नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है, लेकिन ऐसे समय में मोदी सरकार लोगों की हर तरह से मदद करने में जुटी हुई है. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSMEs) को बैंकों की तरफ से राहत दी जा रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 3 लाख करोड़ रुपए की इमरजेंसी लोन सुविधा गारंटी योजना (ECLGC) के तहत 42 लाख कंपनियों और यूनिटो को 1.63 लाख करोड़ रुपए का लोन मंजूर किया गया है. रविवार को वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण (Finance Ministry Nirmala Sitharaman) ने यह जानकारी दी है.

Emergency Credit Line Guarantee Scheme-ECLGS योजना के तहत 10 सितंबर तक 25 लाख एमएसएमई (MSME) को 1.18 लाख करोड़ रुपए तक लोन मुहैया करवाया जा चुका है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिनों 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बयान में कहा कि 10 सितंबर तक सरकारी बैंकों और टॉप 23 प्राइवेट बैंकों ने इस योजना के तहत 42,01,576 इकाइयों को 1,63,226.49 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज मंजूर किया है. इसमें से 25,01,999 यूनिट को 1,18,138.64 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है.

 

क्या है ECLGS:

ECLGS scheme के तहत एमएसएमई और अन्य कारोबारियों को लॉकडाउन के बाद बिजनेस को फिर से खड़ा करने के लिए मदद दी जा रही है. इस योजना में एसबीआई, एचडीएफसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी और केनरा बैंक शामिल है. इस योजना का यही उद्देश्य है कि कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे एमएसएमई सेक्टर को इमरजेंसी लोन के रूप में 3 लाख करोड़ रुपए तक की सहायता प्रदान की जाए.

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन से उबरने के लिए सरकार ने सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए कई योजनाएं शुरू की है, ताकि महामारी के वक़्त में छोटे कारोबारियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.