देश में गाय के गोबर से ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ बनाने वाली पहली यूनिट राजस्थान के जयपुर में शुरू हो चुकी है. नया संयंत्र कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर के परिसर में स्थापित किया गया है, जो खादी और ग्रामोद्योग आयोग की एक इकाई है. नया संयंत्र आधुनिक प्रौद्योगिकी और मशीनरी से लैस है, जो गुणवत्ता और एकरूपता के मामले में उत्पाद के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करता है. Business Tips: सफल उद्यमी बनना है तो आज ही छोड़ दें ये आदतें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर से बने भारत के पहले और एकमात्र पेंट ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ की जयपुर स्थित नई स्वचालित विनिर्माण इकाई का वर्चुअल उद्घाटन किया. प्रौद्योगिकी नवाचार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश में ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. इस दौरान गडकरी ने खुद को खादी प्राकृतिक पेंट का "ब्रांड एंबेसेडर" घोषित किया और कहा कि वह इस पेंट को पूरे देश में बढ़ावा देंगे ताकि युवा उद्यमियों को गाय के गोबर से पेंट का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.
हर गांव में एक प्राकृतिक पेंट इकाई स्थापित करने का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि लाखों करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करना इतना सुखद और संतोषजनक नहीं है जितना इस विनिर्माण इकाई का उद्घाटन करना रहा है. उन्होंने इस सफल अनुसंधान के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग की सराहना की. उन्होंने कहा कि खादी प्राकृतिक पेंट में समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति के लाभ के लिए सतत विकास करने की व्यापक संभावनाएं हैं और हमारा लक्ष्य प्रत्येक गांव में कम से कम एक प्राकृतिक पेंट इकाई स्थापित करने का होना चाहिए.
इस अवसर पर गडकरी ने 1000 लीटर खादी प्राकृतिक पेंट आपूर्ति (500-500 लीटर डिस्टेंपर और इमल्शन) का आदेश भी दिया, जिसका वे नागपुर में अपने आवास पर उपयोग करना चाहते हैं.
रोजगार सृजन के लिए अहम
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री रहते हुए नितिन गडकरी ने ही इसी साल 12 जनवरी को खादी प्राकृतिक पेंट का शुभारंभ किया था. यह पेंट किसानों की आय बढ़ाने और देश में स्वरोजगार पैदा करने के दोहरे उद्देश्यों के साथ लॉन्च किया गया है. इस नवाचार से अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए केवीआईसी ने इस परियोजना को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत शामिल किया है, जो रोजगार सृजन के लिए केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है.
सबसे अलग है खादी प्राकृतिक पेंट
‘खादी प्राकृतिक पेंट’ अपनी तरह का पहला उत्पाद है, जो मुख्य घटक के रूप में गाय के गोबर पर आधारित है. यह पेंट सस्ता है, गंधहीन है और साथ ही इसे भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है. यह पेंट दो किस्मों- डिस्टेंपर और इमल्शनमें उपलब्ध है. इसमें "अष्टलाभ" यानी आठ लाभ शामिल हैं, जैसे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और प्राकृतिक थर्मल इंसुलेशन गुण. यह पेंट पर्यावरण के अनुकूल और नॉन-टॉक्सिक भी है, क्योकि यह पेंट सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम और अन्य भारी धातुओं से मुक्त है.
अब तक प्राकृतिक पेंट का निर्माण प्रोटोटाइप परियोजना पर मैन्युअली रूप से किया जा रहा था. नई विनिर्माण इकाई चालू होने से प्राकृतिक पेंट की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगी. वर्तमान में प्राकृतिक पेंट का दैनिक उत्पादन 500 लीटर है, जिसे बढ़ाकर प्रतिदिन 1000 लीटर कर दिया जाएगा.