मिलिए इन 5 Women Entrepreneur से जिन्होंने अपनी मेहनत से लिखी सफलता की कहानी

Meet these 5 women entrepreneurs who wrote success stories with their hard work

आज भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी खास पहचान बना चुकी है। वो समय गया जब महिलाओं का काम केवल घर की चारदीवारी के अंदर खाना बनाना और परिवार की देखभाल करना था। आज महिलाएं घर संभलाने के साथ-साथ बाहर निकल रही है। अपनी खास पहचान बना रही है।

आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी विशेष छाप छोड़ रही हैं। चाहे फिल्म हो या राजनीति, साइंस, खेल, अध्यात्म या चाहे बिज़नेस की बात हो महिलाएं हर क्षेत्र में खास मुकाम हासिल कर चुकी हैं। बिज़नेस की दुनिया में हर साल कई महिला उद्यमी अपने हुनर की छाप छोड़ रही हैं और पुरूषों से आगे निकल रही है।

बिजनेस के क्षेत्र में भारत की महिलाओं ने पूरे विश्‍व के अंदर अपनी पहचान बना ली हैं। कई ऐसी भारतीय महिलाएं हैं जो वर्ल्ड की टॉप ब्रांड की आज सीईओ हैं। फिर वो चाहे पेप्सी की सीईओ इंदिरा नूई हों या सुचि मुखर्जी, विनीता जैन, किरण मजूमदार शॉ जैसी कई वुमन आंत्रप्रेन्योर आज किसी परिचय का मोहताज़ नहीं हैं। वो अपने साथ-साथ भारत को भी विश्व स्तर पर नई पहचान दिला रही है।

इसलिए आज के इस लेख में हम आपको 5 ऐसी वुमन आंत्रप्रेन्योर के बारे में बताएंगे जिन्होंने समाज की बेड़ियों को तोड़कर वुमन आंत्रप्रेन्योर के रूप में अपनी खास पहचान बनाई है।

ग़ज़ल अलघ – को फाउंडर ममाअर्थ

गुरुगांव, चंडीगढ़ की रहने वाली ग़ज़ल अलघ से भला आज कौन परिचित नहीं है। ममाअर्थ की को-फाउंडर गज़ल ऐसे परिवार में रहती थी जहां महिलाओं को अपने जीवन का निर्णय लेने का हक नहीं था। लेकिन गजल के माता पिता ने उन्हे बहुत सपोर्ट किया। ममाअर्थ की शुरूआत उन्होंने मां बनने के बाद की। वो बचपन से ही जिद्दी थी वो अपनी खास पहचान बनानी चाहती थी। लेकिन परिवार के कारण वो ऐसा कर नहीं पाई। माता-पिता के सहयोग से उन्होंने एक कॉरपोरेट कंपनी में नौकरी की जहां उन्हें कुछ नही आता था। वहीं उन्होंने बिज़नेस की बारीकियां सीखी चार साल तक नौकरी की। गजल खुद को एक उद्यमी कहने से ज्यादा मोमप्रन्योर कहना ज्यादा पसंद करती है, क्योंकि उनका बेटा जब सिर्फ 6 महीने का था तो उसे कोई स्किन की प्रोब्लम हो रही थी। इंडिया के कोई भी प्रोडक्ट उनके बेटे को सूट नही कर रहे थे। एक मां होने के नाते उन्हें बहुत बुरा लगा। जब उन्होंने इंडिया के बाहर से प्रोडक्ट मंगाए तो वो सूट कर रहे थे। इस बात ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसी परेशानी दूसरे बच्चों को भी हो सकती है बस फिर क्या था उन्होंने इससे जुड़े बिज़नेस के बारे में रिसर्च की और ममाअर्थ के 6 बेबी प्रोडक्ट्स के साथ लॉन्च किया। इसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा मिला। बाद में कस्टमर के कहने और उनकी राय जानने के बाद ममाअर्थ को एक फैमिली ब्रांड बनाया। आज गज़ल ₹7500 करोड़ रूपए की कंपनी की मालकिन है। गजल अलघ को सार्क टेंक इंडिया शो में जज की भूमिका के रूप में देखा जा चुका है और लोगो ने बहुत पसंद भी किया है।

पाबिबेन रबारी - फाउंडर पाबिबेन डॉट कॉम

कौन सोच सकता है कि गुजरात के एक छोटे से गांव की एक आम महिला बिज़नेस की दुनिया में छा सकती है। यहां बात हो रही है Pabiben.com की फाउंडर पाबिबेन रबारी की। जो गुजरात के एक छोटे से गांव की रहने वाली है। बचपन से ही गरीबी में पली–बड़ी पाबिबेन रबारी के पिता का साया बचपन में ही सिर से उठ गया था। जिसके कारण उन्होंने किसी प्रकार की स्कूली शिक्षा नहीं प्राप्त की। वो अपने घर को चलने के लिए अपनी माँ के साथ मजदूरी करने लगी।  पाबिबेन रबारी को बचपन से ही पारंपरित आर्ट और क्राफ्ट में रूचि थी। उन्होंने इसे ही अपना पेशा बनाया। आज वो इस बैग्स की बेस्ट सेलर है। उन्होंने अपनी ऑनलाइन वेबसाइट pabiben.com बनाई है। जिस पर लोग भारत की ट्रेडिश्नल एम्ब्रॉइडर्ड प्रॉडक्ट्स खरीद सकते हैं। उनके बैग्स केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका और अन्य देशों में भी काफी प्रसिद्ध है। उनके बैग्स का इस्तेमाल हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में भी देखने को मिला। यही नहीं उन्होंने अपने साथ कई और महिलाओं को भी काम दिया है। आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 20 लाख रूपये से भी ऊपर है।

