सेल्स और मार्केटिंग के इन सीक्रेट्स को बिज़नेस में जरूर आज़माना चाहिए.
जितना जरूरी है बाजार में नए प्रोडक्ट को लाना, उतना ही जरूरी है उसको पहचान दिलाना. बिज़नेस को सफलता दिलाने और उसे बाजार में एक ब्रांड के तौर पर स्थापित करने के लिए कोई भी व्यापारी हर फॉर्मूले को आज़माता है क्योंकि वह जानता है कि प्रोडक्ट नया हो या पुराना उसे कस्टमर के बीच पहचान दिलाना किसी जंग जीतने जैसा ही है. इसीलिए किसी भी प्रोडक्ट को बाजार में स्थापित करने से लेकर उसे कस्टमर की जरूरत बनाने तक के सफर में सेल्स और मार्केटिंग टीम सबसे अहम किरदार निभाती है.
सेल्स और मार्केटिंग वह टीम होती है, जो प्रोडक्ट या सर्विस और उसके टार्गेट कस्टमर को अच्छी तरह से समझती है, लेकिन कभी-कभी यह टीम कस्टमर को जानने और पहचानने में काफी बड़ी भूल कर जाती है और उसका खामियाज़ा प्रोडक्ट या सर्विस को फेलियर के रूप में भूगतना पड़ता है. अगर आप भी अपने प्रोडक्ट या सर्विस को बाजार में ओंधे मूँह गिरने से बचाना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपका प्रोडक्ट, कस्टमर की महत्वपूर्ण जरूरतों में शुमार हो जाए तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े क्योंकि इस आर्टिकल में हम बात करेंगे सेल्स और मार्केटिंग (Tips for Sales & Marketing) के कुछ ऐसे बेहतरीन टिप्स की, जिनके बिना कोई भी व्यापार आगे नहीं बढ़ पाएगा.
- कस्टमर बिहेवियर को समझें (Know about Consumer Behavior)
कभी-कभी कोई प्रोडक्ट बाजार में आता है और कुछ ही दिनों में मिस्टर इंडिया की तरह बाजार से गायब हो जाता है. कभी-कभी प्रोडक्ट पर जमी धूल ही प्रोडक्ट की पहचान को छूपा देती है. ऐसा तब होता है, जब कंज्यूमर के बिहेवियर को जाने बिना ही प्रोडक्ट का निर्माण किया जाता है. जब कस्टमर के बॉयिंग बिहेवियर (Buying Behavior) को शुरुआत में ही दरकिनार कर दिया जाता है और सारा फोकस प्रोडक्ट पोजीश्निंग (Product Positioning), और प्रोडक्ट प्राइस (Product Price) जैसी बातों पर किया जाता है तब यही प्रोडक्ट फेलियर का सबसे बड़ा कारण बन जाता है.
इसलिए सबसे जरूरी है कि कंज्यूमर बिहेवियर पर सबसे पहले काम किया जाना चाहिए. कस्टमर के जियोग्रोफिक, डेमोग्राफिक, एथेनोग्रोफिक और साइकोग्रोफिक हिस्से पर रिसर्च करना पहला काम होना चाहिए. इसके बाद ही प्रोडक्ट के लिए दूसरी रणनीतियों को निर्धारित करना चाहिए. कस्टमर बिहेवियर पर रिसर्च कर कैसे कोई प्रोडक्ट सफलता पाता है इसका बेहतरीन उदाहरण डब्ल्यूएचओ (WHO) का पल्स पोलियो अभियान है.
- कस्टमर के बॉयिंग रोल को समझें (Know about Buying role of the Consumer)
ऐसा जरूरी नहीं है कि जिस कस्टमर के लिए प्रोडक्ट का निर्माण किया गया है वह सीधे तौर पर प्रोडक्ट को खरीदे. कई बार प्रोडक्ट की टार्गेट ऑडियंस के लिए बॉयिंग डिसीजन कोई दूसरा व्यक्ति लेता है. इसलिए यहां जरूरी हो जाता है कि बॉयिंग डिसीजन देने वाली टार्गेट ऑडियंस पर भी रिसर्च की जाए. कस्टमर के बॉयिंग रोल को समझना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि यही वह व्यक्ति होता है जो आपके टार्गेट ऑडियंस के लिए निर्णय लेता है. उदाहरण के तौर पर पल्स पोलियो अभियान में टार्गेट ऑडियंस पांच साल तक के बच्चे हैं और उनके लिए निर्णय लेने वाले उनके माता-पिता हैं. यहां प्रोडक्ट के फीचर और गुणों को आपको उनके माता-पिता को समझाना होगा. इसलिए प्रोडक्ट की मार्केटिंग में बॉयिंग रोल भी सबसे अहम भूमिका निभाता है. बॉयिंग रोल पर विस्तार से रिसर्च की जानी चाहिए.
- एड कैंपेन में हो खास रणनीतियां (Start good Strategies in your Ad Campaign):
क्या आपने कभी किसी प्रोडक्ट की पंच लाइनों को गुनगुनाया है? आपने ऐसा जरूर किया होगा. दरअसल ऐसा सिर्फ और सिर्फ एक बेहतरीन एड कैंपेन के ज़रिए ही संभव हो पाता है. ऐसे कई ब्रांड्स हैं, जिन्होंने अपने एड कैंपेन के दम पर बाजार में अपने प्रोडक्ट को स्थापित भी किया है, लंबे समय तक अपनी पहचान भी कायम रखी है और हर वर्ग के कस्टमर तक अपनी पहुंच भी बनायी है. केडबरी डेयरी मिल्क (Cadbury Dairy Milk ) एक ऐसा ही उदाहरण है. केडबेरी ने कस्टमर बिहेवियर को न सिर्फ समझा बल्कि कस्टमर के डेमोग्राफिक, साइकोग्रोफिक, और जियोग्राफिक भाग पर भी विस्तार से अध्ययन किया और इसका सीधा असर उसके प्रोडक्ट की सेल पर पड़ा. उसने सही रणनीतियों को अपने एड कैंपेन में शामिल किया और साल 2002 के बाद से ही केडबेरी ने बाजार में हर वर्ग के कस्टमर तक अपने प्रोडक्ट को पहुंचाने में सफलता हासिल की. आज आलम ये है कि त्यौहारों पर मिठाई की जगह केडबेरी ने ले ली है.
हमारे द्वारा सुझाए गए सेल्स और मार्केटिंग के ये तीन तरीके आपके प्रोडक्ट को बाजार में एक मजबूत पहचान दिलाने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं. किसी भी प्रोडक्ट को पहचान दिलाने और उसके टार्गेट ऑडियंस तक पहुंचाने में यह टिप्स सबसे ज्यादा काम करते हैं. बिज़नेस की शुरूआत कैसे की जाए और सही तरह से कैसे बिज़नेस को चलाया जाए इन सभी बातों को आप Everything About Entrepreneurship कोर्स के जरिए जान सकते हैं. आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, इसके बारे में आप हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट कर बता सकते हैं.
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https://www.youtube.com/watch?v=Jxe8Tgnz2SA