आपने कई बार यूट्यूब वीडियो में देखा होगा कि अगर कोई किसी के गाने का इस्तेमाल अपने वीडियो में करता है, तो वहां गाना म्यूट हो जाता है और उसके नीचे लिखा होता है "Audio is muted due to copyright"।
इसके अलावा आपने कई सारी वेबसाइट्स के नीचे भी "Copyright" के बारे में देखा होगा। क्या आपने कभी सोचा है कि ये कॉपीराइट आखिर होता क्या है?
आईए विस्तार से जानते हैं कि कॉपीराइट क्या है? और इसके द्वारा आप कैसे अपने कंटेंट को बचा सकते हैं।
क्या है कॉपीराइट?
कॉपीराइट, यह एक तरह से वैधानिक अधिकार होता है, जोकि किसी व्यक्ति या संस्था को उसके इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के तौर पर प्रदान किया जाता है।
यानि यह अधिकार एक तरह का लीगल प्रोटेक्शन होता है, जिसके जरिए आप अपनी साहित्यिक रचना, संगीत, तकनीक जैसे क्षेत्रों मे मूल काम को किसी और के द्वारा कॉपी किए जाने या मिसयूज किए जाने से बचा सकते हैं।
भारत में कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन, कॉपीराइट अधिनियम 1957 के अंतर्गत होता है। कॉपीराइट एक वैधानिक अधिकार है, जो उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिन्होंने साहित्य, ड्रामा, आर्ट, पेंटिंग, म्यूजिक आदि में से किसी भी विधा में कोई नया काम किया हो।
ये लोग इनमें से किसी विधा में दिन-रात मेहनत कर नया, अनोखा और ऑरिजनल आर्ट बनाई हो। सरकार कॉपीराइट अधिनियम के द्वारा इन्हें एक अधिकार देती है, जिससे ये अपनी क्रिएट की हुई आर्ट को अपने नाम पर अपनी संपत्ति के रूप में रजिस्टर करवा सकते हैं।
कॉपीराइट का महत्व
अब बात आती है कि किसी को भी कॉपीराइट लेना क्यों ज़रूरी है? आइये समझते हैं कॉपीराइट का महत्व –
- वैधानिक अधिकार :
जब आप अपने किसी काम का कॉपीराइट करवा लेते हैं, तो यह इस बात का कानूनी सबूत है कि यह काम आपकी संपत्ति है और आपकी अनुमति के बिना कोई भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता। कॉपीराइट लेने के बाद आपके आईडिया, आपके द्वारा बनाई गयी कोई डिज़ाइन या प्रोडक्ट का कोई भी मिसयूज नहीं कर सकता।
- अपने काम से कमाना :
यदि आपने अपने काम का कॉपीराइट करवा लिया है, तो आप इससे कमाई भी कर सकते हैं। आप अपने काम जैसे बुक्स या म्यूजिक वीडियो आदि की मल्टीपल कॉपीज़ बनाकर बेच सकते हैं।
अपने काम को दूसरे फॉर्म्स में कन्वर्ट कर सकते हैं। जैसे अपने गीत को वीडियो में बनवाना या अपनी बुक से किसी मूवी की स्क्रिप्ट बनाना आदि। इन तरीकों से आप अपने काम से अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं।
- अपने काम का मिसयूज होने से बचाना :
यदि कोई व्यक्ति आपके काम का मिसयूज करता हो, तो कॉपीराइट होने पर आप उसके खिलाफ लीगल एक्शन ले सकते हैं। इससे आप अपने नुकसान के एवज में मुआवजा मांग सकते हैं। वैसे तो यदि आप अपने काम को पब्लिकली डिस्क्लोज़ कर देते हैं।
तब भी आपका कॉपीराइट माना जाता है। लेकिन यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि आप तब तक किसी पर लीगल एक्शन नहीं ले सकते हैं, जब तक कि आपने कॉपीराइट का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है।
किन-किन लोगों के लिए कॉपीराइट ज़रूरी है
ऐसे कुछ बिज़नेस और प्रोफेशन होते हैं, जिनके लिए कॉपीराइट करवाना बहुत ज़रूरी होता है –
- साहित्य
- संगीत
- कला (पेंटिंग, फोटोग्राफी, कलाकृति)
- साउंड रिकॉर्डिंग (संगीत, गाना, धुन, नाटक)
- मूवी, टेलीफिल्म
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वेबसाइट, ऐप डेवलपर
कॉपीराइट के प्रकार
भारत में कुल पांच प्रकार के कॉपीराइट होते हैं –
1. म्यूजिकल कॉपीराइट
म्यूजिक से जुड़े किसी भी प्रकार के काम के लिए चाहे वो लिरिसिस्ट, कंपोजर, सिंगर, प्रोड्यूसर हो, उनके काम को कॉपीराइट एक्ट के अनुसार कुछ नियम हैं, जिन्हें फॉलो करना ज़रूरी होता है –
- इसमें म्यूजिक से जुड़े व्यक्ति की मृत्यु के 60 साल तक का कॉपीराइट मिलता है।
- 2. इसमें फॉर्म-14, स्टेटमेंट ऑफ पर्टिक्युलर, ओरिजिनल वर्क और कंपोजर की डिटेल, अपने काम की दो कॉपी देनी होती है।
2. साउंड रिकॉर्डिंग
साउंड रिकॉर्डिंग में गाना, रिकार्डेड वॉइस, भाषण या कोई ऑडियो बुक से जुड़े काम को कॉपीराइट किया जाता है। इसमें उस काम के पब्लिश होने के 60 साल तक का कॉपीराइट मिलता है।
