कोरोना काल के बावजूद भारत की इकॉनमी सही दिशा में आगे बढ़ रही है. यही वजह है कि भारतीय इतिहास में किसी एक तिमाही में अब तक का सबसे अधिक निर्यात हुआ है. वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 95 अरब डॉलर का निर्यात हुआ. जबकि भारत ने पूरे वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है. कोविड-19 महामारी में श्रमिक प्रधान क्षेत्रों- इंजीनियरिंग उत्पाद, चावल, समुद्री उत्पाद आदि की मांग विदेशों में तेजी से बढ़ी है, जिससे इसके निर्यात में भी बड़ा इजाफा हुआ है. इसके आलावा अब तक का सबसे अधिक एफडीआई प्रवाह 81.72 अरब डॉलर वित्त वर्ष 2020-21 में आया है. Retail और Wholesale व्यापार भी एमएसएमई में शामिल, 2.5 करोड़ व्यापारियों को मिलेंगे ये फायदे

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सेक्टर आधारित कदम, सभी हितधारकों की भागीदारी और सरकार की समग्र भागीदारी ने ग्रोथ हासिल करने में मदद की है. उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं का सरलीकरण, समय सीमा और लाइसेंस का विस्तार जैसे कदमों का परिणाम है कि देश से रिकॉर्ड निर्यात हुआ है.

हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीयूष गोयल ने कहा कि महामारी के बावजूद सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा है. वित्त वर्ष 2019-20 में सेवा क्षेत्र के निर्यात का करीब 97 फीसदी लक्ष्य हासिल किया गया था. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद, उन्हें विश्वास है कि 2025 तक सेवा क्षेत्र से 350 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हासिल किया जा सकता है, और उसके बाद जल्द ही उसे 500 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंचाया जा सकता है.

अब तक का सबसे अधिक निर्यात

भारत के इतिहास में 2021-22 की पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक 95 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया है. यह 2020-21 की पहली तिमाही के निर्यात से 85 फीसदी और 2019-20 की पहली तिमाही के निर्यात से 18 फीसदी अधिक है. जो कि वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में हुए पिछले अधिकतम निर्यात (82 अरब अमेरिकी डॉलर) की तुलना में 16 फीसदी अधिक है और 2020-21 की चौथी तिमाही (90 अरब अमेरिकी डॉलर) के अधिकतम निर्यात के रिकॉर्ड से भी ज्यादा है.

ज्यादा श्रमिक आधारित कई क्षेत्रों के निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इंजीनियरिंग उत्पाद क्षेत्र में निर्यात 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ा है. इसी तरह चावल के निर्यात में मई 2020 से लगातार बढ़ोतरी बनी हुई है और 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 2021-22 की पहली तिमाही में 37 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.

अप्रैल में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत का निर्यात प्रदर्शन बेहतर

भारत ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अप्रैल 2020 में निर्यात क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था. अप्रैल 2019 की तुलना में, अप्रैल 2021 के दौरान भारत के निर्यात में बढ़ोतरी,  यूरोपीय संघ, जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य और यूनाइटेड किंगडम जैसी अन्य प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक थी.

रिकॉर्ड एफडीआई प्रवाह

भारत में 2020-21 में 81.72 अरब अमेरिकी डॉलर का अब तक का सबसे अधिक एफडीआई प्रवाह हुआ है. यह 2019-20 में प्राप्त 74.39 अरब अमेरिकी डालर की तुलना में 10 फीसदी अधिक है. अप्रैल 2021 के दौरान 6.24 अरब अमेरिकी डालर के एफडीआई प्रवाह के साथ लगातार बढ़ोतरी जारी है, जो अप्रैल 2020 की तुलना में 38 फीसदी अधिक है.

स्टार्टअप इंडिया

डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 50,000 से ज्यादा हो गई है और यह स्टार्ट अप भारत के 623 जिलों में मौजूद हैं. वर्ष 2020-21 में 16,000 से ज्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के जरिए लगभग 1.8 लाख औपचारिक नौकरियां पैदा हुई हैं. स्टार्टअप इकोसिस्टम से कई गुना ज्यादा लाभ पहुंचा है.

कंप्लायंस बोझ को कम करना

बिजनेस करना आसान करने और कंप्लायंस बोझ को कम करने के लिए पहले चरण में 6,426 कंप्लायंस कम किए गए हैं. दूसरे चरण में 3,177 कंप्लायंस कम किए जा रहे हैं. पहले चरण की समय सीमा 31 मार्च 2021 थी और दूसरे चरण की समय सीमा 15 अगस्त 2021 है.

इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल

क्लीयरेंस और अनुमोदन प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म है. एकीकरण के पहले चरण में 43 विभागों/मंत्रालयों और 14 राज्यों के एकल खिड़की प्रणाली को शामिल किया जा रहा है. इसके प्री-लॉन्च संस्करण का व्यापक परीक्षण किया जा रहा है और हम एक सॉफ्ट लॉन्च की तैयारी कर रहे हैं. केंद्र सरकार के इन सब पहलो से आज दुनिया भारत को एक भरोसेमंद और विश्वसनीय साझीदार के रूप में देख रहा है.