कोरोना महामारी की वजह से लाखों की संख्या में लोगों ने अपना रोजगार गवांया है, तो वहीं कुछ ऐसे भी युवां है जिन्होंने इस आपदा में भी अवसरों की तलाश करते हुए नए मौकों को तैयार किया है. उघोग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry & Internal Trade) के अनुसार नवंबर 2019 में 24,927 स्टॉर्ट-अप कंपनियों (Start Up Companies) की शुरूआत हुई है और यही आकड़ा नवंबर 2020 में कोरोना (Covid) के दौरान बढ़ोतरी करते हुए 39,114 पर पहुंच गया है. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में लोग अब अपने स्टॉर्ट-अप बिज़नेस (Start Up Business) की ओर लगातार बढ़ रहे हैं.

अगर आप भी अपने बिज़नेस को शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो हमारा आज का यह आर्टिकल आपके लिए है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन (Registration) करा सकते हैं.

कैसी होती है प्राईवेट लिमिटेड कंपनी (Private Limited Company): सबसे पहले जानते हैं कि प्राईवेट लिमिटेड कंपनी कैसी होती है. दरअसल प्राईवेट लिमिटेड कंपनी में लोगों की संख्या कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा 200 होती है. इस तरह की कंपनी में शेयरधारकों (Share Holders)की संख्या 50 तक होती है. अब बात करते हैं उन चरणों की जिनके आधार पर आप प्राईवेट लिमिटेड कंपनी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

नाम (Business Name or Company Name):  जिस भी नाम से आप अपने बिज़नेस या फिर कंपनी को रजिस्टर कराना चाहते हैं, उस नाम को आपको सोच विचार कर, रजिस्ट्रार को भेजना होता है. आप चार से छह नामों की लिस्ट रजिस्ट्रार (Registrar)  के पास भेज सकते हैं. ध्यान रहे आपके द्वारा भेजा गया नाम पहले से किसी दूसरी कंपनी का न हो. आपकी कंपनी का नाम यूनिक (Unique) और अलग हो. जिस नाम को आप रजिस्ट्रार के पास भेजते हैं उसका आपको पेटेंट (Patent)  मिल जाता है. उसके बाद कोई भी दूसरा व्यक्ति आपके नाम पर अपनी कंपनी के नाम को नहीं रख पाएगा.

डॉयरेक्टर (DIN): प्रत्येक कंपनी को रजिस्टर कराते वक्त डॉयरेक्टर की जरूरत होती है. डॉयरेक्टर किसी कंपनी का मालिक भी हो सकता है. कॉर्पोरेट मंत्रालय (Corporate Ministry)  द्वारा डॉयरेक्टर को एक  डीआईएन यानि कि डॉयरेक्टर आईडेंटिटी नंबर (DIN) दिया जाता है.

पता (Address) : कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराते वक्त कंपनी के लिए स्थायी पते की भी जरूरत होती है. स्थायी पता वह जगह होती है, जहां पर कंपनी की जरूरी मिटिंग्स और सभी जरूरी दस्तावेज रखे जाते हैं. कंपनी की बिज़नेस वेबसाइट (Business Website) पर भी इस पते को लिखा जाता है.

डिजिटल हस्ताक्षर (DSC): आज की आधुनिक दुनिया में सभी काम ऑनलाइन किए जाते हैं. सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा किया जाता है और फिर सभी जरूरी जगहों पर आवश्यकता अनुसार उपयोग किया जाता है. इसलिए आपके डिजिटल हस्ताक्षर यानि डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature) की भी आवश्यकता होती है. रजिस्ट्रेशन के समय आपको डिजिटल सिग्नेचर भी रजिस्ट्रार द्वारा दिया जाता है.

इन चरणों को अपनाकर आप अपनी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. बिज़नेस की शुरूआत कैसे की जाए और सही तरह से कैसे बिज़नेस को चलाया जाए इन सभी बातों को आप Everything About Entrepreneurship कोर्स के जरिए जान सकते हैं. अगर आप बिज़नेस से जुड़ी और भी ज्यादा जानकारी पाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://www.badabusiness.com/?ref_code=ArticlesLeads पर Visit करें।