3. सिनेमेटोग्राफी
इसमें मूवीज विज़ुअल्स, इमेजेस, ऑडियो आदि सम्मिलित होते हैं। एनिमेटेड मूवीज, डांस परफॉरमेंस, कोरियोग्राफी आदि के लिए कॉपीराइट दिया जाता है। इसमें उस काम के पब्लिश होने के 60 साल तक का कॉपीराइट मिलता है।
4. आर्टिस्टिक कॉपीराइट
आर्टिस्टिक कॉपीराइट में पेंटिंग, स्कल्पचर, ड्राइंग, कार्टून, इंडस्ट्रियल डिज़ाइन आदि के लिए कॉपीराइट दिया जाता है। इसमें उस काम के पब्लिश होने के 60 साल तक का कॉपीराइट मिलता है।
5. लिटरेरी कॉपीराइट
इस प्रकार के कॉपीराइट में किसी भी प्रकार की बुक, ड्रामेटिक स्क्रिप्ट, रिसर्च वर्क आदि शामिल है। इसमें उस काम के पब्लिश होने के 60 साल तक का कॉपीराइट मिलता है।
कॉपीराइट के लिए आवश्यक दस्तावेज़
कॉपीराइट के लिए आवेदन करने के लिए आपको इन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी -
- काम की 2 कॉपीज़
- डीडी/ आईपीओ ऑफ फीस
- ऑथर से एनओसी (अगर आवेदक कोई और है)
- पब्लिशर की ओर से एनओसी
- यदि आवेदन अटॉर्नी की और से किया जा रहा है, तो आवेदक की ओर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी
कैसे करें इसके लिए अप्लाई
भारत में कॉपीराइट के लिए अप्लाई करने की निम्न प्रक्रिया है –
- सबसे पहले कॉपीराइट की आधिकारिक वेबसाइट https://copyright.gov.in/UserRegistration/frmLoginPage.aspx पर जाकर लॉगिन करें।
- यदि आपने अभी तक पंजीकरण नहीं किया है तो न्यूयूजर पंजीकरण पर क्लिक करें या https://copyright.gov.in/UserRegistration/frmNewUser.aspx पर जाएं।
- भविष्य में उपयोग के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड नोट कर लें।
लॉगिन करने के बाद, “ऑनलाइन कॉपीराइट पंजीकरण के लिए क्लिक करें” लिंक पर क्लिक करें।
- इसके बाद फॉर्म-14 ओपन होगा। उसमें सारी डिटेल भरकर सेव करें और स्टेप-2 पर जाएं।
- अगले पेज पर statement of particulars की डिटेल भरकर सेव करें और स्टेप-3 पर जाएं।
- इसके बाद statement of further particulars को भरें और स्टेप-4 पर क्लिक करें।
- लास्ट स्टेप में डिमांड ड्राफ्ट, चेक या ई-पेमेंट के ज़रिये अपनी पेमेंट कर दीजिये और फॉर्म को सबमिट कर दीजिये।
- सबमिट करने पर एक डायरी नंबर जनरेट होगा, जिसके ज़रिये आप अपने अपनी एप्लीकेशन को ट्रैक कर सकते हैं।
- इसके बाद ऐक्नालिज्मन्ट स्लिप और एप्लीकेशन फॉर्म का प्रिंटआउट लेकर उसे कॉपीराइट ऑफिस के एड्रेस पर पोस्ट कर दीजिये।
कॉपीराइट प्रभाग
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
बौधिक सम्पदा भवन,
प्लॉट नंबर 32, सेक्टर 14, द्वारका, नई दिल्ली-110078
ईमेल पता: कॉपीराइट[at]nic[dot]in
टेलीफोन नंबर: 011-28032496
Copyright Division
Department For Promotion of Industry and Internal Trade
Ministry of Commerce and Industry
Boudhik Sampada Bhawan,
Plot No. 32, Sector 14, Dwarka, New Delhi-110078
Email Address: copyright[at]nic[dot]in
Telephone No.: 011-28032496
- इसके बाद अपनी एप्लीकेशन का स्टेटस जानने के लिए "status of the Application" पर क्लिक करके डायरी नंबर ऐड करें, आपको अपना स्टेटस पता चल जायेगा।
नोट:
- हस्ताक्षर को 512 केबी में स्कैन करके अपलोड करने के लिए तैयार रखना होगा।
- कलात्मक कार्य pdf/jpg प्रारूप में अपलोड किया जाना है।
- ध्वनि रिकॉर्डिंग कार्य mp3 प्रारूप में अपलोड किया जाना है।
- साहित्यिक/नाटकीय, संगीत और सॉफ्टवेयर* कार्य pdf प्रारूप में अपलोड किया जाना है, 10 mb से कम, तैयार रखें।
- पीडीएफ में स्रोत कोड के कम से कम पहले 10 और अंतिम 10 पृष्ठ हों, या 20 पृष्ठों से कम होने पर संपूर्ण स्रोत कोड हो, जिसमें कोई अवरुद्ध या संशोधित भाग न हो।
इस प्रोसेस के द्वारा आप अपना कॉपीराइट प्राप्त कर सकते हैं। यहां ध्यान देने लायक बात यह है कि बिना रजिस्ट्रेशन के भी आपको आपके काम के लिए कॉपीराइट मिल जाता है। लेकिन आपके काम का मिसयूज होने की स्थिति में यदि आप केस फाइल करना चाहते हैं, तो उसके लिए कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन होना ज़रूरी है।
उम्मीद है आपको कॉपीराइट से जुड़ी सभी जानकारियां मिल चुकी होंगी। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।