साइकिल के छोटे से बिज़नेस से भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी तक का सफर। जानिये सुनील मित्तल की सफलता की कहानी

Success story of Airtel founder Sunil Bharti Mittal.

आज के समय में लगभग हर इंसान मोबाइल का इस्तेमाल करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारत में 112.5 करोड़ लोग मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करते हैं। आज भारत में कई कम्पनियां मोबाइल सर्विस प्रोवाइड करती हैं, उनमें से ही एक कंपनी है एयरटेल। आज एयरटेल भारत की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है।

एयरटेल के संस्थापक सुनील भारती मित्तल हैं, उन्होंने अपना पहला बिज़नेस अपने पिता से 20 हजार रूपये उधार लेकर शुरू किया था। एयरटेल को शुरू करने से पहले वे और भी कई बिज़नेस में अपना हाथ आज़मा चुके थे। उसके बाद उन्होंने एयरटेल की शुरुआत की और आज उनकी लगन और कड़ी मेहनत के कारण ही सुनील 14.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं।

आज के इस आर्टिकल में जानिये सुनील भारती मित्तल की कहानी –

जन्म: 23 अक्टूबर 1957, लुधियाना
पिता: सतपाल मित्तल
माता: ललिता मित्तल
वर्तमान पद: एयरटेल के फाउंडर और चेयरमैन
कुल संपत्ति: 14.8 बिलियन डॉलर

 

एयरटेल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कम्पनी बन चुकी है।

कैसा था सुनील का शुरुआती जीवन

सुनील भारती मित्तल का जन्म 23 अक्टूबर 1957 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। उनके पिता का नाम सतपाल मित्तल था, जो 2 बार लोकसभा से और 1 बार राज्यसभा से सांसद रह चुके थे। सुनील की माता का नाम ललिता मित्तल था, जो एक हाउसवाइफ थी। सुनील की स्कूली शिक्षा मसूरी और ग्वालियर में हुई थी। उसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और 1976 में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।

ऐसे रखा बिज़नेस जगत में पैर

आपने वो लाइन तो कई बार सुनी होगी "मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।" सुनील के पिता एक राजनेता थे, अगर वो चाहते, तो आराम से कोई भी काम कर सकते थे, लेकिन वो खुद के पैरों पर खड़ा होना चाहते थे। जब सुनील 18 साल के हुए, तब उन्होंने अपने पिता से 20 हजार रुपये लेकर दोस्तों के साथ मिलकर एक छोटा से साइकिल बिज़नेस शुरू किया, जिसमें वे हीरो साइकिल के कुछ पार्ट्स बनाते थे। इस बिज़नेस में उन्हें मुनाफा भी हुआ, लेकिन सुनील को इसमें ज्यादा संभावनाएं नहीं दिख रही थी।

इसके बाद सुनील ने अपने भाइयों के साथ मिलकर भारती ओवरसीज ट्रेडिंग कंपनी की शुरुआत की। 1981 में सुनील ने इम्पोर्ट लाइसेंस लेकर जापान से पोर्टेबल जनरेटर की बिक्री का काम शुरू किया। इस बिज़नेस में भी उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ, लेकिन भारतीय कम्पनियों को जनरेटर बनाने का लाइसेंस मिल गया, जिसके कारण इन्हें अपना यह काम बंद करना पड़ा। 1984 में ताइवान की कंपनी Kingtel से तार वाले फ़ोन बेचने का काम शुरू किया।

ऐसे हुई एयरटेल की शुरुआत

भारत में मोबाइल टेक्नोलॉजी दस्तक दे चुकी थी, 1992 में सरकार मोबाइल नेटवर्क के लाइसेंस की नीलामी कर रही थी। उस समय सुनील मित्तल की कंपनी भारती सेलुलर लिमिटेड ने भी इस नीलामी में हिस्सा लिया और उन्हें लाइसेंस मिल भी गया। सुनील ने इसी कंपनी के अंतर्गत एयरटेल ब्रांड शुरू किया, जिसका नाम आज हर किसी के जबान पर रहता है। आज सुनील की कुल संपत्ति 14.8 बिलियन डॉलर है।

सुनील मित्तल को व्यापार जगत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।


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