ABRY: आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से उद्यमियों को कैसे होगा फायदा?
कोरोना वायरस महामारी ने भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान पहुंचाया है. आज स्थिति ऐसी है कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ निगेटिव होने से मंदी का सामना करना पड़ रहा है. बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अधिकांश उद्योग घाटे में चल रहे है. हालांकि सरकार उद्यमियों को घाटे से उबारने के लिए भरसक प्रयास कर रही है. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) को मंजूरी दी है. ECLGS 2.0 Scheme: कर्ज गारंटी योजना के दायरे में 27 अन्य सेक्टर शामिल, ऐसे मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत कोविड रिकवरी फेज में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए रोजगार अवसरों को प्रोत्साहित किए जाने को मंजूरी दी है. इसके तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 1,584 करोड़ रुपये की धनराशि और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति दी गई है.
Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana (ABRY) योजना की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-
- भारत सरकार 1 अक्टूबर, 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक शामिल सभी नए कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी.
- जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1000 तक कर्मचारी हैं, वहां सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ता योगदान (दोनों) वेतन भत्तों का 24 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी.
- जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1000 से अधिक कर्मचारी हैं वहां सरकार नए कर्मचारियों के संदर्भ में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान देगी.
- कोई कर्मचारी जिसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और वह किसी ऐसे संस्थान में काम नहीं कर रहा था जो 1 अक्टूबर, 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पंजीकृत था और उसके पास इस अवधि से पहले यूनिवर्सल एकाउंट नंबर या ईपीएफ सदस्य खाता नंबर नहीं था, वह इस योजना के लिए पात्र होगा.
- कोई भी ईपीएफ सदस्य जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी और उसे ईपीएफ के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्थान में 30 सितंबर 2020 तक रोजगार नहीं मिला है, वह भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है.
- सदस्यों के आधार संख्या से जुड़े खाते में ईपीएफओ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इस योगदान का भुगतान करेगा.
- इस योजना के लिए ईपीएफओ एक सॉफ्टवेयर को विकसित करेगा और एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी.
- ईपीएफओ यह सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त तरीका अपनाएगा कि एबीआरवाई और ईपीएफओ द्वारा लागू की गई किसी अन्य योजना के लाभ ओवरलैपिंग नहीं हुए हैं.