक्सटाइल पार्क नोएडा में बनने का रास्ता साफ हो गया है.

अभी तक की राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा में बनने वाले इस टेक्सटाइल पार्क में कुल 152 कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाएंगी और करीब 8365.73 करोड़ रुपए का निवेश कर लगने वाली इन फैक्ट्रियों से करीब पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. खबर यह भी है कि साल 2022 के जनवरी महीने में ही टेक्सटाइल और गारमेंट की 91 फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. इन 91 फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य पूरा होने और इनमें उत्पादन शुरू होने पर करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और इसी के साथ गारमेंट और टेक्सटाइल सेक्टर में भी नोएडा का कद देश में और भी ऊंचा हो जाएगा.

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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, देश का ऐसा तीसरा सबसे बड़ा राज्य है, जो कपड़े का उत्पादन करता है. अगर कपड़ा उत्पादन की हिस्सेदारी की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश राज्य की कपड़ा उत्पादन में हिस्सेदारी 13.24 प्रतिशत है. हैंडलूम की संख्या और सिल्क उत्पादन के लिहाज से भी उत्तर प्रदेश का देश में पांचवां स्थान है. प्रदेश में 2.58 लाख हैंडलूम बुनकर और 5.5 लाख पावरलूम बुनकर हैं. सूबे में गैर लघु औद्योगिक क्षेत्र में 58 स्पिनिंग मिल और 74 टेक्सटाइल मील हैं. कालीन उत्पादन में देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 90 फीसद है.

राज्य सरकार की नीतियों का असर बड़े निवेशकों पर भी पड़ा है. खबर यह भी है कि सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर देश तथा विदेश के 66 बड़े निवेशकों ने बीते चार वर्षों में टेक्सटाइल और गारमेंट के सेक्टर में 8715.16 करोड़ रुपए का निवेश करने संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपे हैं. इन 66 प्रस्तावों में से 12 टेक्सटाइल फैक्ट्री राज्य में लग गई हैं और 18 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य चल रहा है. बीते कुछ वर्षों में बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश प्रमुख कपड़ा उत्पादकों के रूप में उभरे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का इरादा इन सभी देशों को पछाड़कर आगे निकलने का है. यही वजह है कि प्रदेश सरकार टेक्सटाइल पार्कों और इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्कों के निर्माण पर जोर दे रही है.