स्टार्टअप के लिए लोन चाहिए? इस एक लेख में सब जानिए

Know All About Startup Business Loans.

पिछले कुछ समय से लोगों में स्टार्टअप के प्रति क्रेज़ बहुत बढ़ गया है। स्टार्टअप इंडिया योजना के लॉन्च के बाद से छोटे और मध्यम आकार के स्टार्टअप्स की संख्या में इजाफा होते दिखाई दे रहा है। आज कई लोग अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग के प्री सीड स्टेज में अपनी सेविंग्स और फिर दोस्तों और परिजनों से पैसे लेकर स्टार्टअप शुरू कर देते हैं, लेकिन स्टार्टअप को ग्रो करने के लिए और भी ज्यादा फंड्स की ज़रूरत होती है।

स्टार्टअप के लिए फंडिंग के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से एक प्रकार है स्टार्टअप लोन लेना। यदि आप भी अपना स्टार्टअप करना चाहते हैं या कर रहे हैं और उसके लिए लोन लेना चाहते हैं, तो आज के इस आर्टिकल में जानिये स्टार्टअप लोन के बारे में सब कुछ

स्टार्टअप बिज़नेस लोन।

जब भी कोई स्टार्टअप या बिज़नेस ग्रो करना चाहता है, तो उसे अपने डेली ऑपरेशन्स के लिए जैसे बिज़नेस एक्सपैंशन के लिए, मशीनरी खरीदने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए, स्टार्टअप की मार्केटिंग और सेल्स बढ़ाने के लिए फंड्स यानी पैसों की ज़रूरत होती है। इसके लिए वह बैंकों या फाइनेंस कम्पनियों से एक निश्चित इंटरेस्ट पर (यह हर बैंकों और फाइनेंशियल कम्पनीज़ के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है) लोन लेता है। इसे ही स्टार्टअप लोन कहते हैं। आज भारत सरकार की कई ऐसी योजनाएं भी चल रही हैं, जिनके अंतर्गत स्टार्टअप्स को लोन और कई अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।

स्टार्टअप बिज़नेस लोन के प्रकार।

स्टार्टअप बिज़नेस के लिए लोन मुख्य रूप से 2 प्रकार के ही होते हैं –

  1. सिक्योर्ड लोन :

    जब भी कोई स्टार्टअप लोन लेता है, तो बैंक, फाइनेंशियल कंपनी उनसे कोई सेक्योरिटी या गारंटर की मांग करते हैं, ऐसे लोन को सिक्योर्ड लोन कहते हैं।

  2. अन - सिक्योर्ड लोन :

    जब बैंकों या फाइनेंस कम्पनी बिना किसी सिक्योरिटी या गारंटर के अपने रिस्क पर स्टार्टअप्स को लोन देते हैं, तो उसे अन - सिक्योर्ड लोन कहते हैं। आज भारत सरकार की ऐसी कई योजनाएं चल रही हैं, जिनके अंतर्गत स्टार्टअप्स को बिना किसी सिक्योरिटी या गारंटी के लोन दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है।

स्टार्टअप बिज़नेस लोन के लिए पात्रता।

स्टार्टअप बिज़नेस लोन के लिए निम्नलिखित पात्रताएं होनी ज़रूरी है –

  1. स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन :

    स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन कंपनी, पार्टनरशिप या सोलो-प्रेन्योरशिप के रूप में होना चाहिए।

  2. बिज़नेस प्लान :

    जिस प्रकार पर्सनल या अन्य लोन में सिबिल स्कोर चेक करके यह देखा जाता है कि व्यक्ति लोन वापस करने योग्य है या नहीं, उसी प्रकार स्टार्टअप लोन के लिए स्टार्टअप का बिज़नेस प्लान देखा जाता है। इसलिए आपके बिज़नेस प्लान में फ्यूचर के कुछ माइलस्टोन शामिल होना चाहिए।

    बोनस पॉइंट

  3. स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन :

    यदि आप स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं, तो आपको भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप्स के लिए दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिल जाता है।

आवश्यक दस्तावेज।

लोन देने से पहले कोई भी बैंक या फाइनेंशियल संस्था आपसे कुछ डाक्यूमेंट्स चाहती हैं, इसलिए लोन के लिए आपको ये दस्तावेज तैयार कर लेने चाहिए –

  • स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  • स्टार्टअप का बैंक स्टेटमेंट
  • पिछले 2 - 3 साल के आयकर रिटर्न
  • स्टार्टअप का पैन कार्ड
  • ओनर्स का पहचान और निवास प्रमाण पत्र
  • जीएसटी रिटर्न और अन्य ज़रूरी फाइनेंशियल दस्तावेज

स्टार्टअप बिज़नेस लोन के लाभ।

किसी भी स्टार्टअप के लिए लोन लेने के कुछ लाभ होते हैं, जानिये इनके बारे में –

  1. फंड्स के मुकाबले आसान :

    जब आप किसी इन्वेस्टर से फंड लेते हैं, तो उसके लिए आपको अपने स्टार्टअप की इक्विटी का कुछ हिस्सा देना पड़ता है, जो कि लम्बे समय तक आपके लाभ में हिस्सा लेते हैं। इसके विपरीत अगर आप लोन लेते हैं, तो इसके लिए आपको इक्विटी नहीं देनी होती।

  2. डिसीजन मेकिंग में दखल नहीं :

    जब इन्वेस्टर आपके स्टार्टअप की इक्विटी का हिस्सा लेता है, तो वो डिसिशन मेकिंग में भी हिस्सा लेता है। लेकिन लोन लेने पर बैंक या फाइनेंशियल संस्थाएं आपके स्टार्टअप की डिसीजन मेकिंग में दखल नहीं देते।

  3. बैंक के प्रति जवाबदेही नहीं :

    जब आप इन्वेस्टर्स से फंडिंग लेते हैं, तो लाभ या हानि के लिए आपकी जवाबदेही इन्वेस्टर्स के प्रति हो जाती है, लेकिन लोन लेने पर बैंक को आपके लाभ या हानि से कोई लेनादेना नहीं होता, यदि आप इंस्टॉलमेंट्स समय समय से जमा करते रहते हैं।

बैंक्स जो देती हैं स्टार्टअप बिज़नेस लोन।

स्टार्टअप बिज़नेस लोन के लिए आप किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक में लोन के लिए आवेदन दे सकते हैं। ऐसी ही कुछ बैंकों के नाम इस प्रकार हैं -

  1. HDFC Bank
  2. State Bank of India
  3. ICICI Bank
  4. Citi Bank
  5. Axis Bank
  6. IDFC Bank
  7. Kotak Bank
  8. Standard Chartered Bank
  9. IndusInd Bank
  10. Fullerton Bank
  11. Bajaj Finserv
  12. IIFL Finance
  13. Tata Capital

स्टार्टअप के लिए लोन लेने के अपने लाभ या हानि होती है, लेकिन यदि देखा जाए तो आप स्टार्टअप के लिए लोन लेना एक सुविधाजनक प्रक्रिया होती है। हमें आशा है कि आपको स्टार्टअप बिज़नेस लोन से जुड़े सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा।



अगर आपके मन में इससे जुड़ा कोई सवाल है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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