पिता बेचते थे फल, बेटा फलों से बना रहा है Natural आइसक्रीम। जानिये रघुनंदन कामत की संघर्ष से सफलता की कहानी

Naturals icecream. Know the success story of Raghunandan Kamath from struggle.

आज के समय में आइसक्रीम किसे पसंद नहीं है, हर कोई इंसान एक अच्छी आइसक्रीम खाना चाहता है। इसके ऊपर से यदि नेचुरल इंग्रेडिएंट से बनी आइसक्रीम मिल जाए, तो सोने पर सुहागा होता है। आज आइसक्रीम के कई सारे प्रसिद्ध ब्रांड हैं, लेकिन Naturals आइसक्रीम ने अपनी ख़ास पहचान बनाई है।

Naturals आइसक्रीम की शुरुआत रघुनंदन कामथ ने मुंबई में की थी। इनके पिता फलों का ठेला लगाते थे, इसलिए इन्हें फलों से विशेष लगाव था और अच्छे और रसीले फलों की विशेष पहचान भी थी। इन्होंने इसी को अपने ब्रांड की विशेषता बनाई। जानिये किन संघर्षों का सामना करते हुए रघुनंदन जी ने Naturals आइसक्रीम की शुरुआत की –

कौन है रघुनंदन कामथ?

कंपनी का नाम: Naturals Ice Cream
ओनर: रघुनंदन कामथ
स्थापना: 14 फरवरी, 1954, जुहू मुंबई
वर्तमान स्थिति: 400 करोड़ का टर्नओवर, 135 से ज्यादा आउटलेट (2020 के अनुसार)

रघुनंदन कामथ का जन्म 1954 में कर्नाटक के एक छोटे से गांव में हुआ था। वहां इनके पिता फल और सूखी लकड़ियां बेचकर अपना और अपने परिवार का गुजारा करते थे। रघुनंदन भी इसमें अपने पिता का साथ देते थे, जिससे उन्हें अच्छे फलों को पहचानने का ज्ञान प्राप्त हुआ, जो आगे चलकर उनके लिए फायदेमंद रहा। इसके साथ ही इन्होंने अपने पिता से फलों को संरक्षित करने का काम भी सीखा।

ऐसे शुरू की Naturals आइसक्रीम

14 साल की उम्र तक रघुनंदन जी अपने गाँव में रहकर अपने पिता का हाथ बंटाते रहे। 1966 में वे मुंबई में अपने भाइयों के पास आ गए। मुंबई में रघुनंदन के बड़े भाई की गोकुल रिफ्रेशमेंट के नाम से साउथ इंडियन शॉप थी, जहाँ रघुनंदन काम करने लगे। इनके भाई इस दुकान पर सिर्फ चॉकलेट और वैनिला आइसक्रीम बनाते थे। कुछ समय बाद सभी भाइयों में बंटवारा हो गया, जिसमें रघुनंदन के हिस्से 3 लाख 50 हजार रुपये आये।

इन रुपयों से रघुनंदन जी ने 14 फरवरी 1984 को मुंबई के जुहू में 4 लोगों के साथ मिलकर Naturals आइसक्रीम की शुरुआत की। 1 हफ्ते में ही इन्होंने आइसक्रीम के हजार कप बेच दिए। लेकिन इसके बाद इनकी आइसक्रीम की बिक्री में अचानक से गिरावट आ गयी, तब इन्होंने एक अनूठा तरीका निकला। इन्होंने अपने आउटलेट पर पावभाजी बेचना शुरू किया, ताकि लोग तीखी पावभाजी के बाद मीठी और ठंडी आइसक्रीम खाएं। इनका यह आईडिया कमाल कर गया और इनकी बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। 1985 में इन्होंने पावभाजी बेचना बंद कर दिया, जिसका आइसक्रीम की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा।

कंपनी की वर्तमान स्थिति

4 लोगों के साथ शुरू हुई Naturals आइसक्रीम में आज 125 लोग दिनरात लोगों तक रसीला स्वाद पहुंचाने का काम कर रहे हैं। आज Naturals आइसक्रीम के देशभर में 135 से ज्यादा आउटलेट हैं और इन आउटलेट पर कटहल, कच्चा नारियल, काला जामुन जैसे 20 फ्लेवर्स की आइसक्रीम बिक रही है। 2020 की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Naturals आइसक्रीम का टर्नओवर 400 करोड़ को पार कर गया है।

आज जहाँ बाकी के सभी ब्रांड्स आर्टिफिशियल कलर और प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल करते हैं। वहीं Naturals आइसक्रीम दूध, चीनी और ताजे फलों के रस का इस्तेमाल कर आइसक्रीम बनाती है। यही कारण है कि Naturals आइसक्रीम का स्वाद सभी की जबान पर चढ़ चुका है।

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