बचपन में ही खो गई थी सुनने की शक्ति, 4 महीने पढ़ाई करके पहले ही प्रयास में IAS बनी सौम्या शर्मा के जीवन की प्रेरक कहानी

The power of hearing was lost in childhood itself, the inspiring story of Saumya Sharma's life, after studying for 4 months, became IAS in the first attempt.

मंज़िल उन्हीं को मिलती है जो मुश्किलों से नहीं घबराते। जो व्यक्ति अपनी कमजोरियों को ताकत बना लेता है सही मायने में वही इतिहास रचता है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है, अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर IAS ऑफिसर बनने वाली सौम्या शर्मा

सौम्या बचपन से ही सुन नहीं सकती। वो हियरिंग ऐड की मदद से सुनती हैं और इसी के साथ उन्होंने यूपीएससी की पढ़ाई की और केवल 4 महीने की पढ़ाई में ही उन्होंने इस परीक्षा को पास कर इतिहास रच दिया।

सौम्या शर्मा के जीवन का प्रेरक सफर

सौम्या शर्मा का यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरक सफर

बचपन में ही चली गई थी सुनने की शक्ति

दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा को कम उम्र में एक बहुत बड़ी दुर्घटना का सामना करना पड़ गया था। मात्र 16 साल की उम्र में सौम्या ने अचानक अपनी सुनने की शक्ति को खो दिया था। उनके माता पिता डॉक्टरों के पास सौम्या के इलाज को लेकर चक्कर लगाते रहे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। डॉक्टर्स के मुताबिक, सौम्या ने अपनी 90 से 95 फिसदी सुनने की क्षमता खो दी थी। सौम्या के लिए यह सबसे कठिन दौर था। सौम्या के लिए सब कुछ काफी कठिन हो गया। सौम्या को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा हालांकि बाद में उन्होंने इस सदमे से उबरने की कोशिश की और जीवन को एक फाइटर की तरह जीना शुरू किया। सौम्या को हियरिंग ऐड की मदद लेनी पड़ी। लेकिन, उन्होंने इसे कभी अपनी कमी नहीं बनने दिया और उन्होंने दिल्ली में ही अपनी पढ़ाई पूरी की।


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शुरू से ही बनना चाहती थी आईएएस

सौम्या शर्मा का सपना शुरू से ही यूपीएससी की परीक्षा पास करना था। उन्होंने स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के ही नेशनल लॉ स्कूल से वकालत की पढ़ाई की थी। अपनी वकालत के आखिरी साल में सौम्या शर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया था। सौम्या ने कभी भी अपनी कमज़ोरी को अपने रास्ते का कांटा बनने नहीं दिया। ठीक से सुन न पाने के बावजूद उन्होंने आगे बढ़कर यूपीएससी परीक्षा में भाग लिया।


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पहले ही प्रयास में बन गई IAS ऑफिसर

जहां लोगों को कई साल लग जाते हैं यूपीएससी जैसी परीक्षा को पास करने में, वहीं सौम्या शर्मा ने केवल 4 महीने की पढ़ाई में ही इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया। सौम्या ने 23 साल की उम्र में बिना किसी कोचिंग के सिविल सेवा परीक्षा दी। 2017 में पहले प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 9 हासिल की। उनकी मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। उन्होंने सभी पेपरों में बेहतरीन अंक प्राप्त किए थे। उनके अनुसार, यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करना किसी अन्य परीक्षा को पास करने जैसा था, जहां आपको केवल उचित योजना और अच्छी रणनीति की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं मेन्स परीक्षा के दौरान सौम्या को तेज बुखार था और वह बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थी और जीएस का रिवीजन भी नहीं कर पा रही थी। फिर भी, वह पीछे नहीं हटी और यूपीएससी की परीक्षा पूरी की।


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हर दिन 16 घंटे करती थी पढ़ाई

सौम्या को विकलांग व्यक्ति की श्रेणी में शामिल किया गया था क्योंकि उसने अपनी सुनने की क्षमता खो दी थी लेकिन सौम्या ने विकलांग कोटे के तहत यूपीएससी सिविल सेवा फॉर्म भरने से इनकार कर दिया और सामान्य श्रेणी का विकल्प चुना। सौम्या के माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं और वह भी उन्हीं की तरह बनना चाहती है लेकिन उसने अपना मन बदल लिया और कानून की पढ़ाई करने लगी। सौम्या अपने स्कूल के दिनों से ही मेधावी छात्रा रही हैं। उन्होंने दसवीं कक्षा में भी टॉप किया था। वह शुरू से ही करंट अफेयर्स में रुचि रखती है और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए हर दिन 16 घंटे से अधिक का अध्ययन किया। यही कारण है कि उसने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की।

सौम्या शर्मा सभी सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है। सुनने की क्षमता खोने के बावजूद उन्होंने UPSC परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत की। सौम्या शर्मा ने अपनी मेहनत और लगन से आज सफलता की नई कहानी लिखी है।

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