कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू प्रतिबंधों और आर्थिक सुस्ती को पीछे छोड़ते हुए केंद्र सरकार के ई-मार्केट प्‍लेस मंच जीईएम (Government e-Marketplace) पर रजिस्टर्ड स्टार्टअप कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वाणिज्य मंत्रालय ने अगस्त 2016 में सार्वजनिक खरीद के लिये जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) की शुरूआत की थी. इसका मकसद सरकार के लिये खुला और पारदर्शी खरीद मंच तैयार करना था. जीईएम (https://gem.gov.in) पर मौजूद उद्यमों और स्टार्टअप को सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से ऑर्डर मिलता हैं. MSME सेक्टर की तरक्की में ई-कॉमर्स बना बेहतरीन साधन, ऐसे मिल रहा बढ़ावा

अधिकारिक बयान के मुताबिक जीईएम प्लेटफार्म पर अब तक 35,95,178 उत्पादों और कई वस्तुओं और सेवा प्रदान करने के लिए 18,85,166 विक्रेता और सेवा प्रदाता रजिस्टर्ड हैं. पोर्टल पर अब तक 1,11,113 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है. कोरोना काल के बावजूद बीते मार्च महीने में ही सरकार के ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल से वस्तुओं और सेवाओं की सार्वजनिक खरीद एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गई थी.

जीईएम के पैमाने और प्रभाव में तेजी से वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2020-21 में इसकी ऑर्डर वैल्यू 38,620 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. पोर्टल पर 52 हजार से अधिक खरीदार और 18.75 लाख से अधिक विक्रेता रजिस्टर्ड हैं, जो 16,332 उत्पाद कैटलॉग और 187 सेवा कैटलॉग में काम कर रहे हैं. जीईएम विशेष रूप से "वस्तुओं" और "सेवाओं" के लिए राष्ट्रीय खरीद पोर्टल के रूप में शुरू हुआ, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बजट भाषण में तय दृष्टिकोण के अनुसार, जीईएम वस्तुओं और सेवाओं के लिए "एकीकृत खरीद प्रणाली" और "कार्य अनुबंध" बनने की ओर बढ़ रहा है.

जीईएम ने कई कोविड-19 संबंधित पहलें भी की हैं, जिसमें श्रेणियों के लिए उत्पादों / ब्रांड अनुमोदन को प्राथमिकता देना शामिल है. बोली की अवधि 10 दिन से घटाकर 1 दिन कर दी गई है, और डिलिवरी की अवधि 15 दिन से घटाकर 2 दिन कर दी गई है. खरीदारों और विक्रेताओं दोनों की प्रतिक्रिया के आधार पर कई नई सुविधाएँ और कार्यप्रणालियाँ शुरू की गई हैं:

  • कस्टम आइटम बोली-प्रक्रिया, बीओक्यू-आधारित बोली-प्रक्रिया, क्षमता आधारित बोली-प्रक्रिया सहित विभिन्न नए बोली-प्रक्रिया प्रारूप
  • प्राइस वेरिएशन क्लॉज (पीवीसी) के साथ अनुबंधों का प्रावधान
  • माइलस्टोन आधारित भुगतानों के साथ स्थापना, कमीशनिंग, प्रशिक्षण और एएमसी/सीएमसी की खरीद
  • मांग एकत्रीकरण
  • विक्रेता प्रतिनिधित्व, तकनीकी स्पष्टीकरण और चुनौती अस्वीकृति विंडो शुरू की गई है
  • विलंबित भुगतान के लिए खरीदारों पर ब्याज दंड लगाना शुरू हुआ है
  • संशोधित विक्रेता रेटिंग प्रणाली शुरू हुई है

जीईएम दरअसल एक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीददारी पोर्टल है. गवर्नमेंट ई-मार्केट प्‍लेस यानी जीईएम राष्‍ट्रीय सार्वजनिक खरीददारी पोर्टल है जो केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों, स्‍वायत्त संस्‍थानों और स्‍थानीय निकायों की सभी खरीददारी जरूरतों के समस्‍त समाधान उपलब्‍ध कराता है. जीईएम ने प्रौद्योगिकी के उपयोग और खरीददारी को संपर्क रहित, कागज रहित और कैशलेस बनाकर सार्वजनिक खरीदारी का स्‍वरूप बदल दिया है.