किसी भी प्रोडक्ट के लिए उसकी पैकेजिंग बेहद खास होती है. पैकेजिंग आपके प्रोडक्ट को हर तरह से बेहतर बनाती है. पैकेजिंग को लेकर हर व्यवसायी को खूब दिमाग दौड़ाना पड़ता है. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि आपके प्रोडक्ट की पैकेजिंग की नकल कर कोई अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग तैयार कर लेता है. इस मामले में अब दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.

दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि एक कंपनी द्वारा सतर्कता के साथ दूसरे के उत्पाद की पैकेजिंग की नकल का प्रयास करना अपने आप में ट्रेडमार्क का उल्लंघन नहीं है. अदालत ने आगे कहा कि जब तक कोई उपभोक्ता भ्रमित अथवा धोखे में नहीं आता है, तब तक पैकेजिंग की नकल करने वाली कंपनी के इरादों के आधार पर ट्रेडमार्क के उल्लंघन का मामला नहीं बनता है.

कोर्ट ने आगे कहा कि इस तरह के मामलों की आगे जांच ग्राहकों की औसत समझदारी के आधार पर की जानी चाहिए. न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा, "जब तक इससे कोई उपभोक्ता भ्रमित अथवा धोखा नहीं खाता है तब तक प्रतिवादी के इरादे कितने भी संदिग्ध क्यों न हों, इसमें उल्लंघन का मामला नहीं बनता."

अदालत ने यह आदेश ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की याचिका पर दिया, जिसमें कंपनी ने आईटीसी पर ट्रेडमार्क के उल्लंघन का आरोप लगाया था. अदालत ने अंतरिम राहत के आग्रह वाली याचिका को खारिज कर दिया.

ब्रिटानिया ने याचिका दायर कर आईटीसी लि. के ‘सनफेस्ट फार्मलाइट 5-सीड डाइजेस्टिव’ बिस्कुट की पैकिंग को लेकर आपत्ति जतायी थी. उसका कहना था कि आईटीसी लि. की पैकेजिंग उसके ‘न्यूट्रि चॉइस डाइजेस्टिव’ बिस्कुट के समान है.