वो कहते हैं, "मन में अगर इच्छा हो, तो ज़मीन पर बैठकर भी आसमान में सुराख किया जा सकता है।" मुंबई की दो बहनों, कैनाज़ और टीना मेसमान, ने इस कहावत को सच कर दिखाया।
एक छोटे से कमरे में शुरू की गई उनकी बेकरी आज ₹3,500 करोड़ का एक बड़ा और प्रसिद्ध ब्रांड बन चुकी है। उनका बेकरी ब्रांड, थियोब्रोमा (Theobroma), आज भारत के सबसे बड़े और मशहूर बेकरी ब्रांड्स में से एक है। लेकिन ये सफलता किस तरह मिली?
आइए जानते हैं कि कैनाज़ और टीना ने किस संघर्ष के बाद इस ब्रांड को इस मुकाम तक पहुँचाया।
कंपनी: | Theobroma |
संस्थापक: | कैनाज़ और टीना मेसमान |
स्थापना: | 2004 |
कंपनी वैल्यूएशन: | ₹3,500 करोड़ |
भले ही Theobroma आज एक बड़ा बेकरी ब्रांड है, लेकिन इसकी शुरुआत काफ़ी बुरे हालातों में हुई थी। कैनाज़ और टीना के परिवार में बचपन से ही अलग-अलग तरह के खाने बनाए जाते थे, जिससे कैनाज़ को कुकिंग का शौक मिला। 16 साल की उम्र में जब वो एक फैमिली ट्रिप पर फ्रांस गईं, तब वहां के खाने का अनुभव लेकर उन्होंने फैसला किया कि वो एक शेफ बनना चाहती हैं।
अपनी ड्रीम जॉब में थी खुश, कि तभी हुआ एक बड़ा हादसा।
अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, कैनाज़ ने मुंबई के Institute of Hotel Management से आगे की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने Oberoi Centre of Learning and Development में अपनी कुकिंग स्किल्स को और निखारा। कॉलेज के बाद, कैनाज़ ने Le Cordon Bleu में ट्रेनिंग ली और फिर Hotel Oberoi Uday Vilas में पेस्ट्री शेफ के रूप में काम किया। वह खुशी-खुशी अपने शेफ के करियर का आनंद ले रही थीं।
कैनाज़ जब 24 साल की थीं, तब उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ आया। एक सड़क हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिसके चलते वह लंबे समय तक बिस्तर पर रहीं। डॉक्टर ने कहा कि वह अब शेफ की नौकरी नहीं कर सकतीं, क्योंकि इस पेशे में कई घंटों तक खड़े रहना जरूरी होता है। एक्सीडेंट के कारण उनकी स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें अपनी ड्रीम जॉब छोड़नी पड़ी।
इतनी कठिनाइयों के बावजूद, कैनाज़ ने हार नहीं मानी और अपने कुकिंग सपने को जीवित रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। नौकरी छोड़कर उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत करने का फैसला किया, जिसमें उनकी बहन टीना ने उनका पूरा समर्थन किया। 2004 में, दोनों बहनों ने एक छोटे से कमरे में अपनी बेकरी "Theobroma" शुरू की। इस नाम के पीछे एक अनोखी कहानी है: ग्रीक भाषा में "Theos" का मतलब "भगवान" और "broma" का मतलब "भोजन" होता है, जिससे "Theobroma" का अर्थ "देवताओं का भोजन" निकलता है।
टीना और कैनाज़ के सपनों उनके पिता ने दिए पंख.
इस बिजनेस को और बड़े लेवल पर ले जाने के लिए कैनाज़ और टीना के पिता ने उन्हें डेढ़ करोड़ की फंडिंग दी। एक छोटे से कमरे से शुरू की एक बेकरी आज ₹3,500 करोड़ की कंपनी बन चुकी है। Theobroma के आज 225 आउटलेट्स हैं जो कि देश की एक बड़ी बेकरी चेन के तौर पर स्थापित हो चुकी है।
कैनाज़ और टीना की मेहनत रंग लाई, आज 20 साल बाद वो सफलतापूर्वक अपने इस ब्रांड को आगे बढ़ा रही हैं। देश की सबसे सफल बिजनेस वूमेंस में इनका नाम गिना जाता है। इनकी मेहनत और संघर्ष आज देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
आपको कैनाज़ और टीना की ये सफलता की कहानी कैसी लगी हमें कॉमेंट्स में ज़रूर बताएं।