उधारी के हवाई जहाज से शुरू हुई थी Indigo की शुरुआत, आज करोड़ों की है ये कंपनी

Indigo started with a borrowed airplane, Today this company is worth crores.

Indigo Airlines आज देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी है। हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडिगो का मार्किट कैप 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है।

आज भारत के घरेलु विमान बाजार में इस कंपनी की हिस्सेदारी करीब 58 प्रतिशत है। लेकिन आज यह कंपनी जितनी आगे बढ़ रही है, इसकी शुरुआती दौर की कहानी उतनी ही दिलचस्प है।

इस कंपनी के फाउंडर्स राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल इसकी स्थापना के 2 सालों तक इसे शुरू नहीं कर पाए थे, तब राकेश गंगवाल ने उधार लेकर कुछ विमान ख़रीदे थे। जिसके बाद इंडिगो ने अपनी पहली उड़ान भरी थी। आपको बता दें कि इस घरेलु विमानन कंपनी ने अपनी फ्लाइट्स की कीमत को मध्यम वर्ग के लोगों के हिसाब से सुनिश्चित किया था, ताकि हवाई चप्पल पहनने वाले लोग भी हवाईजहाज की यात्रा का लाभ उठा सकें।

आईए जानते हैं उधारी के पैसों से उड़ान भरकर सफलता का आसमान चूमने वाली इंडिगो की पूरी कहानी –

कंपनी Indigo
स्थापना अगस्त 2006, गुरुग्राम
ओनर राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल
वर्तमान स्थिति 26,540 मिलियन रुपये का लाभ (मार्च 2023 तक)

कैसे हुई थी इंडिगो की शुरुआत?

राकेश गंगवाल, जोकि उन दिनों अमेरिका में यूनिटेड एयरवेज में काम कर रहे थे। वहीं पर काम करते हुए राकेश और राहुल की पहली मुलाकात हुई थी।

राकेश को एविएशन इंडस्ट्री की अच्छी-खासी जानकारी थी। ऐसे में राहुल ने एविएशन कंपनी को शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान राहुल अपने पिता के ट्रेवल एजेंसी के बिज़नेस को संभाल रहे थे।

राहुल लगातार राकेश के सम्पर्क में बने रहे। राकेश ने बहुत ही सोच समझकर 2004 में पार्टनरशिप करने के लिए हामी भरी और तब अगस्त 2004 में इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की शुरुआत की गई थी।

कैसे हुई इंडिगो सफल

उस समय एविएशन इंडस्ट्री में भारी उथल पुथल चल रही थी। तब इंडिगो ने अपनी एक ख़ास रणनीति बनाई। हमारे देश में एक बड़ा तबका मिडिल क्लास है, जिनका सपना होता है कि वे जीवन में कम से कम एक बार हवाई यात्रा ज़रूर करें, लेकिन उसके लिए उन्हें भारी भरकम कीमत चुकानी पड़ती थी। तब इंडिगो के मैनेजमेंट ने फैसला किया कि वे अपनी टिकटों की कीमत कम रखेंगे।

पहले ऐसा लगा कि कम कीमत होने के कारण इन्हें घाटे का सामना करना पड़ेगा, लेकिन इसका असर ये हुआ कि इंडिगो के टिकट ज्यादा बिकने लगे, जिसके कारण इन्हें लाभ हुआ।


यह भी पढ़े: 👉 कभी मंदिर में खींचते थे फोटो, आज हैं 6 हजार करोड़ से ज्यादा के मालिक


कौन है इंडिगो के संस्थापक राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल

राहुल भाटिया- ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार वह भारत के 22वें सबसे अमीर इंसान हैं। राहुल ने कनाडा के ओंटारियो स्थित वाटरलू यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।

फिर 2004 में राकेश गंगवाल के साथ मिलकर इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की स्थापना की थी।

राकेश गंगवाल- राकेश एक भारतीय अमेरिकी बिज़नेसमैन हैं। इन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय एमबीए किया। 1984 में यूनाइटेड एयरलाइन्स के साथ अपने करियर की शुरुआत की और बाद में यूएस एयरवेज के अध्यक्ष और सीईओ बने। बाद में इन्होंने राहुल भाटिया के साथ मिलकर इंडिगो की शुरुआत की।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जब कंपनी की शुरुआत हुई थी, उन दिनों लगभग 2 सालों तक कंपनी कोई काम नहीं कर पायी, तब राकेश ने अपनी पहचान से 100 विमान उधार लिए और इस प्रकार इंडिगो ने अपनी पहली उड़ान 4 अगस्त 2006 को भरी।

2022 में राकेश ने कंपनी में कुछ बदलाव करने की मांग की, जिसके चलते राकेश और राहुल में असहमति बनी और फरवरी 2022 में राकेश ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।


यह भी पढ़े: 👉 मिलिए इन 5 Women Entrepreneur से जिन्होंने अपनी मेहनत से लिखी सफलता की कहानी


इंडिगो की वर्तमान स्थिति

उधारी से शुरू हुई इंडिगो की आज एक दिन में 13 सौ से ज्यादा फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं, इसके साथ ही इंडिगो में 25 हजार लोग काम कर रहे हैं। इसके दुनियाभर के 60 शहरों में 126 ऑफिस हैं।

अभी हाल ही में इंडिगो ने 500 एयरबस विमानों का आर्डर दिया है। इंडिगो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार मार्च 2023 में कंपनी ने 26,540 मिलियन रुपये का लाभ कमाया है। वहीं मीडिया  मुताबिक इंडिगो का मार्किट कैप 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।

जब भारत में कई सारी एविएशन कंपनियां धराशाई हो रही थी। ऐसे समय में इंडिगो ने ना सिर्फ सफलता हासिल की है, बल्कि यह देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी बन चुकी है।

आज मिडिल क्लास के लोगों का हवाई यात्रा करने का सपना इंडिगो के कारण पूरा हो रहा है और यही इसकी सफलता का सबसे बड़ा कारण बना है।

Share Now

Related Articles

IIT, दो बार UPSC क्रैक कर IAS बनने वाली गरिमा अग्रवाल की सफलता की कहानी

एनआर नारायण मूर्ति Success Story: कभी पत्नी से लिए थे पैसे उधार, आज खड़ी कर दी अरबों की कंपनी ‘इंफोसिस’

भोपाल का ये युवा IAS एग्जाम क्रैक कर सिर्फ चार सालों में बना कमिश्नर

दूसरों की गलतियों से सीख रिशिता ने खुद को ऐसा किया तैयार, पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा की पार

छत्तीसगढ़ के राहुल सिंह ने कबाड़ से बना डाली करोड़ों की कंपनी

बिना कोचिंग पहले प्रयास में अनन्या कैसे बनीं IAS अधिकारी

नौकरी ना मिलने पर शुरू की खेती, आज किसानों और स्टूडेंट्स के लिए बन चुके हैं मिसाल

कैसे अनाथालय में रहने वाले शिहाब UPSC निकाल बने स्टूडेंट्स की प्रेरणा

Share Now