बजट 2021-22 की घोषणा हो चुकी है। केंद्र सरकार ने बजट 2021 में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की ओर अहम कदम बढ़ाया है। सरकार ने डिजिटिल भुगतान (Digital Payments) के लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखा है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है। डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए मैं 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जायेगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2019 के उनके बजट भाषण में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की घोषणा की गई थी। इसलिए "हमने औपचारिकताएं तय कर ली है और एनआरएफ पर अगले पांच साल में परिव्यय 50000 करोड़ रुपये होगा। इससे देश के अनुसंधान ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी और मुख्य जोर चिन्हित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों पर होगा।" वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि एक नयी पहल राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन भी शुरू की जायेगी। सरकार ने बजट पेश करते हुए कहा कि लघु उद्योगों की परिभाषा में संशोधन किया जाएगा और इनके मौजूदा 50 लाख रुपये के पूंजी आधार को बढ़ाकर दो करोड़ रुपए किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के आम बजट में वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि बैंकों की फंसे कर्ज की समस्याओं से निपटने के लिए एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी स्थापित की जाएगी, वहीं नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की रूपरेखा को मजबूत किया जाएगा। सरकार अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। चालू वित्त वर्ष में भी सरकार ने बैंकों के पुन:पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था। सरकार को उम्मीद थी कि बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से बाजार से धन जुटा लेंगे।