नई दिल्ली: केंद्रीय एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया है कि एमएसएमई मंत्रालय अपने टेक्नोलॉजी सेंटर्स (Technology Centres) को बढ़िया ट्रैक रिकॉर्ड वाले आईआईटी, इंजीनियरिंग कॉलेजों और उद्योग संघों को लीज पर देने की योजना बना रहा है. केंद्र सरकार यह कदम देश में रिसर्च (Research) और इनोवेशन (Innovation) को बढ़ावा देने के लिए उठा रही है. सरकार ने इन टेक्नोलॉजी सेंटर्स में अब तक 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. 7 महीनों में MSME को 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान

एमएसएमई सप्ताह के समापन समारोह को बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को गति देने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है, ताकि कम लागत वाले और पर्यावरण के अनुकूल इनोवेशन डिजाइन और विचारों को विकसित किया जा सके. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उच्च स्तर पर समन्वय, संचार और सहयोग की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को विकसित करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी की काफी ज्यादा जरूरत है. इस दिशा में अलग-अलग संस्थानों की तरफ से विभिन्न प्रयास किए जा चुके हैं. कृषि उत्पादों से अलग-अलग तरह का ईंधन तैयार करना इसका एक उदाहरण है.

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा एमएसएमई की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में एक ठोस वित्तीय मॉडल विकसित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एमएसएमई की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि वर्तमान समय में पूंजी की कमी की वजह से ये क्षेत्र काफी परेशानियों का सामना कर रहा है.

कार्यक्रम के अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है. यह क्षेत्र देश की जीडीपी में 30 फीसदी योगदान दे रहा है, और आने वाले समय में इसे 40 फीसदी तक लेकर जाने का लक्ष्य है. वहीं दूसरी तरफ निर्यात के क्षेत्र में एमएसएमई का योगदान 48 फीसदी है, जिसे 60 फीसदी पर लेकर जाना है. उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोगों को रोज़गार मिलता है. हम चाहते हैं कि अगले पांच साल में एमएसएमई क्षेत्र में 5 करोड़ नई नौकरियां बनाई जाएं.

एमएसएमई सेक्टर को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा देने की वकालत करते हुए गडकरी ने कहा कि उद्योग मूल रूप से शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं. हमें इस दिशा में बदलाव करने का प्रयास करना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी उद्योगों को पहुंचाना चाहिए. हमें ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर तलाशने चाहिए. इससे इंडिया और भारत के बीच मौजूद खाई को पाटने में मदद मिलेगी.