भारतीय आम के दीवाने कई देशों में बसे है. भारत में आम को 'फलों का राजा' भी कहा जाता है और प्राचीन शास्त्रों में इसे इच्छा पूरी करने वाला पेड़ यानी ‘कल्पवृक्ष’ कहा जाता था. भारत के अधिकांश राज्यों में आम के बागान हैं, लेकिन इस फल के कुल उत्पादन में बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना औरकर्नाटक का है. अलफांसो, केसर, तोतापुरी और बंगनपल्ली भारत से निर्यात की जाने वाली आम की प्रमुख किस्में हैं. आम का निर्यात मुख्य रूप से तीन रूपों- ताजा आम, आम का गूदा और आम का टुकड़ा में होता है. 3 Brilliant Strategies to sky-rocket Your Import-Export Business: इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के बिज़नेस में इन तरीकों से ही मिलती है कामयाबी, जानें बिज़नेस शुरू करने के बेहतरीन टिप्स

भारत ने कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई ढुलाई संबंधी चुनौतियों के बावजूद इस सीजन में नए देशों तक आम के अपने निर्यात का विस्तार किया है. देशों में आम निर्यात क्षमता लगातार बढ़ रही है. एक प्रमुख पहल के रूप में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से प्राप्त जियोग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन (जीआई) प्रमाणित फजली नाम के आम की किस्म की एक खेप शनिवार को बहरीन निर्यात की गई. फजली आम की खेप को एपीडा द्वारा पंजीकृत डीएम इंटरप्राइजेज, कोलकाता द्वारा निर्यात और अल जजीरा समूह, बहरीन द्वारा आयात किया गया.

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) गैर-पारंपरिक क्षेत्रों और राज्यों से आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रहा है. आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा खरीदारों और विक्रेताओं के बीच आभासी बैठकें और फेस्टिवल आयोजित करता रहा है. एपीडा ने हाल ही में जर्मनी के बर्लिनमें ‘मैंगो फेस्टिवल’ का आयोजन किया था. इसके आलावा, बहरीन को भेजी गई इस खेप का सौदा एपीडा द्वारा कतर के दोहा में आम से संबंधित प्रचार कार्यक्रम आयोजित करने के कुछ दिनों बाद हुआ था.

इस प्रचार कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के जीआई प्रमाणित किस्म सहित नौ किस्मों के आम आयातक फैमिली फ़ूड सेंटर के स्टोर मेंप्रदर्शित किए गए थे. जिन नौ किस्मों का निर्यात किया गया उनमें जीआई प्रमाणित खिरसापति (मालदा, पश्चिम बंगाल), लखनभोग (मालदा, पश्चिम बंगाल), फजली (मालदा, पश्चिम बंगाल), दशहरी (मलीहाबाद, उत्तर प्रदेश), आम्रपाली एवं चौसा (मालदा, पश्चिम बंगाल) और लंगड़ा (नदिया, पश्चिम बंगाल) शामिल हैं.

जून 2021 में, बहरीन में एक सप्ताह तक चलने वाले भारतीय आम प्रचार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें तीन जीआई प्रमाणित खिरसापति एवं लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल), जर्दालू (बिहार) सहित आम की 16 किस्मों को प्रदर्शित किया गया था.

वहीं, बहरीन में इस समूह के 13 स्टोरों के जरिए आम की इन किस्मों का बेचा गया. इन आमों को एपीडा में पंजीकृत निर्यातक द्वारा बंगाल और बिहार के किसानों से प्राप्त किया गया था. इस सीजन में पहली बार, भारत ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के किसानों से प्राप्त जीआई प्रमाणित बंगनपल्ली और सुरवर्णरेखा नाम के आम की एक अन्य किस्म के 2.5 मीट्रिक टन (एमटी) की एक खेप भेजी है.