एक समय था जब देश में बहुत कम वुमन एंटरप्रेन्योर हुआ करती थीं। उन दिनों व्यवसाय जगत में आमतौर पर पुरुषों का दबदबा हुआ करता था। लेकिन आज महिलाएं ना सिर्फ अपना स्टार्टअप शुरू कर रही हैं, बल्कि सफलता पूर्वक उसे आगे भी बढ़ा रही हैं। आज वुमनप्रेन्योर का दबदबा पूरी दुनिया मान रही है।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्यों इतने सालों तक देश में ज्यादा महिला उद्यमी आगे नहीं आ पाईं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कुछ ऐसी समस्याएं जो महिलाओं के सफल उद्यमी बनने में आड़े आती हैं और कैसे कोई भी महिला बन सकती हैं एक सफल उद्यमी, साथ ही जानिये सरकार द्वारा चलाई जा रही ऐसी योजनाएं जो महिलाओं को उद्यमी बनने में सहायता करती हैं –
ऐसे बिज़नेस माइंडसेट को डेवलप करें
किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले ज़रूरी है बिज़नेस के लिए सही माइंडसेट डेवलप करना। उसके लिए ये टिप्स महिलाओं के काम आ सकती है –
स्किल पर काम करें :
जब भी कोई बिज़नेस करना चाहता है, तो वह अपनी स्किल से जुड़ा बिज़नेस ही करता है। एक महिला के रूप में अपने बिज़नेस को करने से पहले आपको अपनी स्किल पर काम करना चाहिए। आप अपनी स्किल को और बेहतर बनाइये। साथ ही कोशिश कीजिए कि आप अपनी स्किल के द्वारा कुछ ऐसा कर दें, जिससे कोई आमूलचूल परिवर्तन कर दें।
बिज़नेस प्लान पर काम करें :
अपना बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको विस्तार से अपने बिज़नेस के प्लान को तैयार करना चाहिए। जैसे आपको अपने बिज़नेस के लिए कितने फंड की ज़रूरत होगी और वो आपको कहाँ से मिलेगा। आपको कितने लोगों की ज़रूरत होगी। आप किस प्रकार की मार्केटिंग और अन्य स्ट्रेटेजी अपनाएंगे आदि सभी बातों के बारे में आपको विस्तार में काम करना होगा।
मार्केट रिसर्च :
एक महिला के रूप में अपने बिज़नेस को सफल बनाने के लिए मार्केट की रिसर्च करना भी बहुत ज़रूरी है। आपको यह देखना होगा कि आपके कॉम्पिटिटर्स कौन-कौन हैं। आपके टार्गेटेड कंस्यूमर्स कौन होंगे। उन्हें क्या पसंद आएगा और क्या नहीं। इन सब बातों की रिसर्च करके ही आप अपने बिज़नेस को सफल बना सकते हैं।
पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को मैनेज करें :
एक महिला के लिए अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को मैनेज करना बहुत ही कठिन होता है। लेकिन एक महिला में यह क्षमता होती है कि वह अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को सही तरीके से मैनेज कर सकती है।
बिज़नेस शुरू करने के कुछ स्टेप्स
जब आप अपना बिज़नेस करने का पूरा माइंडसेट बना चुके हैं, तो अब हम आपको बता रहे हैं बिज़नेस शुरू करने के कुछ स्टेप्स –
बिज़नेस का यूनिक नाम :
बिज़नेस मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं - सोलोप्रेन्योरशिप, पार्टनरशिप या कंपनी। आप इनमें से चाहे किसी भी प्रकार का बिज़नेस शुरू करने जा रही हैं। आपको अपने बिज़नेस के लिए एक यूनिक नाम तय करना होगा। आपके बिज़नेस का यह नाम किसी पहले से मौजूद बिज़नेस से मिलता-जुलता ना हो, वरना आप रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाएंगी।
यदि आप सोलोप्रेन्योरशिप (प्रोप्राइटरशिप) के रूप में बिज़नेस करना चाहती हैं, तो
सोलोप्रेन्योर बिज़नेस को शुरू करने के स्टेप :
यदि आप स्वयं ही बिज़नेस शुरू करना चाहती हैं तो उसे सोलोप्रेन्योर (प्रोप्राइटरशिप) कहते हैं। कई स्टार्टअप जैसे होम किचन या छोटे स्तर का कोई बिज़नेस सोलोप्रेन्योरशिप के अंतर्गत आते हैं।
सोलोप्रेन्योर बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन :
सोलोप्रेन्योर बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको अपने शहर के स्थानीय विभाग (जैसे नगर पालिका/नगर निगम, नगर परिषद आदि) में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए आपकी पहचान और पते का प्रमाण पत्र, जगह आपकी है तो उसकी रजिस्ट्री या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी इत्यादि ज़रूरी होती है।
ज़रूरी डाक्यूमेंट्स :
- पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पहचान का मान्यता प्राप्त कोई भी डॉक्यूमेंट)
- पते का प्रमाण पत्र (आधार, मतदाता या कोई अन्य प्रमाण पत्र)
- स्थान की रजिस्ट्री या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी
स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन :
अपने शहर के स्थानीय विभाग में सोलोप्रेन्योरशिप को रजिस्टर करवाने के बाद आपको स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत सरकार भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सुविधाएँ देती है। इनका लाभ आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर रजिस्टर करवाने से मिल जाएगा।
यदि आप पार्टनरशिप के रूप में बिज़नेस करना चाहते हैं, तो
पार्टनरशिप बिज़नेस को शुरू करने के स्टेप :
यदि आप किसी के साथ मिलकर बिज़नेस करती हैं, तो आपको पार्टनरशिप के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
पार्टनरशिप का रजिस्ट्रेशन :
