आज कल हर किसी को बहुत सी कंपनियां तरह-तरह के लोन देने के लिए फोन, ईमेल के जरिए संपर्क करने की कोशिश करती हैं. कई लोग बिना किसी सूझ-बूझ के इनके झांसे में आ जाते हैं. और बिना कुछ चेक किए लोन लेकर बड़ी ईएमआई के फेरे में पड़ जाते हैं. जिसकी वजह से न वो लोन का पैसा उनके सही से काम आ पाता है और न वो समय पर ईएमआई भर पाते हैं. लोन हो या कोई अन्य वित्तीय प्रोडक्ट इसमें हर एक कदम बहुत ही सोच समझकर रखना होता है. अगर वित्तीय प्रणाली या रणनीति ठीक नहीं होती है तो कई मुश्किलें एक साथ आ जाती हैं. बिज़नेसमैन को खासतौर से अपनी फाइनेंशियल स्ट्रेटेजी बनाते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. किसी भी बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए अगर आप लोन ले रहें हैं तो आपको और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. जब लोन की रकम किसी बिजनेसमैन को मिलती है तब बिज़नेस लोन की रकम का इस्तेमाल अपने स्टार्टअप या बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए करता है. दूसरी ओर अगर लोन की पेमेंट समय पर न दी जाए तो कई तरह की वित्तीय जोखिम की संभावनाएं बढ़ने लग जाती हैं.

ऐसे में खासतौर पर बिज़नेसमैन को अपने बिज़नेस के लिए लोन लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. आज के इस लेख में हम आपको ऐसी ही 5 बातें बताएंगे जिनका ध्यान रख आप लोन से जुड़ी असुविधाएं होने से खुद को बचा सकते हैं और अपने बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं. तो आइए जानते हैं क्या है वो 5 मुख्य बातें जो लोन लेने से पहले एक बिज़नेसमैन को जरूर जान लेनी चाहिए.

1. बिज़नेस लोन की ब्याज दर चेक करें (Check Business Loan Interest Rate)

किसी भी लोन को लेने से पहले आपको यह जरूर चेक करना चाहिए कि उस लोन की ब्याज दर क्या है. जैसा कि हम सभी जानते है कि लोन की रकम पर ब्याज दर लागू होता है. लेकिन ब्याज इतना होना चाहिए कि व्यापारी उसे आराम से चुका सके. जब भी आप लोन के लिए आवेदन करने की सोचें तो यह जांच लें कि कौन सा बैंक , किस दर पर ब्याज दे रहा है. दरअसल कई बार बिज़नेसमैन जानकारी के अभाव में ऊंचें ब्याज दर पर लोन ले लेते हैं और जब लोन चुकाने का समय आता है तो उन्हें इसकी सही जानकारी नहीं होती है जिसके चलते वो एक्स्ट्रा पैसे चुकाने लग जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि जब भी आप कहीं से भी लोन के लिए अप्लाई करें तो सबसे पहले उस लोन पर लगने वाली ब्याज दर यानी इंटरेस्ट रेट का पहले से पता कर लें. अगर ब्याज दर आपको ठीक लगे तभी लोन के लिए आगे बढ़ें, वरना किसी और कंपनी में लोन लेने के लिए अप्लाई करें, क्योंकि पैसा आपको चुकाना है तो ब्याज दर भी आपके ही अनुरूप होनी चाहिए.

2. प्री पेमेंट चार्जेस का रखें ध्यान (Keep in mind the pre-payment charges)

कई बार लोन लेने की जल्दबाजी बिज़नेसमैन को इतनी ज्यादा होती है कि वो बिना किसी दस्तावेज को पढ़े ही लोन लेने के लिए राजी हो जाते हैं. ज्यादातर बैंक बहुत छोटे शब्दों में अपनी टर्म एंड कंडीशन को लिख देते हैं. जिसके कारण बड़े-बड़े लुभावने ऑफर तो बिज़नेसमैन को दिखाई देते हैं लेकिन उससे जुड़ी शर्तों को वो पढ़ना भूल जाते हैं या जानबूझ कर नजरअंदाज कर देते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि बिज़नेस में पैसों की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए कुछ पैसा चाहिए होता है. जब उन्हें लोन मिल जाता है और कुछ समय बाद उन्हें कारोबार में मुनाफा होता है तो कारोबारी चाहते हैं कि वह लोन एक बार में चुका कर बाकी ब्याज से बच जाएं. लेकिन एक बार में लोन चुकाने के लिए उन्हें प्री पेमेंट चार्ज देना पड़ जाता है. प्री पेमेंट वह चार्ज होता है जो लोन की रकम तय समय से पहले लोन की रकम चुकाने पर चार्ज की जाती है. आप यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आप जहां से लोन लेना चाहतें हैं वहां पर लोन की रकम प्री पेमेंट चार्जेस फ्री हो और आपने उनकी सारी शर्तें सही से पढ़ी हों.

3. मार्केट रिसर्च जरूर करें (Do Market Research)

किसी भी लोन के लिए अप्लाई करने से पहले मार्केट रिसर्च करना बहुत जरूरी होता है. लोन के लिए अलग अलग बैंकों की ब्याज दरों में बहुत फर्क होता है. थोड़ा रिसर्च करने के बाद ही आपको पता चलेगा कि किस बैंक में कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है. हमेशा कम ब्याज दर वाले बैंक से ही लोन लें. अक्सर कंपनियां लोने देने से पहले कुछ चीज़ों को गिरवी जरूर रखवाती हैं तो आप पहले ही उनकी जांच-पड़ताल कर लें. लोने देने वाली संस्थान सरकारी है या निजी, इस बात पर भी आपको ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही, कौन सी संस्थान आपको कितने ब्याज दर पर लोन दे रही है और किन शर्तों पर दे रही है, इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है.

4. सिबिल स्कोर ठीक करें (Fix CIBIL score)

लोन लेने से पहले यह जान लें कि बैंक लोन देने से पहले आपका सिबिल स्कोर जरूर चेक करते हैं. इससे आपकी फाइनेंशियल स्थिती का अनुमान लगता है और आपको आसानी से लोन मिल जाता है. इसलिए आप लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ही अपना सिबिल स्कोर ठीक कर लें. अगर ईएमआई चुकाने में देरी हो जाती है तो हमारा क्रेडिट स्कोर भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है. अगर आप लोन के ब्याज से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप समय से पहले अपने बिज़नेस लोन को चुका सकते हैं इससे आपके सिविल स्कोर को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है.

5. लोन चुकाने की समय सीमा चेक करें (Check Loan Repayment Deadline)

अक्सर व्यापारी लोग अपने बिज़नेस की आवश्यकता को देखते हुए जल्द से जल्द लोन लेने के लिए उत्साहित नज़र आते हैं. वो यह भी नहीं चेक करते है कि लोन चुकाने की समय सीमा क्या है. लोन चुकाने की समय सीमा अगर बहुत कम है या बहुत ज्यादा है, तो आपकी ब्याज दरें बढ़ जाती है जिसके कारण आपको लोन चुकाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए लोन चुकाने की ऐसी समय सीमा तय करें जिससे आपको आसानी हो.

एक बिज़नेसमैन के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प बिज़नेस लोन का होता है. आप इन 5 बातों का ध्यान रख कर अपने बिज़नेस की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और अपने बिज़नेस को नई पहचान दिला सकते हैं. ऐसे ही बिज़नेस से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आपकी मदद एक बिज़नेस कोच (Best Business Coach in India) भी कर सकते हैं.

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में किसी कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं। आप चाहते हैं कि बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको LFP Bada Business का चुनाव जरूर करना चाहिए। जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।