अगर कोई कंपनी सफलता के नए आयाम गढ़ती है तो उस सफलता में कंपनी के एम्पलॉयी का भी उतना ही श्रेय होता है जितना की कंपनी के संस्थापक का होता है. इस बात को कई बड़े बिज़नेसमैन भी मानते हैं कि एम्पलॉयी किसी भी कंपनी की रीढ़ होते हैं. इसी वजह से एम्पलॉयी की ईमानदारी और नौकरी के प्रति संतुष्टी पर हर कंपनी ध्यान देती है
क्योंकि काम से संतुष्टी ही किसी भी एम्पलॉयी को कंपनी के प्रति ईमानदार बनाती है और हर कंपनी के लिए एम्पलॉयी का ईमानदार होना बेहद जरूरी होता है. लेकिन एक रिसर्च बताती है कि 46 प्रतिशत एम्पलॉयी (Employee Un-satisfaction) अपने काम से नाखुश रहते हैं और काम के प्रति उनकी नाखुशी कंपनी के प्रति ईमानदार नहीं होने की भी वजह बनती है. रिसर्च यह भी बताती है कि सिर्फ 13 प्रतिशत ही ऐसे एम्पलॉयी होते हैं जो अपने काम से संतुष्ट और अपने काम के प्रति ईमानदार होते हैं, बाकि का आकड़ा ऐसे एम्पलॉयी का होता है, जो सिर्फ अपने काम को पूरा करने पर विश्वास रखते हैं. लेकिन एम्पलॉयी की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए हर कंपनी में मैनेजमेंट और एचआर डिपार्टमेंट (HR Department) का चयन किया जाता है. चलिए जानते हैं कि आखिर एम्पलॉयी, कंपनी और अपने काम से क्यों नाखुश होते हैं और एचआर डिपार्टमेंट एम्पलॉयी कि इन परेशानियों को कैसे दूर करता है.
- कम सैलरी (Low Salary): कम सैलरी किसी भी एम्पलॉयी के खुश नहीं होने का पहला कारण होती है. हर एम्पलॉयी अपने काम के लिए अच्छी सैलरी की ख्वाहिश रखता है और ऐसा नहीं होते पर वह अपने काम के प्रति न तो ईमानदार रहता है और न ही किसी भी काम को खुशी के साथ पूरा कर पाता है.
- रूचि नहीं होना (Lack of Interest): कई बार व्यक्ति किसी दूसरे काम को करना चाहता है लेकिन किन्ही कारणों से अपने मनचाहे काम को नहीं कर पाता है और समझौते के रूप में ऐसे काम की शुरुआत कर देता है, जिस काम में उसकी दिलचस्पी नहीं होती है. ऐसी स्थिति में भी एम्पलॉयी अपने काम से खुश नहीं होता है और दिलचस्पी नहीं होने के कारण उसके द्वारा किए गए काम में अच्छी क्वालिटी नहीं आ पाती है.
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ज्यादा ग्रोथ नहीं होना (Low Growth):हर एम्पलॉयी अपने करियर में ग्रोथ पाना चाहता है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर भी एम्पलॉयी न तो अपनी नौकरी में खुश रह पाता है और न ही अपनी कंपनी के प्रति ईमानदार बन पाता है. 
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अव्यवस्थित मैनेजमेंट (Poor Management):कंपनी में मैनेजमेंट टीम की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन अगर मैनेजमेंट बेहद अव्यस्थित हो तो ऐसी स्थिति भी एम्पलॉयी को कंपनी के प्रति नाशुख रखती है और वह अपने काम को बेहतर तरीके से नहीं कर पाता है. 
एचआर डिपार्टमेंट कैसे करता है एम्पलॉयी की परेशानियों पर काम:
- डिपार्टमेंट में बदलाव: अगर कोई एम्पलॉयी किसी ऐसे डिपार्टमेंट में है, जहां एम्पलॉयी की प्रोफाइल से जुड़ा काम नहीं है तो ऐसी स्थिति में एम्पलॉयी को दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया जाता है. इस तरह से एम्पलॉयी के काम की प्रोडक्टिविटी में भी बढ़ोतरी होती है और वह अपने काम से भी संतुष्ट होता है.
- सैलरी में बढ़ोतरी: सैलरी में समय के साथ बढ़ोतरी एम्पलॉयी को उसके काम और कंपनी दोनों के लिए ईमानदार बनाती है. एचआर डिपार्टमेंट हर साल कुछ दर के हिसाब से एम्पलॉयी की सैलरी में इजाफा करता है.
प्रोमोशन: प्रोमोशन की चाह हर एम्पलॉयी को होती है. अपने काम को ईमानदारी और समय के साथ पूरा करने वाले एम्पलॉयी के प्रोमोशन को ध्यान में रखना कंपनी की जिम्मेदारी होती है. एम्पलॉयी के काम का सही आंकलन कर उसे प्रोमोशन देना भी एम्पलॉयी को उसके काम प्रति ईमानदार बनाता है.


 
                                                     
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
  
 