डिजिटल इंडिया, मेक-इन-इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया, इनोवेशन फंड जैसे अन्य सरकारी योजनाओं ने देश में डिजिटल उन्नति और ई-कॉमर्स के विकास में जबरदस्त योगदान दिया है. प्रौद्योगिकी प्रगति ने ई-कॉमर्स की शुरुआत करके बिजनेस की परंपरागत तकनीक को डिजिटल स्पेस में बदलकर बड़ी क्रांति लाई है. इस प्रौद्योगिकी विकास ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में प्रचंड रूप से वृद्धि की है. ई-कॉमर्स अथवा इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स देश के छोटे उद्यमों का संकट में नया सहारा बनकर उभरा है. MSME सेक्टर को राहत पहुंचाने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट स्कीम का बढ़ाया गया दायरा, ऐसे होगा फायदा

त्वरित इंटरनेट उपयोगों एवं स्मार्टफोन की पहुंच ने ई-कॉमर्स को भारतीय व्यापार में गेम चेंजर के रूप में उभरने में मदद की है. वेबसाइटों के माध्यम से व्यवसायों ने प्रमुख मान्यताओं को चिह्नित किया है, जिसमें वेबसाइटों को मुख्य मंच माना जा रहा है, जो प्रतिस्पर्धात्मक लाभ सुनिश्चित कर सकता है, कि यह उन कारणों में से एक है, जो ई-कॉमर्स की सफलता निर्धारित करते हैं. इसके साथ 5G के लिए फाइबर नेटवर्क को रोल आउट करने से भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय विशेष रूप से गति पकड़ेगा.

भारत जैसे विकासशील देश एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के बढ़ते महत्व को समझते हैं और इसे अपनी आर्थिक प्रासंगिकता को और ज्यादा विस्तार देने को अवसर के रूप में देखते हैं. आज एमएसएमई (MSME) ई-कॉमर्स में शामिल होकर अधिक मुनाफा कमा रहा है. ई-कॉमर्स में MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) की बढ़ी हुई भागीदारी को अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र (ITC) द्वारा भी दर्शाया गया है. करीब 2262 फर्मों पर किए गए आईटीसी के हालिया सर्वे में संकेत मिलता है कि जो कंपनियां केवल सीमा पार ई-कॉमर्स में संलग्न हैं, उनमें 82 फीसदी एमएसएमई है.

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के तेजी से हो रहे विकास से यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे डिजिटल दृष्टिकोण से उद्योग जगत में एमएसएमई के तेजी से समावेश के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है. कोरोना महामारी ने ऑनलाइन शॉपिंग सेगमेंट में कई प्रमुख घटनाक्रम को जन्म दिया, जिसमें कुछ ब्रांड जो पारंपरिक रूप से ऑफ़लाइन थे, उन्होंने अपने डिजिटल शॉपिंग विकल्पों को सामने रखा, वर्तमान हालातों ने यह भी खुलासा किया है कि कैसे अधिकांश उपभोक्ता अपनी टेंशन-फ्री प्रक्रिया और नियत समय पर ऑनलाइन खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं.

विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि कई उपभोक्ता अपनी जरूरत के उत्पादों की खरीदारी के लिए फेसबुक और इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी अपना रहे हैं. इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के माध्यम से आसान पहुंच और रीयल टाइम फीडबैक ने कई मौजूदा और एमएसएमई ब्रांडों के लिए बिजनेस को एक पायदान ऊपर चढ़ा दिया है.

सहज चेकआउट वाली एक आसान नेविगेशन वेबसाइट ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर अधिक उपभोक्ता के आकर्षण का केंद्र बन सकती है. हालांकि एमएसएमई के लिए निर्विरोध विकास के लिए डिजिटल स्पेस, उपयोगकर्ताओं की डेटा गोपनीयता और सिक्यूरिटी की रक्षा करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. यदि किसी व्यक्ति को ई-कॉमर्स साइट पर अमुक उत्पाद नहीं मिल रहा है, जिसे वह ढूंढ रहा हैं, तो वह इसे नहीं खरीदेंगा. एक अच्छा और स्पष्ट डिजिटल नेविगेशन प्रवाह उपयोगकर्ताओं को उनकी इच्छा के अनुसार वेबसाइट पर जानकारी या विशिष्ट उत्पादों तक आसानी से पहुंचने की सुविधा मुहैया करवाता है. वेबसाइट पर यूजर इंटरफेस और यूजर एक्सपीरियंस एमएसएमई की सफलता की एक महत्वपूर्ण कुंजी है जो उपभोक्ता की संतुष्टि को भी सुनिश्चित करता है.

वेबसाइट में भुगतान के कई विकल्पों को शामिल करने से उपभोक्ताओं को अपनी पसंद के भुगतान पद्धति को इस्तेमाल करने की सुविधा प्राप्त होती है. एमएसएमई को Google Ads, SEO जैसे विभिन्न डिजिटल विज्ञापन टूल पर भी विचार करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहक उनसे सुपरिचित हैं. जिस तरह दुनियाभर के उद्योग डिजिटल रूप में प्रवेश कर रहे हैं, माना जा सकता है कि उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरी करने और एमएसएमई को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के विकास की जरूरत है. ई-कॉमर्स अपनी स्थापना के समय से ही प्रमुख व्यावसायिक उन्नति का एक टूल रहा है.