अपने बिज़नेस को पार्टनरशिप के रूप में शुरू करने के लिए आपको कंपनी एक्ट 2013 के अंतर्गत रजिस्टर करवाना होगा। इसके लिए आप मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट https://www.mca.gov.in/content/mca/global/en/home.html पर जाकर रजिस्टर करवा सकते हैं।
ज़रूरी डाक्यूमेंट्स :
- साझेदारी की प्रमाणित फोटोकॉपी
- सभी साझेदारों के पैन कार्ड
- बिज़नेस का पैन कार्ड
- स्थान की रजिस्ट्री या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी
स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन :
पार्टनरशिप फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत सरकार भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सुविधाएँ देती है। इनका लाभ आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर रजिस्टर करवाने से मिल जाएगा।
यदि आप प्राइवेट कंपनी के रूप में स्टार्टअप करना चाहते हैं, तो
प्राइवेट कंपनी के रूप में स्टार्टअप को शुरू करने के स्टेप :
कंपनी के रूप में अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत रजिस्टर करवाना होगा।
कंपनी के रूप में स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन :
इसके लिए आप आपको मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट https://www.mca.gov.in/content/mca/global/en/home.html पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। आपको सभी ज़रूरी डाक्यूमेंट्स और प्रोसेस के बारे में वेबसाइट पर जानकारी मिल जायेगी। इन सभी डाक्यूमेंट्स को पूरा करके आप स्टार्टअप को एक कंपनी के रूप में रजिस्टर कर सकते हैं।
ज़रूरी डाक्यूमेंट्स :
- Incorporation/Registration Certificate of your startup (आपके स्टार्टअप का पंजीकरण प्रमाणपत्र)
- Proof of funding, if any (फंडिंग का प्रमाण, यदि कोई हो)
- Authorisation letter of the authorised representative of the company, LLP or partnership firm (कंपनी, एलएलपी या साझेदारी फर्म के अधिकृत प्रतिनिधि का प्राधिकरण पत्र)
- Proof of concept like pitch deck/website link/video (in case of a validation/ early traction/scaling stage startup) (पिच डेक/वेबसाइट लिंक/वीडियो का प्रमाण)
- Patent and trademark details, if any (पेटेंट और ट्रेडमार्क विवरण, यदि कोई हो)
- List of awards or certificates of recognition, if any (पुरस्कारों या मान्यता प्रमाणपत्रों की सूची, यदि कोई हो)
- PAN Number (पैन नंबर)
स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन :
प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत सरकार भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सुविधाएँ देती है। इनका लाभ आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर रजिस्टर करवाने से मिल जाएगा।
वर्किंग कैपिटल :
अपने बिज़नेस (सोलोप्रेन्योरशिप, पार्टनरशिप या प्राइवेट कंपनी) का रजिस्ट्रेशन और अन्य दैनिक ज़रूरतों के लिए हमें पूंजी की ज़रूरत होती है। आप किस तरह का बिज़नेस कर रही हैं, उसी से आपकी आवश्यक पूंजी निर्धारित होगी। आपको कम से कम अगले एक साल तक के खर्चों का अनुमान लगाकर पूंजी और वर्किंग कैपिटल की व्यवस्था कर लेनी चाहिए।
महिला उद्यमियों के लिए सरकारी योजनाएं
भारत में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए आज सरकार कई सारी योजनाएं चला रही हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
ओरिएंटल महिला विकास योजना :
इस योजना के अंतर्गत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स उन महिलाओं को ऋण प्रदान करता है जिनका किसी बिज़नेस में 51% से ज्यादा मालिकाना हक रखती हैं। इस योजना के अंतर्गत महिला उद्यमी को बिना किसी ग्यारेंटर के 10 से 25 लाख तक का लोन दिया जाता है। महिला उद्यमी अपने इस ऋण को 7 साल में चुका सकती है और इन्हें इसके लिए 2% ब्याज की रियायत भी दी जाती है।
उद्योगिनी योजना :
इस योजना के अंतर्गत 18 से 45 साल तक की महिलाओं को 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। ये उन महिलाओं को दिया जाता है, जो व्यापार, कृषि, रिटेल व छोटे उद्यमों में काम कर रही हैं। इसके लिए परिवार की वार्षिक आय 45 हजार से कम होना चाहिए।
अन्नपूर्णा योजना :
यह योजना उन महिला उद्यमियों को दिया जाता है, जो पैकेज्ड फूड और फूड कैटरिंग इंडस्ट्री में काम करती हैं। इसमें स्टेट बैंक ऑफ मैसूर 50 हजार तक का लोन देती है, जिसे 36 महीनों की मासिक किस्त में जमा किया जाता है। यह लोन बिज़नेस की प्राथमिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाता है।
महिला उद्यम निधि योजना :
यह योजना पंजाब नेशनल बैंक द्वारा संचालित की जा रही है। इसके तहत लघु उद्योगों में शामिल महिला उद्यमियों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है और इस लोन को 10 साल की अवधि में चुकाया जा सकता है।
आज के समय में ऐसी कई महिला उद्यमी हैं, बिज़नेस वर्ल्ड में जिनके नाम का डंका बज रहा है जैसे इंदिरा नूयी, nykaa की फाउंडर फाल्गुनी नायर। यदि आप भी अपना खुद का बिज़नेस शुरू करना चाहती हैं, तो यह आर्टिकल आपके बहुत काम आएगा।