भारत में लोग दिन प्रतिदिन नए स्टार्टअप आइडियाज लेकर आ रहे हैं। हर कोई स्टार्टअप करना चाहता है, हर कोई अपने स्टार्टअप को बड़ा बनाकर करोड़ों कमाना चाहता है। लेकिन, कड़वी सच्चाई यह है कि यह इतना आसान नहीं है जितना नज़र आता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें  तो भारत में 90 प्रतिशत स्टार्टअप्स असफल होकर बंद हो जाते हैं | सिर्फ 10 में एक स्टार्टअप ऐसा होता है जिसे सफल कह सकते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि ज़्यादातर स्टार्टअप असफल क्यों हो जाते हैं? NASSCOM की रिपोर्ट के मुताबिक सफल स्टार्टअप के 55 फीसदी फाउंडर ने अपनी कंपनी बंद होने के बाद नई नौकरी ज्वाइन कर ली। ये फाउंडर अपनी कंपनी चलाने में तो कामयाब नहीं रहे लेकिन इसकी बदौलत इन्होने नई नौकरी में बहुत ऊंचे मुकाम को पाया। इस मामले में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है। किसी सफल कारोबारी को देखकर हम किसी भी कारोबार को शुरू करने से पहले उसमें सिर्फ अच्छी चीज़ें ही देखते हैं, जबकि बिज़नेस (Business) को शुरू करने के बाद ही उसकी सभी चुनौतियां और कमियां पता चलती हैं। आज के इस लेख में हम आपको 3 ऐसे प्रमुख कारण बताएंगे जिनकी वजह से ज़्यादातर  स्टार्टअप बिज़नेस भारत में फेल होते हैं।

1. सिर्फ पैसे के पीछे भागते हैं

ज्यादातर लोग स्टार्टअप इसीलिए शुरू करते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा पैसे चाहिए होता है। कुछ सफल स्टार्टअप्स को देखकर लोग सिर्फ यह सोचते हैं कि स्टार्टअप का मतलब सिर्फ पैसा ही पैसा होता है। जबकि उस सफलता को पाने के लिए कितनी मेहनत की गई है वह उसे नज़रअंदाज कर देते हैं। किसी भी समस्या का समाधान करने की बजाय उनका मुख्य फोकस पैसा होता है। ऐसे में लोग बिना किसी बिज़नेस  प्लान और स्ट्रेटेजी के अपना स्टार्टअप शुरू कर देते हैं। लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है । किसी भी तरह के बिज़नेस  में बिना प्लानिंग के प्रोडक्ट लेकर मार्केट में उतरना सही नहीं है। इस तरह आपको सिर्फ नुकसान ही उठाना पड़ेगा। इसके लिए आप बिज़नेस कोच (Business Coach) से मदद ले सकते हैं। किसी भी बिज़नेस को सही से रिसर्च कर के शुरू किया जाए तो सफलता ज़रूर मिलती है।स्टार्टअप क्यों फेल हो जाते है इसके बारे में और जानकारी लेने के लिए डॉ विवेक बिंद्रा का यह वीडियो देख सकते हैं:

2. इनोवेटिव आइडियाज की कमी

आज के समय में सोसाइटी में तनाव बढ़ रहा है। व्यक्ति के पास जितने ज्यादा ऑप्शन होते हैं वह उतना ही तनाव में रहता है। लोग एक दूसरे को देख कर नकल करने पर उतारू रहते हैं। उनके पास खुद के इनोवेटिव आइडियाज होते ही नहीं है। कई लोग दूसरों को देख कर स्टार्टअप शुरू कर देते हैं और बिना सोचे समझे गलती पर गलती करते चले जाते हैं। वो अपने प्रोडक्ट्स, बाजार और सबसे महत्वपूर्ण अपने कॉम्पिटिटर्स के बारे में सही से रिसर्च करना भूल जाते हैं। किसी विचार या उत्पाद के बारे में थोड़ी सी जानकारी बटोरने के बाद ही वे सीधे प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए कूद पड़ते हैं। यहीं पर ज़्यादातर स्टार्टअप्स फेल हो जाते हैं। लोग अपने नये स्टार्टअप के लिए सही स्ट्रेटेजी बनाने में कामयाब नहीं हो पाते हैं। ऐसे में हमारे अच्छे से अच्छे स्टार्टअप आइडिया का फेल होना तय हो जाता है। किसी भी स्टार्टअ बिज़नेस (Startup Business) को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए सही प्लानिंग की ज़रूरत होती है। आपकी स्ट्रेटेजी सही और मज़बूत होनी चाहिए तथा उसे अपनाने के समय में भी कभी देर नहीं करनी चाहिए। अगर आप देरी करते हैं और गैप रह जाता है तो यह स्टार्टअप के लिए नुकसानदायक हो सकता है । इसलिए सोच-समझ कर सही आइडिया के साथ स्टार्टअप के क्षेत्र में उतरें।

3. कस्टमर की पहचान न होना

अधिकांश स्टार्टअप बिज़नेस के फेल होने के प्रमुख कारणों में से एक है ग्राहकों की पहचान न होना। ज़्यादातर स्टार्टअप प्रोडक्ट तो लॉन्च कर देते हैं लेकिन वो अपने कस्टमर को नहीं पहचान पाते। वो न उनके अनुरूप प्रोडक्ट बनाते हैं, न उन्हें सही जानकारी देते हैं। वे  स्टार्टअप  को सिर्फ दूसरों को देखकर या दूसरों से प्रभावित होकर शुरू करते हैं। स्टार्टअप शुरू करने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी, कस्टमर की पहचान करना है। भारतीय लोगों को कम से कम कीमत में अच्छी से अच्छी क्वालिटी चाहिए होती है। अगर आप कस्टमर को खुश कर देंगे तो फिर आपके स्टार्टअप को कोई रोकने वाला नहीं है। हमेशा अपने ग्राहकों को अहमियत दें क्योंकि वो ही आपके बिज़नेस को सफल या असफल बनाते हैं । जिस स्टार्टअप बिज़नेस ने कस्टमर के चेहरे पर मुस्कान लाने में कामयाबी हासिल कर ली, उस बिज़नेस का बहुत ही कम समय में सफलता हासिल करना तय है। इसलिए अपने कस्टमर को पहचानें, उनकी बातें सुनें और उनसे फीडबैक लेकर सुधार करें। इसके लिए आप बिज़नेस ट्रेनर (Business Trainer) से भी संपर्क कर सकते हैं जिनके मार्गदर्शन में आप अपने बिज़नेस को सही दिशा दे सकते हैं।

भारत आज स्टार्टअप्स का गढ़ बनता जा रहा है। अगर भारतीय स्टार्टअप्स को आगे बढ़ना है और खुद को फेल होने से रोकना है तो उन्हें इन कमियों को दूर करना होगा। ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखकर आप भी अपने स्टार्टअप को डूबने से बचा सकते हैं और उसे नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Course)  का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुणा बढ़ा सकते हैं ।