विनीता सिंह – को फाउंडर एंड सीईओ सुगर कॉस्मेटिक

शार्क टैंक इंडिया की जज और शूगर कॉस्मेटिक की फाउंडर विनीता सिंह को भला कौन नहीं जानता गुजरात के एक छोटे से शहर आनंद में जन्म विनीता को शुरू से पढ़ने लिखने का शौक था। विनीता पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहती थी। इन्होंने आईआईटी और आईआईएम जैसे टफ एग्जाम को भी आसानी से क्रैक कर लिया था। फिर भी वो अपने काम से खुश नही थी, वो कुछ अलग करना चाहती थी। इसी कड़ी  उन्होंने 1 करोड़ का जॉब ऑफर ठुकरा दिया और अपना काम करने का फैसला लिया। उनके इस फैसले से हर कोई हैरान था। लेकिन विनीता को खुद पर भरोसा था। उन्होंने शुगर कॉस्मेटिक शुरू करने से पहले बहुत सारी छोटी छोटी कंपनी शुरू किया पर उसमे सक्सेस नही कर पाई। इस कंपनी को अपने पति के साथ मिलकर किया। बहुत सारी मुश्किलें आई पर वो रुकी नहीं।  आज उनकी यह कंपनी बहुत सक्सेसफुल है। ये कंपनी फीमेल कंज्यूमर के लिए ब्यूटी प्रोडक्ट बनाती है। आज उनकी कंपनी 4000 करोड़ रूपए की है।

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नमिता थापर– एग्जिक्युटिव डायरेक्टर, एमक्योर फार्मेसी कंपनी

नमिता थापर आज शार्क टैंक इंडिया की न केवल प्रसिद्ध जज हैं बल्कि अपने बिज़नेस से वो खास पहचान बना चुकी हैं। वो  एमक्योर फार्मेसी की एग्जिक्युटिव डायरेक्टर हैं। गुजरात के एक सामान्य परिवार में जन्मीं नमिता के घर में पढ़ाई को बहुत महत्व दिया जाता था। इसलिए इन्होंने अच्छे से पढ़ाई की। नमिता ने सिर्फ 21 साल की उम्र में अपनी CA की पढ़ाई पूरी की और फिर यूके से MBA की डिग्री ली, बाद में उन्होंने जॉब की। लेकिन यह अपना बिज़नेस शुरू करना चाहती थी। इसलिए अपना फैमिली बिज़नेस ज्वाइन किया लेकिन लोग इन पर जल्दी भरोसा नहीं करते थे। इसलिए लोगों का भरोसा जीतने के लिए इन्होंने खूब मेहनत की  अपनी कंपनी शुरू की और एमक्योर फार्मेसी को एक नई उंचाई पर ले गईं। आज यह शार्क टैंक इंडिया में बतौर जज प्रसिद्धि बटौर चुकी हैं। साथ ही उनकी कंपनी का टर्नओवर 650 करोड़ रूपए है।

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हिमानी मिश्रा – कोफाउंडर, सीईओ ब्रांड रेडिएटर

हिमानी मिश्रा आज किसी की पहचान मोहताज नहीं है। एक समय था जब लोग उन्हें बिहारी कहकर ताने दिया करते थे। लेकिन आज उसी बिहार की कला को उन्होंने विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। बिहार के एक सामान्य परिवार में जन्मीं हिमानी  की तीन बहने हैं जिसकी वजह से समाज और रिश्तेदारों ने हमेशा ताने देते रहे। लेकिन, इसके पिता अपनी बेटी को पढ़ाते रहे। हिमानी ने भी ठान लिया था की वो सबके ताने का जवाब जरूर देगी। और तब से ही अपने काम में जुट गई। अपनी पहचान बनाने की दिशा में हिमानी ने पटना से अपना बिज़नेस शुरू करने की ठानी। हिमानी ने आईआईटी कोलकाता से बीटेक किया। उन्होंने विप्रो, टाटा, मोटोरोला में काम करते हुए वापस पटना आकर अपना बिज़नेस शुरू किया। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग को एक नई उंचाई पर ले जाने के लिए Brand Radiator की मदद ली। शुरूआत में उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। उनके लिए डिजिटल मार्केटिंग से लोगों को अवगत कराना आसान नहीं था, क्योंकि वे वर्षों से पारंपरिक तरीके से बिजनेस करते आ रहे थे। टीम बिल्डिंग में भी दिक्कतें आईं। लेकिन आज उनके साथ 36 सदस्य जुड़े हैं। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर लाखों में हैं।  साल 2018 में डिजिटल वुमेन अवार्ड से भी हिमानी को नवाज़ा जा चुका है।

इन 5 बिज़नेस वुमन के साथ ही भारत में कई और भी वुमन आंत्रप्रेन्योर है जिन्होंने अपने बुलंद हौसले और मेहनत से अपनी खास पहचान बनाई है। आज वो किसी भी तरह से किसी से कम नहीं है। उन्होंने अपनी मेहनत से सफलता की नई कहानी लिखी है।

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