कुंवर सचदेव Success Story: कभी बसों में बेचते थे पेन, आज है करोड़ों का सफल बिज़नेस
कुछ लोग अपनी किस्मत खुद लिखते हैं जो देश के साथ विदेशों में भी प्रसिद्धि का कारण बनती है। आज जब हर जगह बात मेक इन इंडिया (Make in India) की हो रही है तो उसमें कुंवर सचदेव का नाम कैसे पीछे रह सकता है। कुँवर सचदेव भारत की लीडिंग पॉवर सोल्यूशन कंपनी सु-काम (Su-Kam) Sukam solar inverter के एम डी और संस्थापक हैं। इसके साथ ही वो एक महान खोजकर्ता, प्रेरणादायक वक्ता, उद्योजक और उद्योजक मार्केटर भी है। सचदेव के सु-काम के सफलता की कहानी (Success Story) “मेक इन इंडिया” (Make in India) का प्रत्यक्ष उदाहरण है। कभी बसों में पेन बेचने वाले कुंवर सचदेव के बारे में किसी ने सोचा नहीं था एक पेन बेचने वाला कभी इतनी बड़ी करोड़ों की कंपनी खड़ी कर देगा।
कुंवर सचदेव का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के आगे कभी हार नहीं मानी। कुंवर बचपन में अपने बड़े भाई के साथ साइकिल पर गली-मोहल्लों में पेन बेचते थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने भाई के साथ पेन बेचने का काम शुरु कर दिया। कुंवर सचदेव बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहते थे। उनके पिता रेलवे में सेक्शन ऑफिसर थे और उस वक्त उनकी तनख्वाह ज्यादा नहीं थी कि वो तीन भाईयों की सही परवरिश कर पाएं। सचदेव जब 5 वीं क्लास में थे तब उनके पिता ने उन्हें प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में डाल दिया। 12वीं के बाद कुंवर ने मेडिकल का एंट्रेस एग्जाम दिया, पर अच्छे नंबर नहीं आने के कारण मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिला और उनका सपना अधूरा रह गया।
कुछ समय बाद उन्होंने पेन बेचना बंद कर दिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कुंवर ने केबल टीवी कंपनी में मार्केटिंग का भी काम किया। 2 साल नौकरी करने के बाद खुद के बचाए 10 हजार रुपय से उन्होंने 1988 में केबल का बिज़नेस करना शुरु किया। उन्होंने उसका नाम सु-काम (Su-Kam) रखा। 1991 में ग्लोबलाइजेशन के बाद टीवी केबल का बिजनेस काफी चल पड़ा। लेकिन उनकी किस्मत में अभी और संघर्ष लिखा था। साल 2000 में कुंवर सचदेव के इन्वर्टर से एक बच्चे को करंट लगने की घटना घटी। इससे वो काफी दुखी हुए और अपनी योजना में बदलाव कर दिया। इसके बाद वो प्लास्टिक बॉडी वाले इन्वर्टर बनाने शुरू करने लग गए।
कुंवर सचदेव ने सु-काम पॉवर सिस्टम (Su-Kam Power System) की स्थापना की। कुछ ही सालो में कड़ी मशक्कत और महेनत सके बाद सु-काम एक प्रतिष्ठित कंपनी बन गई। आज सु-काम इंडियन मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन है। सु-काम को भारत की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री में से एक माना जाता है। जो मेक इन इंडिया का प्रत्यक्ष उदाहरण है। सु-काम की पहुंच आज 90 से भी ज्यादा देशों में है।
सचदेव को प्लास्टिक बॉडी इन्वर्टर का अविष्कार करने वाले विश्व के पहले व्यक्ति है। उन्हें “इनोवेशन ऑफ़ द डिकेड” (Innovation of the Decade) के नाम से भी जाना जाता है।
कुंवर की इच्छा थी कि भारत में हर जगह ग्रीन एनर्जी बननी चाहिए। यूनिक सोलर DC सिस्टम के निर्माण में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने बहुत छोटे हाउस रिमोट से लेकर बड़ी इंडस्ट्री के लिए भी सोलर उपकरणों की खोज की है। उनके इस योगदान की वजह से उन्हें The Solar Man of India के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
कुंवर सचदेव को भारत सरकार ने “भारत शिरोमणि” और एर्न्स्ट एंड यंग का “साल के सर्वश्रेष्ट उद्योगपति” अवार्ड से सम्मानित भी किया है। कुंवर के कठिन परिश्रम का ही यह फल है कि सु-काम आज सबसे ज्यादा मार्किट शेयर करने वाली कंपनी है। कुंवर सचदेव की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत (Inspirational Story) है। उन्होंने अपने बिज़नेस की सफलता की कहानी (Success Story) खुद लिखी है। कुंवर सचदेव की तरह यदि आप भी अपने स्टार्टअप को शुरु करने जा रहे हैं, अपने बिज़नेस को और ज्यादा सफल बनाना चाहते हैं एवं अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारी लाईफ टाईम मेंबरशिप कों ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको करियर और बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/life-time-membership?ref_code=ArticlesLeads पर Visit करें।