मुंबई: कोरोना काल में उद्यमों और खासकर एमएसएमई सेक्टर को राहत देने के मकसद से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अहम निर्णय लिया है. इसके तहत आरबीआई ने एमएसएमई के छोटे व्यवसायों और 25 करोड़ रुपये तक के लोन लेने वालों को रीस्ट्रकरिंग की सुविधा प्रदान की है हालांकि इसका फायदा वही लोग उठा सकेंगे जिन्होंने अब तक लोन रीस्ट्रकरिंग का लाभ नहीं उठाया है. MSME की ग्रोथ में डिजिटलीकरण की भूमिका महत्वपूर्ण, ग्रामीण, कृषि और आदिवासी इलाकों में भी हो सकेगा विस्तार
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल के सप्ताहों में भारत में कोविड-19 महामारी की बढ़ोतरी और स्थानीय क्षेत्रीय स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिए उठाये गए कदमों से नई अनिश्चितताएं पैदा हुई हैं. इसकी वजह से आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में नई अस्थिरता पैदा आ गई है, नतीजतन आर्थिक विकास के रास्ते में अड़चनें उत्पन्न हो रही हैं.
उन्होंने कहा, "इस माहौल में उधारकतार्ओं की सबसे कमजोर श्रेणी व्यक्तिगत उधारकर्ता, छोटे व्यवसाय और एमएसएमई हैं. उधारकतार्ओं अर्थात व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों और एमएसएमई 25 करोड़ रुपये तक लोन ले सकते है और जिन्होंने पहले के पुनर्गठन ढांचे में से किसी के तहत पुनर्गठन का लाभ नहीं उठाया है, और जिन्हें 31 मार्च, 2021 तक मानक के रूप में वगीर्कृत किया गया था, वे इस लोन के पात्र होंगे. संकल्प फ्रेमवर्क 2.0 के तहत विचार किया गया है."
प्रस्तावित ढांचे के तहत पुनर्गठन को 30 सितंबर 2021 तक लागू किया जा सकता है और इसे 90 दिनों के भीतर लागू करना होगा.
आरबीआई ने घोषणा की है कि बैंकिंग प्रणाली में अनबैंक्ड एमएसएमई को शामिल करने को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए यह छूट वर्तमान में 25 लाख रुपये तक के एक्सपोजर के लिए उपलब्ध है. इसे वितरित करने की आखिरी तारीख 1 अक्टूबर 2021 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 तक कर दिया गया है.