देशभर में प्रदूषण (Air pollution) का स्तर काफी तेज़ी से बढ़ रहा है. इसे देखते हुए मोदी सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) को  लागू किया है, जब से इस एक्ट को लागू किया है तब से मार्केट में प्रदूषण जांच केंद्र (Pollution Testing Center) का बिजनेस लोगों द्वारा काफी तेज़ी से शुरू किया जा रहा है. गाड़ियों से निकलने वाले धुएं की वजह से लोगों को गंभीर बीमारियों से झूझना पड़ता है. इसलिए सरकार ने मोटर व्हीकल एक्‍ट को एक बार फिर से नए सिरे से लागू किया है.

बदले हुए नियमों के बाद लोगों को सबसे ज्यादा पीयूसी (PUC) यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ रही है. अगर कोई भी व्यक्ति इसका पालन नहीं करता है तो केंद्र सरकार द्वारा 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. कोरोना काल (Covid 19) की वजह से ज्यादातर लोग खुद का बिजनेस शुरू (Business Startup) करने की फ़िराक में हैं, क्योंकि आज के समय में नौकरी मिलना इतना आसान नहीं रहा. ऐसे में लोग सरकार की मदद से खुद का स्टार्टअप शुरू कर रहे है ताकि वो अपने परिवार का खर्च बिना किसी परेशानी के चला सके.

प्रदूषण जांच केंद्र का बिजनेस कैसे करें शुरू?

जो लोग खुद का बिजनेस खोलने के इच्‍छुक हैं, वो प्रदूषण जांच केंद्र (Pollution Testing Center)  आराम से शुरू कर सकते हैं. आज के समय में प्रदूषण जांच केंद्र बेहतरीन बिजनेस में से एक है, क्योंकि कम लागत में इस बिजनेस को आराम से शुरू किया जा सकता है. प्रदूषण जांच केंद्र के जरिए सभी वाहन चलाने वाले लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) बनवा सकते हैं, इससे हमें यह पता चलता है कि किस वाहन से कितना  प्रदुषण फैला रहा है, ध्यान रहे कि प्रदूषण सर्टिफिकेट को केवल प्रदूषण जांच केंद्र से ही बनवाया जा सकता है.

Pollution Testing Center के लिए कैसे अप्लाई करें?

  • सबसे पहले इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको RTO से लाइसेंस प्राप्‍त करना होगा.
  • परमिशन मिलने के बाद आप अपना प्रदूषण जांच केंद्र को पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के पास खोल सकते हैं.
  • आवेदन करने के दौरान आपको 10 रुपए का शपथ-पत्र भी भरकर देना होगा.
  • हर राज्य में प्रदूषण जांच केंद्र की अगल-अलग फीस है.
  • अगर आप ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते है तो, https://vahan.parivahan.gov.in/puc/ पर जाकर रजिस्टर कर सकते हैं.

ये होगी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की शर्तें:-

  • प्रदूषण जांच केंद्र का पहचान करने के लिए इसे पीले रंग का केबिन बनाया गया है.
  • इस केबिन का साइज- लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर, ऊंचाई 2 मीटर तय को गई है.
  • प्रदूषण केंद्र सेंटर पर लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है.

    कोई भी नागरिक, फर्म, सोसायटी और ट्रस्ट इसका संचालन कर सकता है.

  • PUC केंद्र को शुरू करने के लिए आवेदक को सबसे पहले ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, इत्यादि से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना जरूरी है.

बता दें कि प्रदूषण जांच केंद्र को गाड़ी के पॉल्यूशन चेक पर प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगा, इस सर्टिफिकेट में सरकारी स्टिकर का लगा होना जरुरी है. प्रदूषण जांच केंद्र को सभी गाड़ियों की डिटेल्स को 1 साल तक संभाल कर रखना होगा. कोरोना के समय में इस बिजनेस को शुरू कर आप हर महीने काफी अच्छा पैसा कमा सकते है, क्योंकि जुर्माना लगने की वजह से हर कोई अपनी गाड़ियों का पॉल्यूशन चेक करवाएगा.