सोनम वांगचुक Success Story: ये शख्स हैं 3 इडियट्स के असली फुंगशुक वांगडू, कई छात्रों को बना चुकें हैं वैज्ञानिक

आप सभी ने फिल्म 3 इडियट्स तो जरूर देखी होगी। फिल्म में आमिर खान ने फुंगशुक वांगडू का किरदार निभाया था जिसे दर्शकों ने खूब पंसद किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं उनके द्वारा निभाया यह किरदार असल के फुंगशुक वांगडू से प्रेरित है। फुंगशुक वांगडू के नाम से प्रसिद्ध इस इंजीनियर का असली नाम सोनम वांगचुक है। सोनम बर्फीले रेगिस्तान में बच्चों के लिए शिक्षा में सुधार का बीड़ा उठाए हुए हैं। इस दुर्गम इलाके में सोनम और उनके साथियों ने 1988 में एक अभियान खड़ा कर दिया था, जिसे स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख यानी सेकमॉल कहा जाता है। आज कई फेल छात्र भी इनसे शिक्षा प्राप्त कर बड़े वैज्ञानिक बन चुके हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी-

सोनम खुद पेशे से एक इंजीनियर हैं और लद्दाख के इलाकों में पिछले 20 वर्षों से कार्यरत हैं। वे स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SEMCOL) के नाम से मूवमेंट चला रहे हैं। सोनम वांगचुक का जन्म 1 सिंतबर 1966 को लद्दाख के Uley-Tokpo गांव में हुआ था। उनके परिवार में सिर्फ 3 लोग ही रहते थे। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती 8 वर्ष अपनी  मां के साथ बिताए। उनकी प्रारंभिक सिक्षा खेल-खेल में ही हुई। जिसके बाद कक्षा 1 से 3 तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो सामान्य रुप से स्कूल गए।

सोनम के पिता नेता थे। सोनम चाहते तो वो भी राजनीति में जा सकते थे। लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग को चुना। वो मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते थे, जिसे पूरा करने के लिए उनका अपने पिता के साथ काफी विवाद भी हुआ। उनके पिता चाहते थे सिविल इंजीनियरिंग करें। इस कारण उन्हें घर से निकलना पड़ा। आखिर कार उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। सोनम चाहते तो इंजीनियर बनकर अच्छी जगह नौकरी कर सकते थे। लेकिन उन्होंने स्कूल में पढ़ाना उचित समझा।

सोनम साइंस और मैथ्स जानते थे, तो उन्होंने लेह में पहला कोचिंग सेंटर खोला। दो महीने में ही चार साल का पढ़ाई का खर्च निकल गया, लेकिन उससे बड़ा परिवर्तन आया। सोनम देखा कि कैसे शिक्षा के अभाव में अच्छे बच्चों को भी फेल कर दिया जाता था। इसलिए वो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए जुट गए। साल 1988 में सोनम और उनके साथियों ने एक अभियान के रुप में स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख यानी सेकमॉल की शुरूआत की थी।

वो यहां ऐसे बच्चों को जगह देते हैं जो सिस्टम से नकार दिए गए होते हैं। वह उन्हें वॉलंटियर बनाकर स्वयं काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। अब तक वो 1000 से भी ज्यादा बच्चों को प्रेरित कर चुकें हैं। उन्होंने इस मकाम को बड़ी मुश्किलों के साथ पाया है। सोनम वांगचुक का कहना है कि इंजीनियरिंग मेरा शौक है और अब हम वैकल्पिक विश्वविद्यालय पर काम कर रहे हैं। इसमें बच्चे हाथ से काम करके सीख रहे हैं। इसके प्लानिंग वर्कशॉप काम कर रहे हैं। यहां कोई फीस नहीं होगी, शिक्षा मुफ्त होगी।

सोनम की मुलाकात 2008 में आमिर खान से हुई थी। वो एक अवॉर्ड फंक्शन में मिले। सोनम कहते हैं कि आमिर खान का किरदार मुझसे प्रेरित नहीं था, लेकिन मेरे जीवन से उनका किरदार पूरी तरह से प्रभावित जरूर लगता है। सोनम वांगचुक ने सरकारी स्कूल में काम करने का फैसला इसलिए लिया था क्योंकि आम बच्चे वहीं जाते हैं।

वांगचुक ने जब कोशिश शुरू की थी तब वहां बोर्ड परीक्षा में 95 फीसदी बच्चे फेल हो जाते थे, जिससे निराश होकर वह पढ़ाई छोड़ देते थे। सोनम ने साल 1994 में ऑपरेशन न्यू होप लॉन्च किया, जिसके जरिए सरकार, गांवों की पंचायतों और आम जनता के बीच शिक्षा के स्तर पर बेहतर तालमेल बनाया जा सके। उनके नए आइडिया और कड़ी मेहनत की ही नतीजा है कि इस आंकड़े में बड़ी गिरावट आई है। उनके इस आइडिया के कारण आज फेल होने के आंकड़ो में कमी आई है।

सोनम ने बर्फ पिघलाकर पानी बनाने की नई तकनीक भी विकसित की है। सोनम पीने के पानी और खेती के लिए भी अपने स्टूडेंट्स के साथ अभियान चलाए हुए हैं। लद्दाख में खेती और वृक्षारोपण के लिए वांगचुक ने एक नया तरीका विकसित किया है। इसमें स्थानीय लोगों से कहा गया कि वे बर्फ के स्तूप बनाएं, जो 40 मीटर तक ऊंचे रहें। 10 हैक्टेयर जमीन को इस तरह के एक स्तूप से सिंचित किया जाता है। करीब 1 करोड़ 60 लाख लीटर पानी की व्यवस्था एक स्तूप से होती है।

इसका प्रयोग गर्मी के समय पिघले हुए पानी को टैकों में इकट्ठा कर किया जाता है, जिसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए होता है। ठंडे रेगिस्तान माने जाने वाले लद्दाख में इन कृत्रिम ग्लेशियरों को लद्दाख में 'स्तूप' कहा जाता है। अब तक इनसे 10 लाख लीटर तक का पानी सप्लाई हो चुका है। सोनम वांगचुक अपनी इस खोज के लिए रोलैक्स पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकें हैं।

 

सोनम का जीवन आज सभी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। सोनम ने अपनी नई सोच और मेहनत के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। वो आज कई बच्चों का मार्गदर्शन कर चुके हैं। वाकई में सोनम जैसे टीचर्स का होना किसी मोटिवेशन (Motivation) से कम नहीं है। यदि आप अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, एवं अपना बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आप हमारे Problem Solving Couse को ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। हमारे Problem Solving Course को ज्वाइन करने के लिए इस लिंक https://www.badabusiness.com/psc?ref_code=ArticlesLeads पर क्लिक करें और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/?ref_code=ArticlesLeads पर Visit  करें।

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