ऐसा कहा जाता है कि श्रीमद्भगवद्गीता में हर समस्या का समाधान मिलता है। जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को प्रेरित करने के लिए गीता ज्ञान दिया, तब उन 18 अध्यायों में उन्होंने जीवन के प्रत्येक पहलु को कवर किया था।
श्रीमद्भगवद्गीता क्या है?
श्रीमद्भगवद्गीता महाभारत ग्रंथ के भीष्मपर्व का एक प्रमुख अंग है। भगवद्गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता सार और इसका सम्पूर्ण ज्ञान, आज से लगभग 4500 साल पहले श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को महाभारत के युद्ध में दिया गया था। महाभारत के इस युद्ध में अर्जुन अपने कर्म से पीछे हटकर युद्ध करने से मना कर देते हैं, तब श्रीकृष्ण उन्हें गीता ज्ञान देते हैं।
यह एक ऐसा ग्रन्थ है, जिसे आप जिस तरीके से समझना चाहो, वह आपका उसी प्रकार से मार्गदर्शन करेगा।
आज के समय में जीवन बहुत सी कठिनाइयों से भरा हुआ है। इंसान कदम कदम पर पर्सनल, प्रोफेशनल जैसी कई सारी समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता को समझकर आप इन सभी समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
आज श्रीमद्भगवद्गीता से सीखें कुछ ऐसी टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप जीवन को सही ढंग से जीकर सभी समस्याओं का सामना कर सकते हैं –
- परिवर्तन संसार का नियम है :
जब भी किसी इंसान के समय में दुःख होता है, तो वह उसी को लेकर अपना दुखड़ा रोने लगता है। गीता के अनुसार इस संसार में कुछ भी स्थिर नहीं है, इसमें हमेशा परिवर्तन होते रहते हैं। यदि गीता की इस बात को ठीक से समझें, तो इसका सार यह है कि यदि जीवन में दुःख है, तो वह हमेशा नहीं रहेगा। जीवन का यह कठिन समय भी सुख में ज़रूर बदलेगा, हमें बस हर परिस्थिति में अपना कर्तव्य करते रहना होगा।
- लक्ष्य पर फोकस करना ज़रूरी :
गीता के अनुसार हमें अपनी जिंदगी में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने लक्ष्य पर फोकस करना बहुत ज़रूरी है। कई लोग जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं, लेकिन कुछ समय बाद सफलता ना मिलने पर अपना लक्ष्य बदल देते हैं। जीवन में यह बहुत ज़रूरी है कि हम अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लिए कड़ी मेहनत करें, जब हम ऐसा कर लेते हैं, तो हमारी सफलता निश्चित है।
- कर्म है बहुत ज़रूरी :
हम जब भी कोई काम करने का सोचते हैं, तो हम पहले उसके परिणाम पर विचार करते हैं। गीता के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण श्लोक के अनुसार हमें हमेशा कोई भी काम करने से पहले उसके परिणाम पर विचार नहीं करना चाहिए। यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है, तो परिणाम पर फोकस करने के बजाय उस तक पहुँचने के प्लान पर फोकस करना चाहिए।
- सच की हमेशा जीत होती है :
ये आपने कई बार सुना होगा कि सच परेशान हो सकता है, लेकिन हार नहीं सकता। यह वाक्य श्रीमद्भगवद्गीता से लिया गया है। इसके द्वारा श्रीकृष्ण यह कहते हैं कि हमें हमेशा सही काम करना चाहिए और जो भी हम काम करते हैं, उसे पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए। यदि आप सही काम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको शुरुआत में सफलता ना मिले, लेकिन देर सबेर आपको सफलता ज़रूर मिलेगी।
- सब कुछ किसी कारण से होता है :
गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि हर काम, हर परिस्थिति के पीछे कोई न कोई कारण ज़रूर होता है। यदि आपके जीवन में दुःख है या आप असफल हो रहे हैं, तो इसके पीछे भी ज़रूर ही कोई कारण होगा। आपको बस यह करना है कि अपनी असफलताओं से सीखकर आप अपने काम करने के तरीके को बदलें, तब आपको सफलता ज़रूर मिलती है।
श्रीमद्भगवद्गीता को पहली बार अर्जुन ने सुना था। उसके बाद आज तक असंख्य लोग श्रीमद्भगवद्गीता से सीख लेकर अपना जीवन सुधार चुके हैं। गीता के 18 अध्यायों में लिखा प्रत्येक श्लोक आपको कोई ना कोई सीख अवश्य देता है। यदि आप उसे पढ़कर समझने का प्रयास करें, तो आपकी सफलता निश्चित है।
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