Rajdoot बाइक: जब सड़क पर सिर्फ इसका ही राज था!

सड़क का असली दबंग

  • ज़रा सोचिएधूल भरी गाँव की पगडंडियाँ, भीड़-भाड़ वाली शहर की गलियाँ और उन पर गरजती हुई एक बाइक—Rajdoot! अगर कभी किसी बाइक ने इंडियन सड़कों पर अपनी बादशाहत दिखाई, तो वो यही थी।
  • ये सिर्फ एक बाइक नहीं, बल्कि स्टेटस सिंबल थी। लेकिन जैसे ही ये बुलंदी पर पहुंची, अचानक ग़ायब भी हो गई। आख़िर ऐसा क्या हुआ? चलिए, राजदूत की रोमांचक कहानी जानते हैं!

Rajdoot की एंट्री (1962)

  • साल था 1962, जब एस्कॉर्ट्स ग्रुप ने भारत में Rajdoot 175 लॉन्च की। यह असल में पोलैंड की SHL M11बाइक का इंडियन वर्ज़न थी, जिसे हमारे देश की सड़कों के हिसाब से बदला गया था।
  • शुरुआत में लोगों को इस बाइक पर भरोसा नहीं हुआ। उस दौर में बुलेट पहले से ही बाज़ार में थी और बाइक लवर्स की फेवरेट बन चुकी थी। लेकिन फिर आया राजदूत का टर्निंग पॉइंट, जब इसे अचानक स्टारडम मिल गया!

बॉलीवुड ने बदली किस्मत

  • साल 1973 में ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म 'बॉबी' रिलीज़ हुई और पूरी पब्लिक ने राजदूत को नोटिस किया!
  • फिल्म में ऋषि कपूर इस बाइक पर फर्राटा भरते दिखे, और देखते ही देखते यह बाइक यंगस्टर्स की पहली पसंद बन गई।
  • उस दौर में अगर इंस्टाग्राम होता, तो Rajdoot की फैन फॉलोइंग किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं होती! हर नौजवान ऋषि कपूर स्टाइल में इसे चलाना चाहता था।
  • बिक्री आसमान छूने लगी, और इंडियन सड़कों पर सिर्फ Rajdoot का ही जलवा था।
  • लेकिन कहते हैं न, जो ऊपर जाता है, वो नीचे भी आता हैऔर यही हुआ इस बाइक के साथ!

जब Rajdoot 'पुरानी' लगने लगी

  • 1980 के दशक में Rajdoot 175 लोगों को पुरानी लगने लगी। न कोई अपडेट, न कोई नया मॉडल, न कोई नया स्टाइल।
  • इधर मार्केट में नए-नए मॉडर्न और माइलेज फ्रेंडली बाइक्स आने लगी थीं, और राजदूत धीरे-धीरे पीछे छूटने लगी।1983 तक इसकी बिक्री इतनी गिर गई कि कंपनी को इसका प्रोडक्शन बंद करना पड़ा।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई!

राजदूत 350: जब कंपनी ने की वापसी

  • एस्कॉर्ट्स ने हिम्मत नहीं हारी और 1980 के दशक में यामाहा के साथ मिलकर राजदूत 350 लॉन्च कर दी। यहयामाहा RD350 का भारतीय वर्ज़न थी और बुलेट को टक्कर देने के लिए आई थी।

350cc का दमदार इंजन
6-स्पीड गियरबॉक्स
150 km/h की टॉप स्पीड
सिर्फ 7 सेकंड में 100 km/h की रफ्तार

  • यह बाइक बुलेट से हल्की थी, लेकिन ताकत और स्पीड में उससे कहीं आगे।
  • इसकी परफॉर्मेंस इतनी जबरदस्त थी कि सरकार ने भी इसे अपने अफसरों के लिए चुना। गाँव-देहातों में सरकारी अधिकारी और दूध व्यापारी तक इसे इस्तेमाल करने लगे। लेकिन फिर एक बार कहानी ने करवट ली।

अंत की शुरुआत: Rajdoot का पतन

  • 1990 के दशक में हीरो होंडा, यामाहा और सुजुकी जैसी कंपनियों ने नई, हल्की और ज्यादा माइलेज देने वाली बाइक्स लॉन्च कर दीं।
  • राजदूत के पार्ट्स महंगे थे, माइलेज कम था, और स्टाइल भी पुराना हो गया था। अब यह बाइक महंगी और अनप्रैक्टिकल लगने लगी। धीरे-धीरे इसकी बिक्री गिरती गई और 1990 के दशक के अंत तक इसका प्रोडक्शन पूरी तरह बंद हो गया।

Rajdoot की विरासत: अब भी जिंदा है यादों में!

  • भले ही राजदूत आज की सड़कों पर कम दिखती हो, लेकिन यह भारतीय बाइक इतिहास का एक सुनहरा अध्यायहै। कई विंटेज बाइक लवर्स आज भी इसे सहेज कर रखते हैं।
  • यहाँ तक कि क्रिकेट लीजेंड एम. एस. धोनी की पहली बाइक भी राजदूत थी!
  • तो भले ही आज नई बाइक्स का दौर हो, लेकिन राजदूत का नाम हमेशा बाइक प्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेगा।

क्या आपके घर में भी कभी राजदूत थी?

अगर हां, तो हमें कमेंट में बताइए कि आपकी सबसे शानदार राजदूत वाली याद कौन-सी है?

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